छत्तीसगढ़बाज़ार

रमन ने पेश किया छत्तीसगढ़ का बजट

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राज्य का बजट पेश किया है. शनिवार को विधानसभा में पेश अपने बजट भाषण में रमन सिंह ने लगातार अपनी उपलब्धियां गिनाई. यहां पेश है रमन सिंह का पूरा भाषण-

इक्कीसवीं सदी के उदय के साथ ही छत्तीसगढ़वासियों ने एक सपना देखा था. वह सपना था अपनी छत्तीसगढ़ी अस्मिता की पुनर्स्थापना का, वह जुनून था अपनी पहचान को नये सिरे से पूरे देश को बताने का. हम सबके मन में उत्साह था, और हमें पूरी उम्मीद थी कि आने वाला कल हमारा होगा.

1.1 एक दशक पहले छत्तीसगढ़ की जनता ने यह सपना पूरा करने का दायित्व हमें सौंपा था. इन दस वर्षों में हमने इस दिशा में जो प्रयास किए हैं, उसमें हमें लगातार सफलता मिली. मानव शक्ति, विशेषकर युवा एवं नारी शक्ति, का विकास हमारे प्राथमिकता क्रम में सर्वोपरि रहे हैं. विगत 5 वर्षों में हमने सामाजिक क्षेत्र के विकास के लिए सर्वाधिक संसाधन आवंटित किए. इससे कुपोषण, शिशु तथा मातृ मृत्यु दर कम करने, बालिका शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण मानव विकास सूचकांक में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. अपने लक्ष्यों को पूरा करने हेतु हमने अपने संसाधनों का कुशलता से उपयोग करने के प्रयास किए. यह जानकर संतोष हो रहा है कि इसे भारतीय रिजर्व बैंक जैसी प्रतिष्ठित संस्था ने सराहा है.

1.2 प्रदेश की जनता ने लगातार तीसरी बार भी हम पर विश्वास दर्शाया है. इस जनादेश से जुड़ी आकांक्षाओं और चुनौतियों का भी हमें एहसास है. हमें अपने उन संकल्पों का भी स्मरण है जो हमने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए हैं. इन्हें क्रमशः पूरा करने के लिए हमारी सरकार वचनबद्ध है. मुझे खुशी है कि इनमें से अधिकांश संकल्पों को पूरा करने के लिए इस बजट में प्रावधान किए गए हैं.

1.3 मैं उन अवधारणाओं को सदन के समक्ष रेखांकित करना चाहता हूँ, जिन्हें केन्द्र में रखकर बजट की प्राथमिकतायें निर्धारित की गई है. ये प्राथमिकताएं इस प्रकार हैं –

समृद्ध किसान
भूख, कुपोषण से मुक्ति
स्वस्थ एवं शिक्षित छत्तीसगढ़
व्यक्ति में शक्ति
सशक्त नारी
सर्वहारा के प्रति संवेदना एव
एकीकृत तथा समावेशी विकास


आर्थिक स्थिति

2. अध्यक्ष महोदय, अब मैं राज्य की आर्थिक स्थिति का विवरण पेश करना चाहूंगा.

2.1 मैंने कल विधान सभा के पटल पर वर्ष 2013-14 का आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया था. वर्ष 2004-05 के स्थिर मूल्य पर वर्ष 2013-14 के लिए अग्रिम अनुमान अनुसार राज्य की आर्थिक विकास दर में 7.05 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है, जबकि इसी अवधि में देश की आर्थिक विकास दर में 5 प्रतिशत से भी कम वृद्धि संभावित है. कृषि क्षेत्र में 2.62, औद्योगिक क्षेत्र में 6.07 एवं सेवा क्षेत्र में 10.18 प्रतिशत वृद्धि अनुमानित है. आर्थिक मंदी के बावजूद राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में यह वृद्धि उल्लेखनीय है.

2.2 वर्ष 2004-05 के स्थिर मूल्य पर वर्ष 2012-13 के लिए संशोधित अनुमान अनुसार राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में 7.56 प्रतिशत वृद्धि अनुमानित है. देश के सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि दर 4.47 प्रतिशत की तुलना में यह 69 प्रतिशत अधिक है. इसी अवधि में राज्य की कृषि विकास दर, देश की तुलना में 6 गुना तथा औद्योगिक विकास दर 5 गुना है.

2.3 प्रचलित मूल्य पर राज्य का सकल घरेलू उत्पाद वर्ष 2012-13 के 1,53,621 करोड़ रुपए की तुलना में वर्ष 2013-14 के लिए 1,75,961 करोड़ रुपए होना अनुमानित है. राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र का योगदान 21 प्रतिशत, औद्योगिक क्षेत्र का योगदान 37 प्रतिशत तथा सेवा क्षेत्र का योगदान 42 प्रतिशत है.

2.4 वर्ष 2013-14 में प्रचलित मूल्य पर प्रति व्यक्ति आय 56,990 रुपए होने का अनुमान है, जो कि वर्ष 2012-13 की 50,691 रुपए की तुलना में 12.43 प्रतिशत अधिक है.

भाग-एक

कृषि

3. हमारी मान्यता है कि किसानों की समृद्धि, समग्र कृषि विकास का मुख्य आधार है. विगत 10 वर्षों में हमारी सरकार द्वारा कृषि लागत को कम करने तथा कृषि कार्य को लाभकारी बनाने के उद््देश्य से अनेक महत्वाकांक्षी योजनाएं लागू की गई हैं, जिनमें समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन, कृषि उत्पाद पर बोनस, रियायती ब्याज दर पर कृषि ऋण एवं सिंचाई हेतु निःशुल्क बिजली प्रमुख हैं. इसके अच्छे परिणाम सामने आये हैं. वर्ष 2010-11 में धान उत्पादन में सर्वाधिक वृद्धि के लिए भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ को ’’कृषि कर्मण पुरस्कार’’ प्रदान किया गया था. मुझे सदन को यह सूचित करने में खुशी है कि एक वर्ष के अंतराल के बाद वर्ष 2012-13 में रिकार्ड 110 लाख मिट्रिक टन धान उत्पादन के लिए राज्य को दूसरी बार ’’कृषि कर्मण पुरस्कार’’ से सम्मानित किया गया है.

3.1 कृषि विकास को विशेष महत्व देते हुए हमारी सरकार द्वारा वर्ष 2012-13 में पहली बार पृथक से ’’कृषि बजट’’ प्रस्तुत किया गया था. इसी क्रम में वर्ष 2014-15 में कृषि तथा कृषि से सम्बद्ध क्षेत्रों के लिए 8,495 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है. इसमें कृषि एवं उद्यानिकी के लिए 4,102 करोड़, पशुपालन के लिए 422 करोड़, सहकारिता के लिए 228 करोड़, सिंचाई क्षमता वृद्धि के लिए 1,987 करोड़, समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन में हानि एवं व्यय की पूर्ति के लिए 400 करोड़ तथा कृषि पंपों के ऊर्जीकरण एवं पंपों के लिए निःशुल्क विद्युत प्रदाय हेतु 458 करोड़ रुपये का प्रावधान शामिल है.

3.2 अध्यक्ष महोदय, घोषणा पत्र में हमने आगामी 5 वर्ष तक धान पर 300 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देने की बात कही थी. मुझे सदन को सूचित करते हुए हर्ष है कि इसे पूरा करते हुए खरीफ 2013 में उपार्जित धान पर किसानों को 300 रुपए प्रति क्विंटल की दर से प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी. इस हेतु बजट में 2,400 करोड़ का प्रावधान है. वर्ष 2013-14 में किसानों को धान उपार्जन के लिए समर्थन मूल्य के रूप में लगभग 13,000 करोड़ वितरित किया जाएगा.

3.3 हमारे घोषणा पत्र में किए गए वादे अनुरूप आगामी वित्तीय वर्ष से कृषकों को ’’ब्याजमुक्त’’ अल्पकालीन कृषि ऋण उपलब्ध कराया जाएगा. यह सुविधा सहकारी तथा ग्रामीण बैंकों द्वारा वितरित होने वाले ऋण पर एक समान लागू होगी तथा कमर्शियल बैंक द्वारा वितरित ऋण पर ब्याज दर 3 प्रतिशत होगी. इस हेतु बैंकों को देय ब्याज अनुदान बाबत्् 140 करोड़ का प्रावधान है. इससे प्रदेश के लगभग 12 लाख कृषक परिवार लाभान्वित हांेगे.

3.4 प्रदेश की लगभग एक तिहाई आबादी अनुसूचित जनजाति की है, जो कि दुर्गम वनांचल में निवास करते हैं. इसे दृष्टिगत रखते हुए इन अंचलों में परम्परागत रूप से उगाई जा रही कोदो, कुटकी तथा रागी फसलों के क्षेत्र विस्तार और प्रोत्साहन हेतु पहली बार बीज अनुदान योजना लागू की जाएगी. इसके साथ-साथ फसल चक्र परिवर्तन को बढ़ावा देने के उद््देश्य से गेहूँ बीज पर भी अनुदान दिया जाएगा.
3.5 घोषणा पत्र में ’’किसान सुविधा केन्द्र’’ की स्थापना का उल्लेख है. प्रचलित योजनांतर्गत प्रदेश में अभी तक 223 कृषि सेवा केन्द्र स्थापित किए जा चुके हैं. इसका विस्तार करते हुए आगामी वर्ष में 40 अतिरिक्त ’’कृषि सेवा केन्द’’ की स्थापना की जाएगी, जिसके लिए कृषि उद्यमियों को अनुदान हेतु 10 करोड़ का प्रावधान है.

3.6 कृषकों के लिए ’’फसल बीमा गारंटी’’ योजना लागू करना हमारी घोषणा थी. इसी अनुरूप वर्तमान में लागू कृषि बीमा योजना के स्थान पर मॉडिफाईड राष्ट्रीय फसल बीमा योजना लागू की जाएगी. इस हेतु बजट में 50 करोड़ का प्रावधान किया गया है.

