ओपी ने पेश किया ‘अमृतकाल : छत्तीसगढ़ विजन @2047’
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने शुक्रवार को विधानसभा में एक लाख 47 हजार 500 करोड़ का बजट पेश किया.सरकार ने छत्तीसगढ़ को 2047 तक विकासशील से विकसित राज्य बनाने के लिए विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने का ऐलान किया है. इसे ‘अमृतकाल : छत्तीसगढ़ विजन @2047’ नाम दिया गया है.
राज्य के ताज़ा बजट में, अगले पांच सालों में राज्य की GDP को 5 लाख करोड़ से 10 लाख करोड़ तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए 10 मौलिक रणनीतिक स्तंभों का मसौदा तैयार किया गया है.
बजट का सर्वाधिक 15.95 फीसदी हिस्सा शिक्षा और 14.05 फीसदी कृषि और संबद्ध सेवा क्षेत्र को आवंटित किया गया है. बजट में ग्रामीण क्षेत्र के लिए 12.06 फीसदी, अधोसंरचना क्षेत्र के लिए 11 फीसदी, स्वास्थ्य के लिए 6.92 फीसदी का प्रावधान है.
बजट में जनजातीय विकास के लिए 2 फीसदी रकम का प्रावधान किया गया है.
छत्तीसगढ़ के बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 लाख घरों के निर्माण के लिए वर्ष 2024-25 8,369 करोड़ रुपये का प्रावधान है.
कृषक उन्नति योजना के तहत 10,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. दावा है कि इससे 24.72 लाख से अधिक किसानों को लाभ होगा. पिछले वर्ष की तुलना में 02 लाख 30 हजार अधिक किसान लाभान्वित होंगे.
ग्रामीण घरों को नल से जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जल जीवन मिशन के तहत 4,500 करोड़ रुपये का प्रावधान बजट में है.
इसी तरह दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर योजना के तहत भूमिहीन मजदूरों को गत वर्ष 7000 प्रति वर्ष से बढ़ाकर 10,000 रुपये वार्षिक भुगतान के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
प्रदेशवासियों को अयोध्या ले जा कर रामलला दर्शन के लिए 35 करोड़ रुपये का प्रावधान इस बजट में रखा गया है.
आईटी आधारित सुधारों पर ध्यान
प्रशासनिक कार्यों को मजबूत करने और सभी स्तरों पर पारदर्शिता लाने के लिए सभी प्रशासनिक विभागों के लिए राज्य मुख्यालय से ग्राम पंचायत स्तर तक उन्नत डिजिटल तकनीकों और आईटी इनेबल्ड सेवाओं (आईटीईएस) पर ध्यान केंद्रित करने के लिए 266 करोड़ रुपये का प्रावधान.
भारत नेट परियोजना के लिए 66 करोड़ रुपये का प्रावधान.
पीएम वाणी प्रोजेक्ट के लिए 37 करोड़ रुपये का प्रावधान.
एकीकृत ई-प्रोक्योरमेंट परियोजना के लिए 15 करोड़ रुपये का प्रावधान.
अटल डैशबोर्ड के लिए 5 करोड़ रुपये का प्रावधान.
जीएसटी विभाग द्वारा बिजनेस इंटेलिजेंस यूनिट का विकास , स्टाम्प एवं पंजीयन विभाग द्वारा एनजीडीआरएस सॉफ्टवेयर, आबकारी विभाग द्वारा सॉफ्टवेयर, खनन विभाग द्वारा खनिज ऑनलाइन 2.0 , जल संसाधन विभाग द्वारा राज्य जल सूचना केंद्र, वित्त विभाग द्वारा आईएफएमआईएस 2.0 का विकास
विकेंद्रीकृत विकास प्रक्रिया
विश्व स्तरीय आईटी क्षेत्र, विवाह, शिक्षा और स्वास्थ्य डेस्टीनेशन के लिए रायपुर-भिलाई क्षेत्र के आसपास राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) का विकास.
नवा रायपुर में लाईवलीहुड सेंटर आफ एक्सीलेंस की स्थापना.
भिलाई में उद्यमिता केंद्र की स्थापना.
राज्य में स्टार्ट अप संस्कृति और अन्य आईटी सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए स्टार्ट अप इन्क्यूबेशन सेंटर और आईटी पार्क बनाया जाएगा.
नवा रायपुर में आईटी उद्योग के विकास और आईटी रोजगार सृजन के लिए ” प्लग एंड प्ले मॉडल .”
कोरबा , जांजगीर , रायगढ़ , उरला , सिलतरा आदि जैसे समृद्ध उद्योग क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए उद्योग नीति का प्रारूप तैयार किया जाएगा.
प्रमुख योजनाएं
छोटे और मध्यम किसानों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने एवं आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए कृषक उन्नति योजना के तहत 10,000 करोड़ रुपये का प्रावधान.
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लिए 8,369 करोड़ रुपये रुपये का प्रावधान.
जल जीवन मिशन के लिए 4,500 करोड़ रुपये का प्रावधान.
हायर सेकेंडरी स्कूल के विकास और रखरखाव के लिए 3,952 करोड़ रुपये का प्रावधान.
5 एचपी कृषि पंपों के लिए मुफ्त बिजली आपूर्ति के लिए 3,500 करोड़ रुपये रुपये का प्रावधान.
3,400 करोड़ के लिए मुख्यमंत्री खाद्यान सहायता योजना रुपये का प्रावधान.
राज्य की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महतारी वंदन योजना के लिए 3000 करोड़ रुपये का प्रावधान.
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 841 करोड़ रुपये का प्रावधान.
अमृत मिशन योजना के लिए 700 करोड़ रुपये का प्रावधान.
केन्द्रीय प्रायोजित योजना “प्रधानमंत्री जनमन योजना ” में राज्यांश के रूप में 300 करोड़ रुपये का प्रावधान.
श्री राम लला दर्शन (अयोध्या धाम) के लिए 35 करोड़ रुपये का प्रावधान.
भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों को सुदृढ़ करने के लिए राज्य में छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा मिशन योजना लागू की जाएगी.
छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (सीआईटी) और छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस(CIMS) क्रमशः प्रत्येक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र और संभाग में स्थापित किए जाएंगे.
रायपुर-भिलाई के आसपास राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) विकसित किया जाएगा.
छत्तीसगढ़ सेंटर आफ स्मार्ट गवर्नेंस का गठन.
छत्तीसगढ़ आर्थिक सलाहकार परिषद का गठन.
बस्तर और सरगुजा क्षेत्र में इको-पर्यटन और प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र विकसित किए जाएंगे.
नए उद्योगों को नीति में शामिल करने के लिए नई उद्योग नीति तैयार की जाएगी.
ई-वाहनों को प्रोत्साहन, कुसुम योजना को अपनाने आदि के अलावा कार्बन उत्सर्जन में कमी के लिए जलवायु कार्य योजना तैयार की जाएगी.
राज्य की खेल सुविधाओं और बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देना प्राथमिकता दी जाएगी.