दंतेवाड़ाबस्तर

नोटबंदी से भिखारी भी प्रभावित

जगदलपुर | संवाददाता: नोटबंदी से छत्तीसगढ़ के बस्तर में समाज का हर तबका प्रभावित हुआ है. नकदी की कमी के कारण उन्हें भीख नहीं मिल रहा है इस कारण से इनकों खाने के लाले पड़ गये हैं. जानकारों का मानना है कि कमोबेश पूरे राज्य की यहीं हालत है.

नोटबंदी से समाज का हर तबका प्रभावित हुआ है. बड़े जहां अपने नोटों को ठिकाने लगाने के लिये जूझ रहें हैं वहीं छोटे अपनी गाढ़ी कमाई से बैंकों में जमा पैसे को निकालने के लिये बैंकों तथा एटीएम मशीन के सामने कतारबद्ध नज़र आ रहें हैं. इस बीच समाज के सबसे अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति पर किसी का ध्यान ही नहीं गया है.

इस मुद्दे को हिन्दी के एक प्रतिष्ठित दैनिक ने उठाया है. छत्तीसगढ़ के बस्तर के भिखारियों के बीच जाकर पता चला कि उन्हें न तो एक रुपये किलो चावल मिलता है, न ही उनके बीपीएल कार्ड बने हैं, न ही उनके पास जनधन खाता है और न ही उन्हें शासन द्वारा प्रदत्त किसी तरह का पेंशन ही मिल पाता है. उनका गुजारा तो केवल भीख मांगकर ही चलता है.

अब जब पूरा देश तथा राज्य नगदी की कमी से जूझ रहा है तो इनकी कौन परवाह करता है. इससे पहले खबर आई थी कि दंतेवाड़ा के दंतेश्वरी मंदिर में भक्तो की भीड़ कम हो जाने के कारण वहां पर भीख मांगकर गुजारा करने वालों की हालत सबसे खराब हैं. इनके पास न तो जमा-पूंजी होती है और न ही अनाज का छोटा-मोटा भंडार. इनका गुजारा तो रोज भीख मांगकर, रोज खाकर चलता है.

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