3.7 वनभूमि मान्यता अधिकार अधिनियम, 2006 के अंतर्गत लाभान्वित 3 लाख 40 हजार पट्टेधारियों को पूर्व वर्षों की भांति निःशुल्क प्रमाणित बीज उपलब्ध कराया जाएगा. इसके लिए 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

3.8 वर्ष 2013-14 में कृषि में ’’जैविक खेती’’ को प्रोत्साहित करने के लिए लागू की गई ’’जैविक खेती मिशन’’ योजना आगामी वर्ष में भी निरन्तर रहेगी. इस हेतु 3 करोड़ का प्रावधान किया गया है.

पशुधन विकास तथा मछली पालन

4. ग्रामीण स्तर पर पशु स्वास्थ्य तथा प्रजनन सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आगामी वर्ष 10 नवीन पशु औषधालय की स्थापना एवं 10 पशु औषधालयों का चिकित्सालय में उन्नयन किया जाएगा.

4.1 गत वर्ष परंपरागत गौ-पालन हेतु कृृषकों को 1 लाख तक कृषि ऋण 1 प्रतिशत के न्यूनतम ब्याज दर पर उपलब्ध कराने की योजना प्रारम्भ की गई थी. योजना का विस्तार करते हुए वर्ष 2014-15 से ऋण सीमा 1 लाख से बढ़ाकर 2 लाख रुपये की जाएगी.
4.2 ’’गौ-शालाओं को अनुदान’’ योजना का विस्तार करते हुए वर्ष 2014-15 में अतिरिक्त 90 गौ-शालाओं को अनुदान दिया जाएगा.

4.3 नक्सल प्रभावित अनुसूचित जनजाति बाहुल्य जिला दंतेवाड़ा में नवीन कुक्कुट पालन प्रक्षेत्र स्थापित किया जाएगा. इससे स्थानीय निवासियों को आजीविका के साधन उपलब्ध होंगे.

4.4 कामधेनु विश्वविद्यालय के अधोसंरचना विकास हेतु 50 करोड़ का प्रावधान किया गया है.

4.5 मुझे सदन को यह सूचित करने में हर्ष है कि राज्य स्थापना के समय मत्स्य बीज उत्पादन की क्षमता 25 करोड़ थी, जो वर्तमान में बढ़कर 120 करोड़ हो गयी है. मछली पालकों को प्रोत्साहित करने हेतु उन्हें आर्थिक सहायता तथा तकनीकी ज्ञान में वृद्धि के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके अतिरिक्त मछुआ सहकारी समितियों को मूलभूत संसाधन उपलब्ध कराने हेतु योजनाएँ लागू की जाएंगी.

सिंचाई

5. सिंचाई क्षमता वृद्धि हेतु इस बजट में 2,443 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जिसमें आयोजना मद के 2,167 करोड़ शामिल है. आयोजना मद् में अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करने हेतु 1,897 करोड़ तथा नवीन कार्यों हेतु 200 करोड़ का प्रावधान है.

5.1 राज्य की रूपांकित सिंचाई क्षमता लगभग 43 लाख हेक्टेयर आंकलित है. विगत 10 वर्षों में सिंचाई क्षमता में 4.75 लाख हेक्टेयर की वृद्धि के साथ राज्य की सिंचाई क्षमता बढ़कर 19 लाख हेक्टेयर हो गई है, जो कि कुल बोये गए क्षेत्र का 34 प्रतिशत है.
5.2 रूपांकित सिंचाई क्षमता एवं वास्तविक सिंचाई क्षमता के अंतर को कम करने के उद्देश्य से लघु सिंचाई योजनाओं के मरम्मत एवं जीर्णोद्धार का कार्य प्राथमिकता से किया जाएगा. ऐसी 29 योजनाओं के पुनर्नवीनीकरण एवं पुनरोद्धार के लिए प्रावधान किया गया है.

5.3 घोषणा-पत्र में हमने सिंचाई एवं सुनिश्चित सिंचाई के रकबे में वृद्धि हेतु विशेष कार्ययोजना बनाने की बात कही थी. इसे क्रियान्वित करने के लिए बजट में 5 मध्यम सिंचाई योजनाओं एवं 68 लघु सिंचाई योजनाओं के निर्माण हेतु 76 करोड़ का प्रावधान है. इससे 48 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता निर्मित होगी.

5.4 अरपा भैंसाझार वृृहद परियोजना हेतु 100 करोड़, महानदी परियोजना समूह के नहर की रिमॉडलिंग एवं लाईनिंग हेतु 110 करोड़, बलौदाबाजार, गरियाबंद जिले की परसदा एवं दुर्ग की सुपकोना वितरक नहरों की रिमॉडलिंग हेतु 5 करोड़ 60 लाख का प्रावधान किया गया है.

5.5 बाढ़ नियंत्रण योजनाओं के लिए 12 करोड़, औद्योगिक जल संरचनाओं के निर्माण हेतु 81 करोड़ का प्रावधान किया गया है.

भाग-दो
खाद्य सुरक्षा

6. मेरा मानना है कि स्वस्थ नागरिकों के बिना समृद्ध राज्य की परिकल्पना संभव नहीं है. हमारी सरकार ने प्रदेश को भूख, गरीबी, कुपोषण जैसी समस्याओं से मुक्ति दिलाने के साथ-साथ एक समृद्ध और विकसित राज्य के रूप में पहचान दिलाने का संकल्प लिया था. इसी से प्रेरित होकर हमने देश के पहले राज्य के रूप में खाद्य तथा पोषण सुरक्षा अधिनियम लागू किया है. मुझे यह बताने में प्रसन्नता है कि छत्तीसगढ़ का यह कानून, केन्द्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से कई मायने में बेहतर है.
6.1 हमने विधान सभा चुनाव के समय अपने घोषणा पत्र में ’’गरीब जनता को 1 रुपए किलो में चावल’’ देने का वादा किया था. तीसरी बार सरकार बनने के तत्काल बाद हमने इसे निभाते हुए 1 जनवरी, 2014 से इसे लागू किया है. इससे प्रदेश के 85 प्रतिशत परिवार 1 रुपए प्रति किलो चावल योजना से लाभान्वित हो रहे हैं.

6.2 खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम के क्रियान्वयन हेतु इस बजट के आयोजना मद् में रुपए 3,884 करोड़ का प्रावधान है, जो कि गत वर्ष की तुलना में 70 प्रतिशत अधिक है. इसमें मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना हेतु 3,200 करोड़, मुख्यमंत्री दाल वितरण योजना हेतु 500 करोड़ तथा नमक हेतु 90 करोड़ सम्मिलित है.

6.3 भारत सरकार द्वारा प्रति परिवार खाद्यान्न की पात्रता को 35 किलो से घटाकर 25 किलो करने से राज्य सरकार पर 1,500 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ा है. विपक्ष में बैठे साथियों से मेरा आग्रह है कि वे केन्द्र में आसीन उनकी सरकार से केन्द्रीय कानून में पात्रता संबंधी प्रावधान में आवश्यक संशोधन करने के लिए प्रयास करें.

स्कूल शिक्षा

7. स्कूल शिक्षा के लिए 6,298 करोड़ का प्रावधान है, जो कि गत वर्ष की तुलना में 21 प्रतिशत अधिक है. इसमें केन्द्र प्रवर्तित योजना, सर्वशिक्षा अभियान एवं राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के लिए 1,332 करोड़ केन्द्रांश शामिल है.

7.1 स्कूली शिक्षा में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा विद्यार्थियों के सतत् मूल्यांकन की व्यवस्था की गई है. इसके लिए 25 करोड़ का प्रावधान है.
7.2 विगत वर्षों में हमने शिक्षा के लोकव्यापीकरण के लिए पर्याप्त संख्या मं5 नवीन स्कूल स्थापित करने तथा स्कूलों के उन्नयन करने का कार्य किया है. इसके फलस्वरूप प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर पर जनसंख्या के अनुपात में स्कूलों की संख्या मापदंडों के अनुरूप हो गई है. इस बजट में 15 हाई स्कूलों का हायर सेकेन्डरी एवं 15 पूर्व माध्यमिक शालाओं का हाई स्कूल में उन्नयन हेतु 9 करोड़ का प्रावधान रखा गया है.

7.3 अध्यक्ष महोदय, हमारे प्रयास से राज्य के सभी प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं एवं लगभग 95 प्रतिशत हाई स्कूल एवं हायर सेकेन्डरी स्कूलों के लिए स्वयं का भवन निर्मित हो गया है. हमारा लक्ष्य है कि आगामी 2-3 वर्षांे में सभी शासकीय स्कूलों के पास स्वयं का भवन उपलब्ध हो. इस उद्देश्य से इस बजट में 100 हायर सेकेन्डरी स्कूलों के भवन निर्माण का प्रावधान रखा गया है. इसके अतिरिक्त 10 कन्या छात्रावास भवन एवं 10 विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय भवन हेतु प्रावधान को शमिल करते हुए 12 करोड़ का प्रावधान है.

7.4 शिक्षा के अधिकार के अर्न्तगत शालाओं में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने तथा प्रयोगशाला उपकरण एवं फर्नीचर के लिए कुल 175 करोड़ का प्रावधान किया गया है.

उच्च शिक्षा

8. अध्यक्ष महोदय, विश्व की प्रख्यात अंग्रेज महिला राजनीतिक एक्टीविस्ट एमेलीन पेंकहर्ट, जिन्होंने सन् 1928 में महिलाओं को पहली बार समान मतदान का अधिकार दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी, ने यह कहा था कि –

’’हमें मानव वंश की आधी आबादी अर्थात् महिलाओं को मुक्त करना है, ताकि वे दूसरी आधी आबादी को मुक्त करने में सहायता कर सकें.’’

8.1 वर्तमान में 50 प्रतिशत छात्राओं द्वारा महाविद्यालय में प्रवेश लिया जा रहा है, जो कि राष्ट्रीय औसत से कम है. इसे ध्यान में रखते हुए उच्च शिक्षा में छात्राओं की महत्वपूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से हमारे घोषणा पत्र के अनुरूप आगामी शिक्षा सत्र से शासकीय महाविद्यालय में अध्ययनरत्् छात्राओं को स्नातक स्तर तक निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध करायी जाएगी.

