छत्तीसगढ़: बंगाली समाज का धरना
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बंगाली समाज ने नमः शूद्रो को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग पर विशाल धरना दिया. यह धरना निखिल भारत बंगाली उदवास्तु समन्वय समिति के बैनर तले दिया गया. सोमवार दोपहर विधानसभा का घेराव करने निकले समाज के हजारों लोगों के रैली को बिजली ऑफिस चौक पर रोक दिया गया.
बाद में समाज के प्रतिनिधी मंडल ने मुख्यमंत्री रमन सिंह से मुलाकात की. इस मौके पर प्रतिनिधि मण्डल के साथ अन्तागढ़ के विधायक भोजराज नाग और पूर्व विधायक मन्तूराम पवार भी उपस्थित थे. प्रतिनिधि मण्डल में समिति के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को चार सूत्रीय ज्ञापन सौंपा. जनपद सदस्य लक्ष्मण मंडावी सहित प्रतिनिधि मण्डल में तपन कुमार राय, मन्मथ मण्डल, राजेश चौधरी मन्मथ विस्वास, रविंद्रनाथ सरकार, विकास पाल, निमाई सरकार भी शामिल थे.
समिति के ज्ञापन में उल्लेखित मांगों पर मुख्यमंत्री ने सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया. उन्होंने प्रतिनिधि मण्डल को बताया कि अनुसूचित जाति अथवा पिछड़ा वर्ग में शामिल करने की मांग पर छानबीन समिति द्वारा विस्तृत सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण कराया जायेगा. विधानसभा सत्र के बाद यह समिति सम्बंधित क्षेत्र का दौरा करेगी. बंगला भाषा के जानकार अधिकारी भी समिति के साथ जायेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी समुदाय को अनुसूचित जाति, जनजाति अथवा पिछड़ा वर्ग में शामिल करने के बारे में छानबीन समिति की रिपोर्ट के आधार पर ही विचार किया जाता है और आगे की कार्रवाई की जाती है. सामान्य प्रशासनिक आदेश से यह काम नहीं होता. छानबीन समिति की रिपोर्ट को राज्य सरकार तत्काल आगामी कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार को भेजेगी.
उधर, छत्तीसगढ़ माकपा ने एक बयान जारी करके कहा है, कि कांग्रेस-भाजपा दोनों ने इस मांग को चुनावी मुद्दा तो बनाया है, लेकिन इस जीत के बाद इस मांग को पूरा करने के लिए कभी कोई कदम नहीं उठाया है. इस मांग के प्रति उनकी संवेदनहीनता इसी बात से झलकती है कि हाल ही में केन्द्र सरकार ने कई जातियों को अनुसूचित जाति की मान्यता दी है, लेकिन फिर नमः शूद्रों की उपेक्षा की है तथा उन्हें उनके जायज हक से वंचित किया है.
माकपा संजय पराते नेता ने मांग की है कि इस मांग के समर्थन में विधानसभा एक संकल्प प्रस्ताव पारित करें ताकि केन्द्र सरकार को इस मांग पर कार्यवाही करने के लिए बाध्य होना पड़े. पार्टी ने कहा है कि आज केन्द्र और राज्य दोनों जगहों पर भाजपा की सरकारें हैं और भाजपा यदि इस मांग के प्रति ईमानदार है, तो उसे नमः शूद्रों को अनुसूचित जाति की मान्यता देने के लिए पहलकदमी करना चाहिए.