घूस का सोना लंदन से मंगाया
रायपुर | संवाददाता: आईएएस ने घूस देने लंदन से सोना मंगाया था. सीबीआई द्वारा छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ आईएएस अफसर के यहां छापे के दौरान सोने की दो ईंटे बरामद की गई थी. अब जाकर इसका खुलासा हुआ है कि इनमें से एक को लंदन ने निर्यात करके मंगाया गया था. दूसरे ईंट पर बैंक का नंबर मिला है जिससे यह पता लगाया जा रहा है कि यह किन-किन हाथों से गुजरकर बाबूलाल अग्रवाल के हाथों तक पहुंचा है.
गौरतलब है कि सीबीआई का छापा पड़ते ही आईएएस अफसर बाबूलाल अग्रवाल ने सोने की दोनों ईंटों को मार्केट में खपाने के लिये भेज दिया था लेकिन सीबीआई की नज़र से न बच सका तथा पकड़ा गया था. इस सिलसिले में सीबीआई ने शुक्रवार को रायपुर, दुर्ग, भिलाई तथा राजनांदगांव के कई ज्वेलर्स के यहां दबिश दी. फिलहाल बाबूलाल अग्रवाल सीबीआई की हिरासत में गहैं तथा उनसे पूछताछ की जा रही है. राज्य सरकार ने उन्हें निलंबित भी कर दिया है.
उल्लेखनीय है कि बाबूलाल अग्रवाल के खिलाफ सीबीआई में चल रहे अपने मामले को खत्म करने के लिये कथित रुप से पीएमओ के अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप है. 18 फऱवरी को सीबीआई ने बाबूलाल के घर छापा मार कर कई घंटों तक पूछताछ की थी और दस्तावेजों को जब्त किया था. 1988 बैच के बाबूलाल अग्रवाल गिरफ्तारी के वक्त छत्तीसगढ़ सरकार में उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव थे.
बाबूलाल अग्रवाल का नाम 2010 में पहली बार उस समय चर्चा में आया था, जब उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में आयकर विभाद की कार्रवाई हुई थी. बाबूलाल पर आरोप लगा कि उन्होंने रायपुर ज़िले के खरोरा के 220 गांव वालों के नाम से फर्जी बैंक खाते खुलवा कर उसमें भारी निवेश किया है. बाबूलाल पर 253 करोड़ की संपत्ति तथा 85 लाख के बीमा की खबरें सामने आई थीं.
इसकी कई कहानियां छपी, अफवाहें उड़ीं, बाबू लाल निलंबित हुये और अंततः सरकार ने बाबूलाल अग्रवाल को बेदाग घोषित करते हुये उन्हें महत्वूर्ण पद दे दिया. बाबूलाल अग्रवाल का दावा है कि उन्होंने पूरे मामले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, जिसके बाद उन्हें बेदाग घोषित किया गया.
इधर आयकर विभाग ने इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया था और आरोप है कि इसी मामले को खत्म करने के लिये कथित रुप से डेढ़ करोड़ की रिश्वत देने की कोशिश की गई. यहां तक कि इस मामले में सीबीआई ने रिश्वत के रुप में दिये जाने वाला दो किलोग्राम सोना भी जब्त किया था.