8.2 विगत 10 वर्षों में 86 नवीन शासकीय महाविद्यालय तथा 7 विश्वविद्यालय जिसमें बस्तर तथा सरगुजा विश्वविद्यालय शामिल है, प्रारम्भ किये गए हैं. वर्तमान में राज्य में 202 शासकीय तथा 258 अशासकीय, कुल 460 महाविद्यालय स्थापित हैं. इस बजट में ‘’कांसाबेल’’ (जिला – जशपुर) एवं ‘’खुर्सीपार’’ (जिला – दुर्ग) में नवीन महाविद्यालय स्थापित करने तथा वर्तमान महाविद्यालयों में 32 नवीन स्नातकोत्तर संकाय प्रारम्भ करने हेतु भी प्रावधान रखा गया है.

8.3 इस बजट में 20 शासकीय महाविद्यालयों में महिला छात्रावास स्थापित करने तथा 21 महाविद्यालयों के भवन निर्माण हेतु 8.3 करोड़ प्रावधान रखा गया है. मुझे सदन को यह सूचित करते हुए प्रसन्नता है कि इसके साथ राज्य के सभी शासकीय महाविद्यालयों के पास स्वयं के भवन उपलब्ध हो जाएंगे.

8.4 राज्य की उच्च शिक्षण संस्थाओं में गुणात्मक सुधार लाने के उद्देश्य से ‘’राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद्’’ – नैक द्वारा राज्य के 70 शासकीय महाविद्यालयों की मान्यता हेतु मूल्यांकन कराने के लिये 2 करोड़ 50 लाख का प्रावधान रखा गया है.

8.5 पिछले कुछ समय से छात्रों की ’’बेसिक साइंस’’ में रूचि कम हुई है. इसे दृष्टिगत रखते हुए स्नातक स्तर पर ‘’बेसिक साइंस’’ के अध्यापन तथा शोध की ओर उत्कृष्ट प्रतिभाओं को आकृष्ट करने के लिये पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में ‘’बेसिक साइंस केन्द्र’’ की स्थापना की जाएगी. इसके लिए 2 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है.
8.6 इस वर्ष प्रारंभ किए गए ‘’राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान’’ के प्रभावी एवं तत्परता से क्रियान्वयन हेतु ‘’राज्य उच्च शिक्षा परिषद्’’ का गठन किया जायेगा. इस योजना हेतु 40 करोड़ का बजट प्रावधान रखा गया है.

अनुसूचित जाति तथा जनजाति विकास

9. समावेशी विकास हमारी विकासात्मक रणनीति का मुख्य आधार रहा है. मुझे सदन को यह सूचित करते हुए प्रसन्नता है कि हमने आयोजना मद् में अनुसूचित जाति एवं जनजाति क्षेत्र के लिए जनसंख्या के अनुपात 43 प्रतिशत से भी अधिक अर्थात् 48 प्रतिशत बजट प्रावधान किया है.

9.1 इस बजट में 15 हाईस्कूलों का उच्चतर माध्यमिक में एवं 15 माध्यमिक शालाओं का हाईस्कूल में उन्नयन हेतु 3 करोड़ एवं अनुसूचित जाति तथा जनजाति छात्रावासों एवं आश्रमों में 3,000 सीट वृद्धि हेतु 2 करोड़ 50 लाख का प्रावधान रखा गया है.

9.2 अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु 34 कन्या छात्रावास के भवन निर्माण हेतु बजट में 3.5 करोड़ का प्रावधान रखा गया है.

9.3 गुणात्मक शिक्षा के लिए प्रारम्भ की गई ’’प्रयास’’ योजना की सफलता को देखते हुए सरगुजा एवं जगदलपुर संभाग मुख्यालय पर भी प्रयास विद्यालय प्रारम्भ किए गए हैं. वर्ष 2014-15 में बिलासपुर एवं दुर्ग संभाग मुख्यालय पर भी ’’प्रयास’’ विद्यालय प्रारम्भ किए जाएंगे.

9.4 वन अधिकार अधिनियम के तहत प्रदेश में अब तक 3,40,000 वनवासियों को वन अधिकार पत्र दिए जा चुके हैं. वन अधिकार पत्र धारकों को निःशुल्क खाद-बीज किट तथा आवास उपलब्ध कराया जा रहा है.

9.5 छत्तीसगढ़ पूरे देश का प्रथम तथा एकमात्र राज्य है, जहां वन अधिकार अधिनियम के तहत सभी 428 वनग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तन करने की कार्यवाही पूर्ण की गई है. इन ग्रामों में रहने वाले लगभग 40,000 वनवासियों को व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र का लाभ दिया गया है. साथ ही राजस्व ग्राम के रूप में उन्हें विकास योजनाओं का भी समान रूप से लाभ मिलेगा.

9.6 हमारी घोषणा अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य अंत्यावसायी सहकारी वित्त विकास निगम के अंतर्गत अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए एक पृथक प्रकोष्ठ स्थापित किया जाएगा. बजट में निगम के लिए अतिरिक्त धनवेष्ठन का प्रावधान है.

9.11 घोषणा पत्र में किए गए वादे के अनुसार व्यावसायिक परीक्षा मण्डल द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं की फीस में लगभग 40 प्रतिशत की कमी की गई है.

रोजगार एवं कौशल विकास

10. हमारी सरकार ने गत वर्ष ’’युवाओं के कौशल विकास का अधिकार अधिनियम, 2013’’ लागू किया है. विगत 2 वर्षों में राज्य कौशल विकास प्राधिकरण द्वारा 60,000 युवाओं को विभिन्न तकनीकी कौशल में प्रशिक्षित किया गया है. इसी क्रम में राज्य के युवाओं को तकनीकी एवं गैर तकनीकी व्यवसायों में प्रशिक्षित कर रोजगार एवं स्व-रोजगार के माध्यम से स्वावलंबी बनाने हेतु राज्य के सभी 27 जिलों में आवासीय ’’लाइवलीहुड’’ कालेज स्थापित किए जाएंगे. इसके लिए बजट में 69 करोड़ का प्रावधान है.

10.1 राज्य शासन द्वारा प्रत्येक विकासखंड में कम से कम एक आई.टी.आई. स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है. अब तक 223 आई.टी.आई. स्थापित किए जा चुके हैं. इस बजट में 10 स्थान क्रमशः दंतेवाड़ा, मैनपाट, ओड़गी, खडगवां, पेंड्रा, लोरमी, नारी, सिमगा, छुरिया तथा जैजेपुर में नवीन आई.टी.आई. स्थापित करने हेतु प्रावधान किया गया है. इसके अतिरिक्त अभनपुर, बागबाहरा, तिल्दा-नेवरा एवं बलौदाबाजार स्थित आई.टी.आई. में नवीन व्यवसाय प्रारम्भ करने हेतु 9 करोड़ 50 लाख का प्रावधान रखा गया है.
10.2 प्रदेश के प्रत्येक जिले में एक पॉलीटेक्निक स्थापित करने का लक्ष्य है एवं वर्तमान में कुल 23 पॉलीटेक्निक संचालित हैं. वर्ष 2014-15 में बिलासपुर एवं बस्तर में एक-एक अतिरिक्त पॉलीटेक्निक तथा भाटापारा में नवीन पॉलीटेक्निक की स्थापना की जाएगी.

10.3 राज्य के शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालयों एवं पॉलीटेक्निक में तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद््देश्य से ए.आई.सी.टी.ई. के मापदंड अनुरूप 208 नये पद निर्मित किए जाएंगे.

10.4 आगामी वर्ष से स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय में 4 नवीन स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारम्भ किए जाएंगे. इसके लिए नवीन पद सृजन एवं मशीन उपकरण बाबत् 2 करोड़ 70 लाख का अनुदान दिया जाएगा.

10.5 घोषणा पत्र में हमने उच्च शिक्षा हेतु सभी वर्गों के छात्रों को 1 प्रतिशत पर ऋण उपलब्ध कराने का वादा किया था. इसी के अनुपालन में आगामी शिक्षा सत्र से शिक्षा ऋण पर ब्याज दर 4 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत किया जाएगा तथा नक्सल प्रभावित जिलों के छात्रों को ब्याजमुक्त शिक्षा ऋण उपलब्ध कराया जाएगा.

स्वास्थ्य

11. राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार एवं सृदृढ़ीकरण हेतु बजट में 2,701 करोड़ का प्रावधान है, जो कि गत वर्ष की तुलना में 58 प्रतिशत अधिक है. इसमें केन्द्र प्रवर्तित योजना ’’राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन’’ का केन्द्रांश बाबत् राशि 800 करोड़ शामिल है.

11.1 अध्यक्ष महोदय, मुझे सदन को यह सूचित करते हुए अत्यंत हर्ष है कि भारत सरकार द्वारा हाल ही में प्रकशित ’’वार्षिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण’’ तथा ’’सेम्पल रजिस्ट्रेशन सर्वे’’ के अनुसार शिशु मृत्यु दर तथा मातृ मृत्यु दर में सुधार में छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी राज्यों में रहा है. विगत कुछ वर्षों से अनुसूचित जनजाति बाहुल्य नक्सल प्रभावित जिलों में स्वास्थ्य सुविधा के सुदृृढ़ीकरण हेतु अनेक नई योजनाएं प्रारम्भ गई हैं, जिनमें ’’ग्रामीण चिकित्सा सहायक’’ की पदस्थापना, मोबाईल मेडिकल यूनिट, 108 सेवा, चिकित्सकों के लिए अतिरिक्त मानदेय आदि प्रमुख है. इससे उत्साहवर्धक परिणाम मिले हैं. बस्तर एवं दंतेवाड़ा में शिशु मृत्यु दर तथा मातृ मुत्यु दर में सुधार प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में बेहतर रहा है.

11.2 हमारे प्रयासों से राज्य में उपस्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा जिला चिकित्सालयों की संख्या राष्ट्रीय मापदंडोे के अनुरूप हो गई है. लेकिन प्रदेश की जनसंख्या के कम घनत्व को देखते हुए बजट में 25 नये उप-स्वास्थ्य केन्द्र तथा 10 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना हेतु प्रावधान रखा गया है. इनमें से 24 उप-स्वास्थ्य केन्द्र एवं 8 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र अनुसूचित क्षेत्रों में खोले जाएंगे. इसके अतिरिक्त भाटापारा के 30 बिस्तर अस्पताल का 50 बिस्तर में उन्नयन किया जाएगा.

