छत्तीसगढ़

भारती बंधु को डी. लिट् मिलेगा

रायपुर | संवाददाता: भारती बंधु को खैरागढ़ वि. वि. ने डी. लिट् की उपाधि देने का निर्णय लिया है. शुक्रवार को राज्यपाल उन्हें यह उपाधि प्रदान करेंगे. भारती बंधु-अर्थात् पांच भाई एक साथ-एक स्वर में एक मंच पर बैठकर जब कबीर को गाते हैं, तो श्रोता मंत्रमुग्ध हो जाते हैं.

रायपुर में मारवाड़ी श्मशान घाट के ठीक सामने उनका निवास है. जीसीडी भारती से छोटे विवेकानंद तबले पर संगत देते हैं, अनादि ईश्वर सह-गायक हैं. अरविंदानंद मंजीरा बजाते हैं और सत्यानंद ढोलक संभालते हैं.

भारती बंधु कहते हैं हमें बड़े-बड़े बुध्दिजीवी आशीर्वाद देते हैं और हज़ारों श्रोता कबीर को सुनकर परमानंद प्राप्त करते हैं, यही हमारा सबसे बड़ा पुरस्कार है. हम लोग ज़िंदगी भर कबीर को गाते रहेंगे. हम लोग रीमिक्स या पॉप नहीं गाना चाहते हैं, कबीर को गाना ही पुण्य कमाना है.

भारती बंधुओं की शैली में कव्वाली का रस है. हारमोनियम, तबला, ढोलक जैसे पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ वे तीन घंटे रोज रियाज़ करते हैं.

भारती बंधुओं को अपने माता सत्यभामा और पिता स्वामी विद्याधर गैना भारती से प्रेरणा मिली.

दरअसल, भारती बंधु परिवार में पीढ़ियों से भजन गायकी की परंपरा रही है, जिसे सहेजने और संगठित करने की प्रेरणा स्वामी जीसीडी भारती ने ग्रहण की और आज वे प्राय: सभी बड़े आयोजनों में शिरकत करने लगे हैं.

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