छत्तीसगढ़: बस्तर के 4 SP का तबादला
रायपुर | संवाददाता: मुख्यमंत्री ने बस्तर के 4 पुलिस अधीक्षकों का तबादला कर दिया है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने बस्तर संभाग के बस्तर, नारायणपुर, सुकमा तथा कोण्डागांव के पुलिस अधीक्षकों का तबादला कर दिया है. शुक्रवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने सुकमा के पुलिस अधीक्षक इंदिरा कल्याण एलेसेला के मानवधिकार कार्यकर्ताओं को वाहन से कुचल देने के बयान पर विरोध जताया. विपक्ष ने अलग से मुख्यमंत्री से मिलकर भी अपनी नाराजगी व्यक्त की. मुख्यमंत्री ने सदन को भरोसा दिलाया कि कठोरता से कार्यवाही होगी. लोकतंत्र में अमर्यादित आचरण नहीं चलेगा. देश शाम कड़ी प्रशासनिक सर्जरी करते हुये बस्तर के चार पुलिस अधीक्षकों का तबादला कर दिया गया.
इधर इस आदेश के बाद कुछ वाट्सऐप ग्रूप में बस्तर के पूर्व आईजी शिवराम प्रसाद कल्लुरी ने अपने तबादले के बाद अपने दो खास एस पी साथियों को बस्तर से हटाये जाने पर तंज कसा और एक तस्वीर पोस्ट करते हुये लिखा-THREE IDIOTS CLEAN BOWLED. यह लिखने के बाद कल्लुरी खुद ही ग्रूप छोड़ गये.
शुक्रवार को देर शाम जारी आदेश के अनुसार बस्तर के पुलिस अधीक्षक आरएन दाश को बलौदाबाजार, नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा को सुकमा, सुकमा के पुलिस अधीक्षक आईके एलेसेला को पुलिस मुख्यालय, कोंडागांव के पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह को नारायणपुर, बधेरा के पुलिस अधीक्षक आशुतोष सिंह को नारायणपुर तथा बलौदाबाजार के पुलिस अधीक्षक शेख आरिफ हुसैन का बस्तर तबादला कर दिया गया.
इस आदेश के तहत सुकमा के पुलिस अधीक्षक आईके एलेसेला तथा बस्तर के पुलिस अधीक्षक आरएन दाश को बस्तर संभाग से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. कुछ दिनों पहले बस्तर रेंज के आईजी एसआरपी कल्लूरी के तबादले के बाद इसे बस्तर में भारी फेरबदल माना जा रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बस्तर के पुलिस अधीक्षक आरएन दाश को मानवाधिकारों के उल्लंघन की शिकायतों को देखते हुये हटाया गया है. ऐसा माना जा रहा है कि ये दोनों पुलिस अधीक्षक बस्तर के विवादास्पद आईजी रहे एसआरपी कल्लूरी के संपर्क में थे और उनके ही इशारे पर इस तरह का माहौल बनाने में लगे थे. ऐलेसेला ने वह बयान भी गुरुवार को पंडरीपानी के एक कार्यक्रम में कल्लूरी और दास की मौजूदगी में ही दिया था. इस कारण सरकार ने अब बस्तर से कल्लूरी के पूरे प्रभाव को खत्म करने का फैसला कर लिया.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विधानसभा के सीएम सचिवालय में दोपहर करीब 2.30 बजे मुख्य सचिव विवेक ढांड और डीजीपी एएन उपाध्याय को बुलाया. दोनों जैसे ही अंदर आये मुख्यमंत्री रमन सिंह डीजीपी से सीधे पूछा- सुकमा एसपी ने जो कहा है वह सही है या गलत? अगर गलत है तो खंडन जारी करें. ध्यान रहे, मैं खुद भी पता करवा रहा हूं. अगर एसपी ने ऐसी धमकी दी है तो सूरज ढलने के पहले एसपी वहां नहीं रहना चाहिये.
गौरतलब है कि सुकमा ज़िले के एसपी आईके एलेसेला ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को कुचल देने की बात कही है. उन्होंने जगदलपुर में एक मोटर कंपनी के निजी समारोह में सार्वजनिक तौर पर भाषण देते हुये कहा कि मानवाधिकार कार्यकर्ता ईशा खंडेलवाल और शालिनी गेरा जैसों को इन नये बड़े वाहनों से सड़क पर कुचल देना चाहिये. बस्तर के पूर्व आईजी शिवराम प्रसाद कल्लुरी इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे, जबकि बस्तर के एसपी आरएन दाश विशिष्ट अतिथि के तौर पर इस कार्यक्रम में उपस्थित थे.
एक मोटर कंपनी की एजेंसी की शुरुवात के अवसर पर आयोजित समारोह में सुकमा ज़िले के एसपी आईके एलेसेला ने कहा कि बस्तर में इस तरह की गाड़ियों के लिये सड़कें नहीं हैं. जनता ने साथ दिया तो दिसंबर तक कोंटा तक सड़कें बन जायेंगी.
उन्होंने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को माओवादी समर्थक बताते हुये कहा कि उन्हें आधुनिक तकनीकों वाली वाहनों के नीचे सड़कों पर कुचल देना चाहिये. उन्होंने कहा कि लोग पालतु कुत्ते-बिल्ली को लेकर घूमते हुये पुलिस पर आरोप लगाते हैं.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिवराम प्रसाद कल्लुरी ने माओवादियों के ख़िलाफ चलाये जा रहे अभियान और विकास के मुद्दे पर कहा कि बस्तर में शांति स्थापना के लिये हरसंभव कोशिश जारी रहनी चाहिये.
नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव समेत कांग्रसी विधायकों के विरोध के बाद मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कड़े तेवर दिखाते हुये कहा कि मर्यादा भंग करने वाले चाहे कोई भी आईएएस, आईपीएस या आईएफएस अफसर हो, किसी को नहीं छोड़ेंगे. मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इस मामले में मुख्य सचिव तथा डीजीपी को निर्देशित किया है कि वे पूरी जानकारी लें. लोकतंत्र में किसी को भी दबाने का प्रयास नहीं चलेगा.