11.3 प्रदेश में मलेरिया के प्रकोप को ध्यान में रखते हुए मलेरियाग्रस्त जिलों में 20 लाख मेडिकेटेड मच्छरदानी वितरित की गई है. मलेरिया प्रभावित शेष सभी विकासखंडों मंे मेडिकेटेड मच्छरदानी वितरण हेतु 10 करोड़ का प्रावधान है.

11.4 मितानिनों को मिलने वाली ’’कार्य आधारित प्रोत्साहन राशि’’ के भुगतान को सरलीकृत तथा स्वास्थ्य कार्यक्रम में पंचायतों की भागीदारी सुनिश्चित करने के उद््देश्य से गत वर्ष प्रायोगिक तौर पर राशि का भुगतान पंचायतों के माध्यम से कराया गया था. इससे मितानिनों को वितरित राशि में चार गुना वृद्धि हुई है. इस सफल परिणाम के मद््देनजर सभी विकासखंडों में प्रोत्साहन राशि का भुगतान पंचायतों के माध्यम से किया जाएगा.

11.5 राज्य के सभी 27 जिला चिकित्सालयों में फिजियोथेरेपिस्ट के पद सृजित किए जाएंगे.

11.6 रायपुर मेडिकल कालेज को ’’पी.जी. इंस्टीट््यूट’’ बनाने संबंधी घोषणा की पूर्ति के लिए डी.के.एस. अस्पताल का पी.जी. इंस्टीट्यूट के रूप में उन्नयन किया जाएगा. इसमें न्यूरोसर्जरी, न्यूरोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी, नेफ्रोलॉजी तथा बाल शल्य विभाग स्थापित करने हेतु बजट में 10 करोड़ का प्रावधान है.

11.7 मुझे सदन को यह अवगत कराते हुए खुशी हो रही है कि भारतीय चिकित्सा परिषद् द्वारा जगदलपुर एवं बिलासपुर में स्थित शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के लिए 50-50 सीटों की वृद्धि हेतु सहमति दी गई है. इस वर्ष से रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में अध्यापन का कार्य प्रारम्भ किया गया है. आगामी वर्ष से सरगुजा एवं राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज में भी कक्षाएं प्रारम्भ की जाएंगी.

महिला एवं बाल विकास

12. हमने बच्चों एवं महिलाओं के कल्याण तथा नारी सशक्तीकरण की दिशा में अनेक योजनाएं लागू की है, जिसके फलस्वरूप विगत 7 वर्षों में बच्चों में कुपोषण की स्थिति में 11 प्रतिशत की कमी हुई है. इसी क्रम में महिला एवं बाल विकास हेतु गत वर्ष की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत अधिक 1,600 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है.

12.1 बालिकाओं को समाज में बराबरी का दर्जा प्रदान करने के लिए हमारे घोषणा पत्र में किए गए वादे के अनुरूप वर्ष 2014-15 से राज्य में ’’नोनी सुरक्षा’’ योजना प्रारम्भ की जाएगी. योजनांतर्गत बी.पी.एल. परिवार में जन्म लेने वाली बालिकाओं के नाम पर प्रति वर्ष 5,000 रुपए के मान से कुल 25,000 की राशि जमा की जाएगी. बालिकाओं के वयस्क होने पर उन्हें 1 लाख रुपए परिपक्वता राशि के रूप में प्रदान की जाएगी. इस हेतु बजट में 40 करोड़ का प्रावधान किया गया है.

12.2 तीन वर्ष से कम उम्र के बच्चों के पोषण स्तर में सुधार करने हेतु हमारे द्वारा लगातार भारत सरकार के समक्ष अतिरिक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नियुक्त करने की मांग की जाती रही है. मुझे प्रसन्नता है कि भारत सरकार द्वारा हमारी इस मांग को मान्य कर लिया गया है एवं लगभग 25,000 पोषण परामर्शक एवं 6,000 लिंक वर्कर के पद स्वीकृत किए गए हैं. इन पदों की भर्ती में योग्यता रखने वाली मितानिनों को प्राथमिकता दी जाएगी.

12.3 किशोरी बालिकाओं के पोषण स्तर में सुधार लाने एवं उन्हें प्रशिक्षण दिए जाने हेतु भारत सरकार द्वारा प्रदेश के 10 जिलों में ’’सबला’’ योजना क्रियान्वित की जा रही है. लेकिन शेष जिलों में भी इस योजना को संचालित करने की आवश्यकता है. इसे ध्यान में रखते हुए वर्ष 2014-15 से प्रदेश के शेष 17 जिलों में राज्य के स्वयं के संसाधन से ’’सबला’’ कार्यक्रम संचालित किया जाएगा. इस हेतु 30 करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है.

12.4 कामकाजी महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टि से राज्य शासन द्वारा महिलाओं के कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 लागू किया गया है. इसके क्रियान्वयन के लिए प्रत्येक जिले में 5 सदस्यीय शिकायत निवारण समिति का गठन किया जाएगा.

12.5 प्रदेश में महिला सशक्तीकरण के उद््देश्य से हमारी घोषणा अनुसार पूरक पोषण आहार कार्यक्रम, मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम, गणवेश वितरण का कार्य पूरी तरह से महिला स्व-सहायता समूह के माध्यम से संचालित किया जाएगा. इससे प्रदेश की लगभग 50 हजार महिला स्व-सहायता समूहों की इस कार्यक्रम में भागीदारी सुनिश्चित होगी.

12.6 महिलाओं की समाज में सम्मानजनक भूमिका सुनिश्चित करने के उद््देश्य से राज्य के 90 प्रतिशत राशन कार्ड, परिवार की महिला मुखिया के नाम से जारी किए गए हैं.
समाज कल्याण

13. हमारे घोषणा पत्र के अनुरूप सामाजिक सहायता कार्यक्रम अंतर्गत विधवा एवं परित्यकता महिलाओं के लिए संचालित ’’सुखद सहारा पेंशन’’ योजना एवं निराश्रित, वृद्ध, निःशक्तजन के लिए़ संचालित ’’सामाजिक सुरक्षा पेंशन’’ में 50 प्रतिशत वृद्धि की गई है. उन्हें मिलने वाली पेंशन 200 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 300 रुपये प्रतिमाह की जाएगी. इसके लिए बजट में 90 करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान है. इससे राज्य के 8 लाख पेंशनधारी लाभान्वित होंगे.

13.1 निःशक्तजनों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने हेतु विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने तथा उन सुविधाओं को प्राप्त करने के लिए समुचित मार्गदर्शन एवं सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से ‘‘निःशक्तजन संबल योजना‘‘ संचालित की जाएगी.

13.2 प्रदेश के बौने बंधुओं को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जाएगी.

पेयजल एवं स्वच्छता

14. पेयजल एवं स्वच्छता के लिए बजट में 814 करोड़ का प्रावधान है.

14.1 घोषणा पत्र में गांवों में शत प्रतिशत शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करने का उल्लेख है. यह कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा. इसी क्रम में 14 नवीन ग्रामीण-समूह नल-जल योजनाएं प्रारम्भ की जाएंगी. इनमें 9 अनुसूचित जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों के लिए हैं.

14.2 समस्याग्रस्त ग्रामों में पेयजल सुविधा मुहैया कराने हेतु नलकूप खनन तथा नल-जल योजना के लिए 81 करोड़ का प्रावधान है.

14.3 शासकीय शालाओं, स्वास्थ्य केन्द्रों तथा आंगनबाड़ियों में प्राथमिकता के आधार पर पेयजल एवं शौचालय सुविधा सुनिश्चित की जाएगी. इस हेतु 17 करोड़ प्रावधान है.

वन

15. वनों के संरक्षण एवं विकास हेतु 1,165 करोड़ का प्रावधान है. इसमें बिगड़े वनों के सुधार हेतु 111 करोड़, बांस वनो के पुनरोद्धार हेतु 42 करोड़ तथा भू एवं जल संरक्षण कार्यों हेतु 19 करोड़ 50 लाख का प्रावधान शामिल है.

15.1 वन विभाग के अंतर्गत अधिकांश कार्य मजदूरी आधारित है. मजदूरी भुगतान में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद््देश्य से जहाँ पर बैंक की शाखायें उपलब्ध है, वहाँ मजदूरी की राशि उनके बैंक खातों में जमा की जाएगी.

15.2 वृक्षारोपण के मॉनीटरिंग हेतु आधुनिक तकनीक अर्थात् जी.आई.एस. पद्धति का उपयोग किया जाएगा.

15.3 राज्य के तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को चरण पादुका वितरण हेतु 19 करोड़ का प्रावधान है. इसके अतिरिक्त प्रचलित जनश्री बीमा योजनांतर्गत बीमा राशि में वृद्धि बाबत् 5 करोड़ का प्रावधान है.

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज

16. पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के लिए बजट में 7,583 करोड़ का प्रावधान किया गया है. इसमें महात्मा गांधी नरेगा, पी.एम.जी.एस.वाय., इंदिरा आवास योजना तथा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का केन्द्रांश 3,523 करोड़ शामिल है.

16.1 घोषणा पत्र में हमने खेतिहर मजदूरों का शत प्रतिशत बीमा सुनिश्चित करने का उल्लेख किया था. इसे पूरा करते हुए देश के पूर्व प्रधानमंत्री, श्री अटल बिहारी बाजपेयीजी के जन्म दिवस 25 दिसम्बर, 2013 से ’’अटल खेतिहर मजदूर बीमा योजना’’ लागू की गई है. योजना के अंतर्गत प्रदेश के लगभग 17 लाख खेतिहर मजदूरों को बीमा सुरक्षा प्राप्त होगी.
16.2 घोषणा पत्र में सभी ग्रामों को पक्की सड़क से जोड़ने का उल्लेख है. इसे पूर्ण करने हेतु बजट में ’’मुख्यमंत्री ग्राम सड़क’’ योजना के अंतर्गत 400 करोड़ का प्रावधान किया गया है.

