जीवन के लिए संघर्ष कर रहा नाबालिग
रतनपुर | उस्मान कुरैशी: दुर्घटना में घायल मजदूर को ट्रेक्टर मालिक ने झूठी जानकारी देकर अस्पताल में भर्ती करा दिया. स्थिति गंभीर होने पर मजदूर की मेडिकल रिपोर्ट लेकर भाग आया. मेडिकल रिपोर्ट के अभाव में अस्पताल से भी उसे छुटटी दे गई. गंभीर रूप से घायल मजदूर घर पर खाट में जीवन के लिए संघर्ष कर रहा. परिजनों ने मामले की रिपोर्ट रतनपुर थाना में भी दर्ज कराई है.
छत्तीसगढञ के बिलासपुर जिले के रतनपुर थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत गढ़वट निवासी कृषि मजदूर परदेशी धीवर के 16 वर्षीय नाबालिग पुत्र अशोक धीवर गांव के ही रमेश साहू के ट्रेक्टर में मजदूरी करता था. 6 जून 2014 की शाम को वह रमेश साहू के नया सोल्ड पावर ट्रेक ट्रेक्टर में काम करने निकला. ट्रेक्टर से रतनपुर क्षेत्र के कोरबा भांवर चांपी नहर के लाइनिंग कार्य में रेत आपूर्ति का काम लिया जा रहा था. रात चार बजे के लगभग ग्राम भैंसाझार के अरपा नदी से रेट भरकर लौट रही ट्रेक्टर अनियंत्रित होकर कोरबा भांवर के पास ट्राली सहित पलट गई.
जिससे ट्राली में बैठा अशोक ट्रेक्टर के ट्राली सहित पलटने से दबकर गंभीर रूप से घायल हो गया. घटना की खबर मिलने पर ट्रेक्टर मालिक रमेश साहू मौके पर पहुंचा. रमेश ने घटना का खबर पुलिस व अशोक के मां बाप नहीं दी. उसे उपचार के लिए छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर के निजी अस्पताल में ले गया. जहां जांच के बाद उसकी रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोंटे आने की जानकारी सामने आई. मामला गंभीर होने पर ट्रेक्टर मालिक ने परिजनों को झांसा देकर अच्छा उपचार के लिए उसे रायपुर ले जाने की बात कही. रायपुर में उसे मेकाहारा में भर्ती करा दिया गया.
मेकाहारा में 11 जून को उसका आपरेशन हुआ. आपरेशन के बाद अत्याधिक खर्च होने की बात कहके ट्रेक्टर मालिक आगे का खर्च उठाने से मना कर वह लौट आया. ट्रेक्टर मालिक अपने साथ अशोक का मेडिकल रिपोर्ट भी लेकर आ गया. मेडिकल रिपोर्ट के अभाव में डाक्टरों ने भी अशोक की जल्दी छुट्टी कर दी. बिलासपुर के सरकारी अस्पतालों में भी मेडिकल रिपोर्ट के अभाव में भर्ती करने से मना कर रहे है.
फिलहाल गंभीर रूप से घायल मजदूर घर पर खाट में जीवन के लिए संघर्ष कर रहा. मामले की रिपोर्ट रतनपुर थाना में 11 जून को दर्ज कराई है. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 279,337 के तहत अपराध दर्ज किया है. मामले पर थाना प्रभारी सुशीला टेकाम का कहना है कि घटना पर अपराध दर्ज कर विवेचना की जा रही है. सभी धाराएं जमानतीय है.
लतेलराम का आरोप है कि ट्रेक्टर मालिक ने मेकाहारा अस्पताल में पेड़ से गिरकर अशोक के घायल होने की झूठी जानकारी दी. आपरेशन के बाद ट्रेक्टर मालिक ने कोरे कागज में हम लोगों का दस्तखत करा लिया. इसके साथ ही अशोक के सारे मेडिकल रिपोर्ट लेकर बिना बताएं गांव लौट आया. मेडिकल रिपोर्ट के अभाव में वहां के डाक्टरों ने भी उपचार करने से मना कर जल्दी रिलीव कर दिया. गांव आने के बाद तबियत बिगड़नें पर उसे सिम्स भी ले गए यहां भी डाक्टरों ने मेडिकल रिपोर्ट के अभाव में भर्ती करने से मना कर दिया.
अशोक के पिता परदेशी का कहना है कि ट्रेक्टर मालिक मेरे बच्चे के उपचार में किसी भी प्रकार की मदद नही कर रहा. दुर्घटना में बेटे के घायल होने की खबर भी हमको नही दी. रायपुर अस्पताल से मेडिकल रिपोर्ट भी ले आया है. अब उसे भी वह देने से इंकार कर रहा. रिपोर्ट के अभाव में बेटे का उपचार भी नही हो पा रहा. बेटे के कमर के नीचे का हिस्सा पूरी तरह शून्य हो गया है. घर पर ही खाट पर दर्द से कराहते पड़ा रहता है. घटना की रिपोर्ट पुलिस में भी की गई है जिस पर अब तक किसी प्रकार की कार्रवाई नही की गई है.