छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के बच्चे दिल्ली से बरामद

दिल्ली | समाचार डेस्क: छत्तीसगढ़ के 10 बंधवा बच्चों को दिल्ली से मंगलवार को छुड़ा लिया गया. इसी के साथ छत्तीसगढ़ के बच्चों को बंधवा बनाकर रखने के जुर्म में एक महिला सहित 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. यह कार्यवाही छत्तीसगढ़ पुलिस तथा दिल्ली पुलिस ने संयुक्त रूप से की. सभी बच्चे छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के पत्थलगांव के हैं तथा इनकी उम्र 13 से 15 के बीच की है. इनमें से चार लड़के हैं जिन्हें गैर सरकारी संगठन शक्ति वाहिनी की मदद से छुड़ाया गया.

छापे के दौरान पाया गया कि इन बच्चों को कथित प्लेसमेंट एजेंसी के छोटे से कमरे में बंद करके रखा गया था. छत्तीसगढ़ पुलिस तथा दिल्ली पुलिस ने संयुक्त रूप से दिल्ली के मोतीनगर तथा सकुरपुरा में छापा मारकर निर्मला प्लेसमेंट एजेंसी तथा गुड्डु प्लेसमेंट एजेंसी से इन बच्चों को बरामद किया. इनके साथ जशपुर के दो दलालों को भी पुलिस कार्यवादी के दौरान गिरफ्तार किया गया है.

गिरफ्तारी के बाद आरोपियों ने स्वीकार किया है कि वे इस धंधे में वर्ष 2008 से संलग्न हैं तथा उन्होंने छत्तीसगढ़ के जशपुर से बच्चों को लाकर दिल्ली, अजमेर, देहरादून, पंजाब, हरियाणा, मुंबई तथा जम्मू तक में 25 हजार रुपयों में बेचा है. जिसमें से 5 हजार रुपये दलालों को दिये जाते हैं. जाहिर है कि छत्तीसगढ़ के मानव तस्करी करने वाले दलाल अपने ही राज्य के बच्चों को 5 हजार रुपयों के लालच में बहला-फुसलाकर दिल्ली लाकर इन तथाकथित प्लेसमेंट एजेंसियों के हवाले कर रहें हैं.

पीड़ित बच्चों से मिली जानकारी के अनुसार उन्हें बिलासपुर के कपड़ा मिल में 10 हजार रुपये प्रतिमाह की नौकरी दिलाने के नाम पर दिल्ली लाया गया. बच्चों ने बताया कि पहले उन्हें रायगढ़ रेलवे स्टेशन तक लाया गया तथा उसके बाद ट्रेन में बैठाकर दिल्ली लाया गया. बच्चों ने बताया कि न तो उन्हें चिकित्सा सुविधा दी जाती है न ही उन्हें पहनने के कपड़े दिये जाते हैं. उन्हें प्लेसमेंट एजेंसी वाले दिन में केवल एक बारही खाने को देते थे.

पीड़ित बच्चों की बातों से जाहिर है कि बच्चों को छत्तीसगढ़ के रायगढ़ से रेल द्वारा दिल्ली लाया गया था. उल्लेखनीय है कि रायगढ़ से उत्कल एक्सप्रेस बिलासपुर होते हुए पेंड्रा मार्ग से सीधे दिल्ली जाती है. इसके अलावा भी कई अन्य ट्रेने बिलासपुर से सीधे दिल्ली तक जाती है.

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