16.3 गांव की गलियों का कांक्रीटीकरण और नाली निर्माण की घोषणा की पूर्ति ’’मुख्यमंत्री ग्राम गौरव पथ’’ योजना के रूप में की जा रही है. योजना के सफल परिणाम को देखते हुए बजट में 350 करोड़ का प्रावधान है.

16.4 गांव में सार्वजनिक सामुदायिक भवन के निर्माण बाबत् घोषणा के क्रियान्वयन हेतु ’’अटल समरसता भवन’’ योजना प्रारम्भ की जाएगी.

16.5 गांवों का ’’आंतरिक विद्युतीकरण’’ बाबत् घोषणा की पूर्ति हेतु राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अभिसरण में किया जाएगा.

16.6 राज्य के गांवों में अधोसरंचना विकास हेतु ’’मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास’’ योजना प्रारम्भ की जाएगी. इसके लिए 300 करोड़ का प्रावधान है.

16.7 गत वर्ष हमने महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत 100 दिवस का रोजगार पूर्ण करने वाले परिवारों को 50 दिवस का अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध कराने एवं गर्भवती महिलाओं को एक माह की मजदूरी के बराबर मातृत्व भत्ता देने की व्यवस्था राज्य के संसाधनों से की थी. इन प्रयासों से वर्ष 2013-14 में 100 दिवस रोजगार पूर्ण कर चुके परिवारों की संख्या में 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है तथा लगभग 10,000 महिलाओं द्वारा मातृत्व अवकाश भत्ते का लाभ लिया गया है. मुझे सदन को यह सूचित करते हुए खुशी है कि इसी के अनुकरण में भारत सरकार द्वारा हाल ही में योजना में संशोधन करते हुए वनांचल में निवासरत् संपत्तिविहीन अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए यह प्रावधान लागू किया गया है. भारत सरकार द्वारा महात्मा गांधी नरेगा के क्रियान्वयन में अभिसरण के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हेतु पुरस्कृत किया गया है.
लोक निर्माण

17. लोक निर्माण के लिए बजट में 3,631 करोड़ का प्रावधान है, जिसमें अपूर्ण सड़क एवं पुल निर्माण कार्यों को पूर्ण करने हेतु 1,400 करोड़ तथा सड़कों संधारण हेतु 500 करोड़ का प्रावधान शामिल है.

17.1 प्रदेश के 7 राज्य मार्गों, 40 मुख्य जिला मार्गों तथा 116 अन्य जिला एवं ग्रामीण मार्गों के उन्नयन हेतु 168 करोड़ का प्रावधान है.

17.2 एशियन विकास बैंक की सहायता से द्वितीय चरण में 917 किलोमीटर लंबाई के मार्गों के उन्नयन के लिए 300 करोड़ का प्रावधान है.

17.3 इस वर्ष 3 नये रेलवे ओव्हरब्रिज एवं 92 नवीन पुलों के निर्माण हेतु 82 करोड़ का प्रावधान है.

17.4 प्रचलित व्यवस्था में राज्य के सभी निर्माण विभागों तथा संस्थाओं द्वारा ठेकेदारों के पृथक-पृथक पंजीयन का प्रावधान है. इस व्यवस्था को सरलीकृत, पारदर्शी तथा अधिक व्यवहारिक बनाने के उद््देश्य से ’’एकीकृत पंजीयन’’ व्यवस्था (इलेक्ट्रॉनिक रजिस्ट्रेशन) लागू की गई है. इस व्यवस्था में ठेकेदारों को ऑनलाईन पंजीयन कराने पर यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर प्राप्त होगा, जो कि सभी विभागों में निविदाओं के लिए लागू होगा.

नगरीय प्रशासन

18. नगरीय विकास के लिए बजट में 2,191 करोड़ का प्रावधान है.

18.1 राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा अनुसार नगरीय निकायों को राज्य के शुद्ध कर राजस्व का 1.85 प्रतिशत अनुदान के रूप में दिया जाना है. इसके पालन में अधोसंरचना विकास के पूंजीगत कार्य हेतु 200 करोड़ एवं मूलभूत सेवाओं हेतु 67 करोड़ सहित कुल 267 करोड़ का प्रावधान किया गया है.

आवास एवं पर्यावरण

19. मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारी सरकार ने ‘‘नया रायपुर‘‘ की जो परिकल्पना की थी, उसने आकार लेना प्रारंभ कर दिया है. इस योजना को राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिल रही है. नया रायपुर में प्रथम चरण में 75 किलोमीटर सड़कों का निर्माण पूर्ण हो चुका है तथा द्वितीय चरण मेे 60 किलोमीटर सड़कों का निर्माण प्रगतिरत है. शहरी अधोसरंचना के अंतर्गत भूमिगत विद्युतीकरण, भूमिगत मल निकासी व्यवस्था एवं जल आपूर्ति के कार्य पूर्ण होने की ओर अग्रसर है.

19.1 नया रायपुर को रेल मार्ग से जोड़ने के क्रम में 4 नवीन रेलवे स्टेशनों का निर्माण, नया रायपुर को विश्वस्तरीय शहर बनाने के लिए सभी सेवाओं पर अत्याधुनिक नियंत्रण प्रणाली विकसित करते हुए स्मार्ट सिटी का विकास तथा केपिटल काम्प्लेक्स के सामने सेन्ट्रल बुलेवार्ड हेतु इस बजट में 23 करोड़ का प्रावधान है.

उद्योग

20. औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से बजट में उद्योगों को ब्याज एवं लागत पूंजी अनुदान उपलब्ध कराने के लिए 65 करोड़ तथा अंशपूंजी सहायता योजना के लिए 2 करोड़ का प्रावधान है.

20.1 औद्योगिक क्षेत्रों में अधोसंरचना उन्नयन के लिए 26 करोड़ तथा भू-अर्जन के लिए 10 करोड़ का प्रावधान है.

20.2 ’’मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना’’ अंतर्गत शासन द्वारा मार्जिन मनी अनुदान एवं ब्याज अनुदान के अतिरिक्त बैंकों को दिए जाने वाले गारंटी शुल्क की प्रतिपूर्ति हेतु 5 करोड़ का प्रावधान है.

ग्रामोद्योग

21. माटी कला के संरक्षण एवं विकास हेतु माटीकला बोर्ड की स्थापना की गयी है. बोर्ड को दिए जाने वाले अनुदान को 1 करोड़ 40 लाख से बढ़ाकर 3 करोड़ किया जाएगा.

श्रमिक कल्याण

22. असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के सर्वांगीण विकास हेतु संचालित कल्याणकारी योजनाओं के लिए बजट में 40 करोड़ का प्रावधान है. हमारी घोषणा के अनुरूप असंगठित कर्मकारों को भी निर्माण मजदूरों के लिए संचालित योजनाओं का लाभ दिया जाएगा.

22.1 असंगठित कर्मकारों के कल्याण हेतु ’’सफाई कर्मकार मंडल’’ एवं ‘‘ठेका मजदूर, घरेलू कामगार एवं हम्माल कर्मकार कल्याण मंडल‘‘ का गठन किया जाएगा.

22.2 कर्मचारी राज्य बीमा सेवाएं के अंतर्गत सिलतरा, दीपका, सारंगढ़ एवं सेजबहार में राज्य बीमा औषधालय प्रारंभ किए जाएंगे.

संस्कृति, पर्यटन एवं धर्मस्व

23. छत्तीसगढ़ी कला तथा संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन की दृष्टि से राज्य में लोक कला संगीत अकादमी की स्थापना की जाएगी. छत्तीसगढ़ के पुरातात्विक एवं सांस्कृतिक धरोहर को संजोने के लिए राज्य में पृथक से अभिलेखागार की स्थापना की जाएगी.

23.1 विगत दो वर्षों से आयोजित ’’सिरपुर महोत्सव’’ से इस पुरातात्विक स्थल को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है. इसे ध्यान में रखते हुए इसे ’’अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध पर्यटन स्थल’’ के रूप में विकसित किया जाएगा.

23.2 पर्यटन संबंधी अधोसंरचना विकास की दृष्टि से रतनपुर, डोंगरगढ़ एवं चन्द्रपुर में टूरिस्ट मोटल का निर्माण किया जाएगा.
23.3 राजिम, गिरौदपुरी एवं लालपुर मेले में जनसुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु 4 करोड़ का प्रावधान है.

खेल एवं युवा कल्याण

24. घोषणा पत्र में राज्य के बड़े शहरों में युवाओं के लिए सर्वसुविधायुक्त ’’यूथ हॉस्टल’’ निर्माण का उल्लेख है. प्रथम चरण में रायपुर एवं बिलासपुर में यूथ हॉस्टल के निर्माण के लिए 1 करोड़ का प्रावधान है.

24.1 गत वर्ष सदन में मेरी घोषणा के अनुसार ’’मुख्यमंत्री युवा भारत दर्शन योजना’’ प्रारम्भ की गई है. इस हेतु 10 करोड़ का प्रावधान है.

24.2 युवक कल्याण गतिविधियों के लिए युवा समितियों को अनुदान बाबत् 2 करोड़ का प्रावधान है.

24.3 राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों से खेल प्रतिभाओं को उचित अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से ’’ग्रामीण खेल अभ्यास योजना’’ प्रारम्भ की जा रही है. इसके लिए 4 करोड़ 40 लाख का प्रावधान है.

24.4 राजनांदगांव में खेल विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी.

ऊर्जा

25. घोषणा पत्र के अनुरूप इस वर्ष से राज्य के मजरे टोलों में विद्युतीकरण की योजना राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अभिसरण में किया जाएगा. इस हेतु 5 करोड़ का प्रावधान है.

25.1 वर्ष 2014-15 में 20 हजार विद्युत पंप ऊर्जीकरण के लिए विद्युत वितरण कंपनी को अनुदान बाबत् 148 करोड़ का प्रावधान है. इसके अतिरिक्त पंपों को निःशुल्क विद्युत प्रदाय योजना के अन्तर्गत 300 करोड़ का प्रावधान है.
25.2 गत वर्ष एकल बत्ती विद्युत कनेक्शन योजना में बी.पी.एल. परिवारों की निःशुल्क विद्युत की पात्रता 30 यूनिट से बढ़ाकर 40 यूनिट प्रतिमाह किया गया था. इस हेतु विद्युत वितरण कंपनी को 150 करोड़ अनुदान दिया जाएगा.

सूचना प्रौद्योगिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग

26. घोषणा के अनुरूप निःशुल्क लेपटॉप एवं टेबलेट वितरण के लिए 80 करोड़ का प्रावधान है.

26.1 छत्तीसगढ़ को वाई-फाई सेवा प्रदान करने के लिए वाई-फाई सिटी की स्थापना हेतु 1 करोड़ का प्रावधान है. राज्य में सूचना प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में निवेश प्रोत्साहित करने एवं ’’आई.टी. हब’’ की स्थापना की जाएगी.

राजस्व प्रशासन

27. भू-अभिलेख प्राप्त करने की सुविधा हेतु पटवारी के 4,800 पद स्वीकृत किए गए हैं. उन्हें मुख्यालय हल्के में रहने की सुविधा उपलब्ध कराने के उद््देश्य से कार्यालय-सह-आवास निर्माण किया जाएगा. इस हेतु 12 करोड़ का प्रावधान है.

27.1 आम जनता की सुविधा के लिए गत वर्ष 14 नवीन राजस्व अनुविभागों का गठन किया गया था. इन अनुविभागों में कार्यालय भवन निर्माण हेतु 2 करोड़ का प्रावधान है.

27.2 अधोसंरचना विकास उपकर की राशि से ग्राम पंचायतों में सामुदायिक भवनों के निर्माण एवं सड़क संधारण हेतु 12 करोड़ तथा बाढ़ नियंत्रण कार्याें के लिए 2 करोड़ 40 लाख का प्रावधान है.

पुलिस एवं जेल प्रशासन

28. नक्सली गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण के उद्देश्य से ’’स्पेशल टास्क फोर्स बटालियन’’ तथा आतंकवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के उद््देश्य से प्रदेश स्तर पर एक ’’आतंकवादी निरोधक दस्ते’’ का गठन किया जाएगा.
28.1 प्रदेश में 4 नवीन भारत रक्षित वाहिनी की स्थापना हेतु सहमति दी गई है. इनके लिए आवश्यक मूलभूत संसाधनों के निर्माण हेतु 4 करोड़ का प्रावधान है.

28.2 साईबर अपराधों पर रोकथाम के लिए सी.आई.डी. विभाग में ’‘साईबर क्राईम प्रकोष्ठ’‘ की स्थापना की जायेगी.

28.3 नक्सल प्रभावित जिला बलरामपुर के ग्राम करौंधा एवं जिला कांकेर के ग्राम गोण्डाहूर में नवीन पुलिस थानों की स्थापना की जाएगी.

28.4 कोंडागांव, बलौदाबाजार, बेमेतरा, बालोद एवं सूरजपूर में जिला अभियोजन कार्यालय की स्थापना की जाएगी.

28.5 राज्य में शहीद हुए पुलिसकर्मियों की स्मृति में रायपुर में शहीद स्मारक का निर्माण किया जायेगा.

28.6 जेल अधोसंरचना को सुदृृढ़ करने के लिए 37 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है. इसमें केन्द्रीय जेल, दुर्ग में 18 अतिरिक्त बैरक का निर्माण शामिल है.

28.7 जेलों में आधारभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 800 नग शौचालय एवं स्नानागार का निर्माण कराया जाएगा .

परिवहन

29. परिवहन मुख्यालय तथा रायपुर, बिलासपुर, जगदलपुर, अंबिकापुर, दुर्ग एवं राजनांदगांव के परिवहन कार्यालयों व चेक पोस्टों के लिए 101 नवीन पदों का सृजन किया जाएगा.

29.1 सरायपाली एवं धनवार जांच चौकी में 4-4 नग धर्मकांटा स्थापित किए जाएंगे.

29.2 बालोद, सूरजपुर एवं कोंडागांव में नवीन जिला परिवहन कार्यालय के भवन निर्माण हेतु 1 करोड़ 80 लाख का प्रावधान है.

न्याय प्रशासन

30. प्रदेशवासियों को त्वरित एवं सुलभ न्याय उपलब्ध कराने के उद्देश्य से विगत तीन वर्षों में 60 नवीन न्यायालयों की स्थापना की गई है. अनुसूचित जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में लंबित न्यायालयीन प्रकरण, विशेष रूप से नक्सल हिंसा से संबंधित प्रकरणों के त्वरित निराकरण हेतु नारायणपुर में जिला न्यायाधीश तथा दंतेवाड़ा में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश न्यायालय की स्थापना की जाएगी.

30.1 बालोद, बलौदाबाजार, बेमेतरा, सूरजपुर और कोण्डागांव में ’’फास्ट ट्रेक कोर्ट’’ तथा ’’जिला विधिक सेवा प्राधिकरण’’ की स्थापना की जाएगी.

30.2 जिला एवं अधीनस्थ न्यायालयों में समन्वय स्थापित करने हेतु ‘’डिजिटल कोर्ट परियोजना’’ प्रारंभ की जाएगी. इसके लिए 10 करोड़ का प्रावधान है.

30.3 राज्य में भारतीय विधि संस्थान की स्थापना की जाएगी.

वर्ष 2013-14 का पुनरीक्षित अनुमान

31. अध्यक्ष महोदय, अब मैं वर्ष 2013-14 के पुनरीक्षित बजट अनुमान सदन के समक्ष प्रस्तुत करना चाहूँगा:-

31.1 राजस्व प्राप्ति का बजट अनुमान 37,445 करोड़ की तुलना में पुनरीक्षित अनुमान 37,498 करोड़ है. व्यय का पुनरीक्षित अनुमान 44,169 करोड़ से बढ़कर 44,382 करोड़ संभावित है.

31.2 राजस्व आधिक्य का पुनरीक्षित अनुमान 2,429 करोड़ से घटकर 782 करोड़ संभावित है. बजट में सकल वित्तीय घाटा 5,145 करोड़ अनुमानित था, जो कि पुनरीक्षित अनुमान में घटकर 5,103 करोड़ होगा. पुनरीक्षित अनुमान में सकल वित्तीय घाटा, सकल घरेलू उत्पाद का 2.9 प्रतिशत है, जो कि राजकोषीय उत्तरदायित्व तथा बजट प्रबंध अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित सीमा 3 प्रतिशत के अंतर्गत है. सदन को यह जानकर प्रसन्नता होगी कि आर्थिक मंदी के बावजूद सकल वित्तीय घाटे को सीमित रखने में हम सफल रहे हैं.
31.3 अध्यक्ष महोदय, भारतीय रिजर्व बैंक के वर्ष 2013-14 के अध्ययन प्रतिवेदन अनुसार छत्तीसगढ़ के वित्तीय प्रबंधन को सर्वश्रेष्ठ माना गया है. छत्तीसगढ़ का विकासमूलक कार्यों पर व्यय तथा सामाजिक क्षेत्र में व्यय, जी.एस.डी.पी. के प्रतिशत के रूप में, अन्य राज्यों की तुलना में सर्वाधिक है. इन्हीं सूचकांक में बिहार द्वितीय, मध्य प्रदेश तृतीय तथा झारखंड चतुर्थ स्थान पर है. इसी प्रकार पंूजीगत व्यय में भी गोवा के बाद छत्तीसगढ़ द्वितीय स्थान पर है. छत्तीसगढ़ का कुल ऋण भार, ब्याज भुगतान तथा वित्तीय घाटा की स्थिति अन्य सभी राज्यों की तुलना में न्यूनतम है. यह प्रदेश के कुशल वित्तीय प्रबंधन का परिचायक है.

वर्ष 2014-15 का बजट अनुमान

32. अध्यक्ष महोदय, अब मैं वर्ष 2014-15 के लिये बजट अनुमान प्रस्तुत करने जा रहा हूँ:-

32.1 विगत कई वर्षों से हमारी यह मांग रही है कि विभिन्न केन्द्रीय योजनाओं में राज्यों को प्राप्त होने वाली समस्त राशि राज्य के बजट के माध्यम से प्रदाय की जाए. मुझे प्रसन्नता है कि भारत सरकार द्वारा ’’रंगराजन कमेटी’’ की इस आशय की अनुशंसा को मान्य करते हुए आगामी वर्ष से केन्द्रीय योजनाओं की केन्द्रांश राशि राज्य बजट के माध्यम से क्रियान्वयन एजेंसी को प्रदान करने का निर्णय लिया है. इस आधार पर बजट में ऐसी सभी योजनाओं के केन्द्रांश बाबत् लगभग 6,000 करोड़ वर्ष 2014-15 के राज्य बजट में सम्मिलित किए गए हैं. इससे बजट के आकार में उल्लेखनीय वृद्धि परिलक्षित हो रही है.

32.2 वर्ष 2014-15 हेतु कुल राजस्व प्राप्तियां 48,654 करोड़ अनुमानित है, जिसमें केन्द्र प्रवर्तित योजना का 7,699 करोड़ एवं केन्द्रीय क्षेत्रीय योजना का 1,124 करोड़, कुल 8,823 करोड़ शामिल है. राज्य का स्वयं का राजस्व 24,111 करोड़ है, जो गत वर्ष की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक है. राज्य के कर राजस्व में 15 प्रतिशत तथा करेत्तर राजस्व में 6 प्रतिशत वृद्धि अनुमानित है.
32.3 वर्ष 2014-15 के लिये अनुमानित कुल व्यय 54,710 करोड़ है, जिसमें आयोजना व्यय 35,322 करोड़ तथा आयोजनेत्तर व्यय 19,388 करोड़ है. वर्ष 2013-14 के पुनरीक्षित अनुमान की तुलना में वर्ष 2014-15 का कुल व्यय 23 प्रतिशत अधिक है.

32.4 आयोजना व्यय, कुल व्यय का 65 प्रतिशत अनुमानित है. आयोजना व्यय में केन्द्रीय योजना की राशि 8,824 करोड़ अर्थात्् 25 प्रतिशत एवं राज्य आयोजना 26,498 करोड़ अर्थात् 75 प्रतिशत है. राज्य का प्रति व्यक्ति आयोजना व्यय 13,329 रुपए अनुमानित है, जो कि गत वर्ष की तुलना में 40 प्रतिशत अधिक है.

32.5 वर्ष 2014-15 में राज्य आयोजना व्यय 26,498 करोड़ अनुमानित है, जो कि वर्ष 2013-14 के पुनरीक्षित अनुमान 22,141 करोड़ की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है. इसमें केन्द्रीय सहायता 3,463 करोड़ तथा राज्य के स्वयं के संसाधन 23,035 करोड़ सम्मिलित है. इस प्रकार राज्य आयोजना का 87 प्रतिशत स्वयं के संसाधन से पोषित है. गत वर्ष यह 86 प्रतिशत था.

32.6 राज्य आयोजना में अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के लिये 36 प्रतिशत, अनुसूचित जाति क्षेत्र के लिये 12 प्रतिशत तथा सामान्य क्षेत्र के लिये 52 प्रतिशत का प्रावधान किया गया है.

32.7 वर्ष 2014-15 में पूंजीगत व्यय 8,347 करोड़ अनुमानित है, जो कि वर्ष 2013-14 के पुनरीक्षित अनुमान 5,994 करोड़ की तुलना में 39 प्रतिशत अधिक है. पूंजीगत व्यय, कुल व्यय का 15 प्रतिशत है.

32.8 वर्ष 2013-14 के पुनरीक्षित अनुमान 20,210 करोड़ की तुलना में वर्ष 2014-15 में आयोजनेत्तर राजस्व व्यय 19,365 करोड़ अनुमानित है, जो कि 4 प्रतिशत कम है. इसमें वेतन भत्ते हेतु 7,187 करोड़, पेंशन हेतु 2,505 करोड़, ब्याज भुगतान हेतु 1,822 करोड़, विभिन्न योजनाओं हेतु आर्थिक सहायता के रूप में 232 करोड़ तथा विभिन्न संस्थाओं को अनुदान हेतु 3,884 करोड़ शामिल है.

32.9 वर्ष 2014-15 के बजट में सामाजिक क्षेत्र के लिये 39 प्रतिशत, आर्थिक क्षेत्र के लिये 45 प्रतिशत एवं सामान्य सेवा क्षेत्र के लिये 16 प्रतिशत का प्रावधान किया गया है.

32.10 वर्ष 2014-15 के बजट में राज्य के वित्तीय संकेतक निरन्तर रूप से सुदृृढ़ रहे हैं. जी.एस.डी.पी. के प्रतिशत के रूप में राज्य का विकासात्मक व्यय 23 प्रतिशत, सामाजिक क्षेत्र पर व्यय 11 प्रतिशत तथा पूंजीगत व्यय 4.33 प्रतिशत है. इसी प्रकार जी.एस.डी.पी. के प्रतिशत के रूप में राज्य का कर राजस्व 9 प्रतिशत, राज्य की ऋण देयता 16 प्रतिशत तथा ब्याज भुगतान 1 प्रतिशत है.

राजकोषीय स्थिति

33. अध्यक्ष महोदय, राज्य के स्वयं के राजस्व में निरन्तर वृद्धि के फलस्वरूप इस बजट में पूर्व वर्षों की भांति 2,464 करोड़ का राजस्व आधिक्य अनुमानित किया गया है.

33.1 राज्य का सकल वित्तीय घाटा 5,761 करोड़ अनुमानित किया गया है, जो कि सकल घरेलू उत्पाद का 3 प्रतिशत है तथा ‘‘राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंध अधिनियम’’ में निर्धारित सीमा 3 प्रतिशत के बराबर है. वित्तीय घाटे की पूर्ति ऋण लेकर की जायेगी.

33.2 वर्ष 2014-15 हेतु कुल प्राप्तियाँ 54,661 करोड़ तथा कुल व्यय 54,710 करोड़ अनुमानित किया गया है. इन वित्तीय संव्यवहारों के फलस्वरूप 49 करोड़ का शुद्ध घाटा अनुमानित है. वर्ष 2013-14 के संभावित घाटा 1,915 करोड़ को शामिल करते हुये वर्ष 2014-15 का कुल बजटीय घाटा 1,964 करोड़ अनुमानित है. इस घाटे की पूर्ति वित्तीय अनुशासन तथा अतिरिक्त आय के संसाधन जुटाकर की जावेगी.
भाग-तीन

34. अध्यक्ष महोदय, अब मैं वर्ष 2014-15 के लिये कर प्रस्ताव सदन के समक्ष प्रस्तुत करना चाहूँगा.
स्थानीय उद्योगों के लिये राहत:-

34.1 अध्यक्ष महोदय, निरंतर आर्थिक मंदी के कारण छत्तीसगढ़ के उद्योग, विशेषकर लघु एवं मध्यम स्टील उद्योग आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं. इन्हें मंदी से उबारने तथा पुनर्जीवित करने के लिये मैं करों में निम्नानुसार रियायतें एवं युक्तियुक्तकरण प्रस्तावित करता हूँ:-

ऽ लघु एवं मध्यम स्टील उद्योगों को प्रतिस्पर्द्धात्मक बनाने के लिये उनके द्वारा निर्मित उत्पाद पर प्रचलित केन्द्रीय विक्रयकर की दर 2 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत की जायेगी.

ऽ लघु एवं मध्यम स्टील उद्योगों को कच्चे माल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये प्रांत के बाहर से आयातित ‘‘आयरन ओर पैलेट‘‘ तथा ‘‘बिलेट‘‘ पर प्रचलित प्रवेशकर क्रमशः 0.5 प्रतिशत एवं 1 प्रतिशत समाप्त किया जायेगा.

ऽ आयरन एवं स्टील उद्योगों को पिग आयरन, स्टील स्क्रेप, आयरन-ओर पैलेट एवं फेरो एलॉयज कच्चे माल के रूप में घोषणा पत्र के आधार पर क्रय करने की सुविधा दी जायेगी. इससे ऐसे कच्चे माल पर प्रचलित वेट की दर 5 प्रतिशत से घटकर 2 प्रतिशत हो जाएगी.

ऽ स्थानीय उद्योगों द्वारा निर्मित साईकिल एवं साईकिल पार्ट्स पर वेट की प्रचलित दर 5 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत की जायेगी.

ऽ भिलाई इस्पात संयत्र द्वारा आयातित ‘‘कोकिंग कोल‘‘ पर देय प्रवेशकर की दर में युक्तियुक्तकरण किया जायेगा. प्रचलित प्रवेश कर की दर 6 प्रतिशत को घटाकर 1 प्रतिशत किया जायेगा.

ऽ बाक्साईट पर प्रचलित प्रवेश कर की दर में युक्तियुक्तकरण करते हुये 3 प्रतिशत को घटाकर 1 प्रतिशत किया जायेगा.

ऽ केप्टिव माईंस द्वारा उत्खनित कच्चा माल पर देय प्रवेश कर का युक्तियुक्तकरण किया जाकर प्रचलित प्रवेश कर की दर बाजार मूल्य का 1 प्रतिशत किया जायेगा. इस हेतु राज्य शासन द्वारा बाजार मूल्य अधिसूचित किया जायेगा.

ऽ बीमार एवं बंद पड़ी औद्योगिक ईकाइयाँ पुनर्जीवित हो सके, इसके लिये ऐसी ईकाइयों के क्रय करने पर प्रचलित 5 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क समाप्त किया जायेगा.

ऽ कंपनियों के समामेलन तथा पुर्नगठन के प्रकरणों में देय स्टाम्प शुल्क की अधिकतम सीमा 10 करोड़ को घटाकर 5 करोड़ किया जायेगा.

ऽ लकड़ी के विकल्प के रूप में उपयोग होने वाले यू.पी.व्ही.सी. से निर्मित दरवाजें एवं खिड़कियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रचलित वेट दर 14 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत की जायेगी.

ऽ उद्योगों तथा रेलवे ट्रैक के निर्माण में उपयोग में आने वाली वेल्डिंग मशीनरी एवं इसके उपकरणों पर लागू वेट दर में युक्तियुक्तकरण करते हुये अन्य मशीनरी एवं उपकरणों पर कर दर 14 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत की जायेगी.

ऽ औद्योगिक ईकाइयों में इंडस्ट्रीयल इनपुट के रूप में उपयोग होने वाले फ्यूल ऑयल (पेट्रोलियम को छोड़कर), इण्डस्ट्रीयल एल.पी.जी. एवं रबर रिक्लेम पर देय वेट में युक्तियुक्तकरण किया जायेगा. इन्हें अन्य इण्डस्ट्रीयल इनपुट के समतुल्य माना जाकर इन पर प्रचलित वेट दर 14 प्रतिशत को घटाकर 5 प्रतिशत की जाएगी.

ऽ अधोसंरचना विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गतवर्ष रोड़ कन्स्ट्रक्शन में उपयोग होने वाले मशीनरी एवं उपकरण पर वेट की दर 14 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत की गई थी. इसी क्रम में सिविल कन्स्ट्रक्शन में उपयोग होने वाली मशीनरी एवं उपकरण पर वेट की दर 14 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत की जायेगी.

ऽ स्थानीय सोयाबीन आधारित उद्योगों को प्रतिस्पर्द्धात्मक बनाने के उद्देश्य से उनके द्वारा कच्चे माल के रूप में क्रय किये जाने वाले सोयाबीन पर प्रचलित वेट दर 5 प्रतिशत को समाप्त किया जायेगा.

ऽ स्थानीय मिनरल वॉटर ईकाइयों को प्रतिस्पर्द्धात्मक बनाने के उद्देश्य से उनके द्वारा उत्पादित मिनरल वॉटर पाऊच एवं 20 लीटर जेरीकेन पर वेट की दर 5 प्रतिशत तथा शेष मिनरल वॉटर पर वेट दर 14 प्रतिशत की जायेगी.

कुटीर उद्योगों को राहत:-

34.2 अध्यक्ष महोदय, स्थानीय कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहित किए जाने एवं उन्हें राहत प्रदान किए जाने हेतु मैं निम्नानुसार रियायतें प्रस्तावित करता हूँ:-

ऽ राज्य में विभिन्न स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इनके द्वारा निर्मित उत्पादों को वेट से मुक्त किया जायेगा.

ऽ स्थानीय अगरबत्ती एवं धूप निर्माण करने वाली इकाईयों को प्रतिस्पर्द्धात्मक बनाने के उद्देश्य से प्रदेश के बाहर से आयातित अगरबत्ती एवं धूप पर वेट दर 5 प्रतिशत की जायेगी.

ऽ ट्रैक्टर-ट्रॉली पर, प्रचलित वेट की दर 5 प्रतिशत समाप्त किया जाकर इसे करमुक्त किया जायेगा.

छोटे व्यवसाइयों को राहत:-

34.3 अध्यक्ष महोदय, व्यवसाइयों में स्व-सत्यापन एवं स्वैच्छिक अनुपालन की प्रवृत्ति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नवीन पंजीयन जारी करने से पूर्व विभागीय अधिकारियों द्वारा व्यवसाय स्थल निरीक्षण की अनिवार्यता को 1 जनवरी, 2014 से समाप्त किया गया है. इसी क्रम में प्रदेश के छोटे व्यवसाइयों को राहत पहुंचाने तथा कर प्रशासन को कुशल बनाने के उद्देश्य से मैं प्रचलित कर प्रक्रिया में निम्नानुसार सरलीकरण प्रस्तावित करता हूँ:-

ऽ वर्तमान व्यवस्था में अनेक व्यवसायी ऐसे हैं, जिन पर किसी अधिनियम के अंतर्गत कोई कर दायित्व नहीं आता है. इसे ध्यान में रखते हुये विशुद्ध रूप से करमुक्त माल मंे व्यवसाय करने वाले व्यवसाइयों को वेट अधिनियम के तहत पंजीयन प्रक्रिया एवं विभागीय परिधि से मुक्त किया जाएगा.

ऽ प्रदेश के भीतर क्रय-विक्रय करने वाले छोटे व्यवसायी, जिनकी सकल वार्षिक विक्रय सीमा 10 लाख तक है, को वेट पंजीयन से मुक्त रखा गया है. वार्षिक विक्रय की यह सीमा वर्ष 2006 में निर्धारित की गई थी, अब इसे बढ़ाया जाकर रुपए 20 लाख किया जायेगा.

उपर्युक्त दोनों सरलीकरण से लगभग 20 हजार छोटे व्यवसायी विभागीय परिधि से मुक्त होंगे.
ऽ नए पंजीकृत व्यवसाईयों के लिये निर्धारित प्रक्रिया में सरलीकरण करते हुए पंजीयन की एक वर्ष की अवधि तक त्रैमासिक के स्थान पर छःमाही विवरण देने का प्रावधान किया जाएगा.

ऽ व्यवसाइयों को स्व-कर निर्धारण के लिये प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विवरण पत्र की प्रक्रिया में सरलीकरण करते हुये त्रैमासिक विवरण के साथ प्रस्तुत की जाने वाली क्रय-विक्रय सूची की सीमा में वृद्धि की जाकर 3 लाख त्रैमासिक किया जाना प्रस्तावित है.

ऽ छोटे व्यवसाइयों के लिये उपलब्ध कम्पोजिशन सुविधा को और अधिक सरल एवं आकर्षक बनाया जायेगा. इस हेतु व्यवसायी द्वारा प्रस्तुत आवेदन का विभागीय अधिकारियों द्वारा अनुमोदन की प्रक्रिया को समाप्त करते हुये आवेदन को सूचना के रूप में मान्य किया जायेगा. इसके साथ-साथ कम्पोजिशन के लिये निर्धारित विक्रय सीमा रुपए 60 लाख से अधिक होने पर सीमा से अधिक एवं रुपए 1 करोड़ के विक्रय तक पूर्ण दर से कर देय होगा.

करों में युक्तियुक्तरण के प्रस्ताव:-

34.4 अध्यक्ष महोदय, कर की दरों में विसंगतियों को दूर करने हेतु मैं निम्नानुसार युक्तियुक्तकरण प्रस्तावित करता हूँ:-

ऽ मापतौल उपकरणों पर वेट की प्रचलित दर 14 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत की जायेगी.

ऽ ड्रग एवं मेडीसिन के एम.आर.पी. विक्रय पर वेट देय है. अतः युक्तियुक्तकरण करते हुए मेडिकल इक्विपमेंट/डिवाईस एवं इम्प्लांटस् के एम.आर.पी. विक्रय पर भी वेट देय होना प्रस्तावित है.

ऽ प्रदेश में संचार व्यवस्था एवं दुर्गम इलाकों में संचार सुविधा के विस्तार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से टेलीकम्युनिकेशन कंपनियों द्वारा देय प्रवेश कर 4 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत किया जायेगा.

मुद्रांक एवं पंजीयन शुल्क:-

35. अध्यक्ष महोदय, 1 दिसम्बर, 2013 से प्रदेश में ई-स्टैम्पिंग की व्यवस्था प्रारम्भ कर दी गई है. इसी क्रम में आगामी वित्तीय वर्ष में दस्तावेजों के पंजीयन को पूर्ण रूप से कम्प्यूटरीकृत किया जाएगा. किसान एवं आम जनता की सुविधा के लिए मैं पंजीयन एवं स्टॉम्प शुल्क की दर में निम्नानुसार युक्तियुक्तकरण प्रस्तावित करता हूँ:-

ऽ राज्य में स्थित भूमि तथा भवन की अदलाबदली (एक्सचेंज) पर स्टाम्प शुल्क की दर संपत्ति के बडे़ भाग के बाजार मूल्य का 5 प्रतिशत है. इसमें परिवर्तन कर समान मूल्य होने की स्थिति में स्टाम्प की दर से छूट प्राप्त होगी एवं अंतर की अधिक राशि पर ही स्टाम्प शुल्क 5 प्रतिशत की दर से देय होगा.

ऽ वर्तमान में बांड्स पर देय स्टाम्प शुल्क की दर प्रतिभूति रकम की 4 प्रतिशत है, इसे 2 प्रतिशत किया जाना प्रस्तावित है. इस प्रावधान के फलस्वरूप अचल संपत्ति के कब्जारहित सिम्पल मार्टगेज दस्तावेजों पर भी स्टाम्प शुल्क 2 प्रतिशत हो जाएगा.

ऽ अचल संपत्ति के दान पर स्टाम्प शुल्क की दर 5 प्रतिशत है. आम जनता को राहत देने की दृष्टि से अब परिवार के सदस्योें के मध्य होने वाले अचल संपत्ति के दान पर बाजार मूल्य का आधा प्रतिशत स्टाम्प शुल्क देय होगा.

ऽ बटवारानामा में विभाजित की गई अचल संपत्ति के बडे़ हिस्से को छोड़कर शेष हिस्सों के बाजार मूल्य पर देय 4 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क में रियायत करते हुए प्रत्येक हिस्से के लिए एक निश्चित शुल्क का प्रावधान किया जाएगा.

ऽ हकत्याग के दस्तावेजों में संपत्ति के बाजार मूल्य का 4 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क देय है. परिवार के सदस्यों के मध्य अचल संपत्ति का हकत्याग होने पर छोडे़ गये हिस्से की संपत्ति के बाजार मूल्य पर मात्र 0.5 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क देय होगा, परन्तु परिवार का सदस्य न होने की स्थिति मे छोडे़ गये हिस्से का 2 प्रतिशत शुल्क लिया जाएगा.

ऽ अचल संपत्ति से संबंधित पावर ऑफ अटार्नी के मामलों में 100 रुपये स्टाम्प शुल्क देय है तथा इसके क्रियान्वयन की कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है. इसे नियंत्रित करने के लिए 2 वर्ष की समय-सीमा तथा स्टाम्प शुल्क 1000 रुपये किया जाना प्रस्तावित है, परन्तु परिवार के सदस्यों के पक्ष में लिखे गये पावर ऑफ अटार्नी में समय-सीमा का बंधन नहीं होगा.

ऽ समाशोधन सूची में स्टाम्प शुल्क का प्रावधान नहीं है. राजस्व को संरक्षित करने के लिए 10,000 रुपये या उसके भाग के लिए 1 रुपये की दर सेे अधिकतम 1,000 रुपये तक स्टाम्प शुल्क प्रस्तावित है.

35.1 वेट, केन्द्रीय विक्रय कर, प्रवेश कर अधिनियम एवं स्टॉम्प शुल्क में प्रस्तावित उक्त रियायतों के फलस्वरूप राज्य शासन को लगभग 50 करोड़ की राजस्व हानि अनुमानित है, जिसकी पूर्ति बेहतर कर प्रशासन, कर प्रबंधन एवं प्रवेश कर अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन के फलस्वरूप प्राप्त होने वाले अतिरिक्त राजस्व से कर ली जाएगी.

36. अध्यक्ष महोदय, मुझे विश्वास है कि जिन मूल मंत्रों के सहारे हमने इस बजट की परिकल्पना की है, उन पर अमल करने के लिए हम शासनतंत्र को पारदर्शी तथा जनता के प्रति जवाबदेह और संवेदनशील बनाते हुए छत्तीसगढ़ को इक्कसवीं सदी का राज्य बनाने में सफल होंगे. वित्तीय प्रबंधन को हमने किताबों से नहीं आम आदमी के जीवन से सीखा है. इसी विश्वास के बल पर मैं कवि रामेश्वर वैष्णव की इन पंक्तियों के साथ वर्ष 2014-15 का वार्षिक वित्तीय विवरण तथा अनुदान की मांगें सदन के समक्ष प्रस्तुत करता हूँ:-
ऐसी कोई रात नहीं है, जिसके बाद प्रभात नहीं है,
मन में दृढ़ विश्वास चाहिए, असफलता की बात नहीं है,
हर अवसर एक चुनौती है,मुफ्त मिली सौगात नहीं है,
जो होगा अच्छा ही होगा, यह खाली जज्बात नहीं है.

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