छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ से कब जायेगा बांग्लादेशी विमान?

रायपुर | समाचार डेस्क: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बांग्लादेश का खराब यात्री विमान दो माह से खड़ा हुआ है. इसका पार्किंग शुल्क ही रोजाना चार हजार रुपये लग रहा है. उल्लेखनीय है कि 8 अगस्त को ढ़ाका से मस्कट जा रहा विमान तकनीकी खामियों की वजह से रायपुर के माना हवाई अड्डे पर उतरा था. इस विमान में 120 यात्री शामिल थे. काफी लंबे समय के बाद अंतत: डॉयरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन, डीजीसीए ने छत्तीसगढ़ की राजधानी स्थित स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर दो महीने पहले इमरजेंसी लैंडिंग किए बांग्लादेशी विमान के इंजन बदलने की अनुमति जारी कर दी है. इसकी जानकारी बांग्लादेशी युनाइटेड एयरवेज को भेजी गई है.

स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट के अधिकारियों का कहना है कि इंजन बदलने की अनुमति के बाद अब इंजीनियर कब आएंगे, इस संबंध में कोई जानकारी बांग्लादेश की तरफ से उन्हें नहीं भेजा गया है. यानी इंजीनियर कब आएंगे, इसका पता नहीं. लेकिन विमान की छत्तीसगढ़ में इमरजेंसी लैंडिंग को अब करीब दो महीने होने जा रहा है.

बताया जाता है कि विमान का इंजन उड़ान भरने के लायक ही नहीं है, इसलिए इंजीनियरों ने इंजन बदलने की सलाह दी है. वहीं माना विमानतल पर खड़े इस विमान का पार्किंग शुल्क ही करीब ढाई लाख रुपये से ज्यादा हो गया है.

इस संबंध में स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट के निदेशक संतोष ढोके ने कहा कि अभी बांग्लादेश की तरफ से विमान के इंजन बदलने किसी प्रकार की योजना उन्हें नहीं भेजी गई है. डीजीसीए से अनमुति मिल चुकी है. लेकिन इंजीनियर कब पहुचेंगे, इस बारे अभी कुछ स्पष्ट कहा नहीं जा सकता.

ढोके का कहना है कि फिलहाल बांग्लादेशी विमान के लिए रोजाना साढ़े 4 हजार पार्किंग शुल्क तय किया गया है.

गौरतलब है कि राजधानी स्थित माना विमानतल पर गत 7 अगस्त को बांग्लादेश से मस्कट जा रहे विमान की इमरजेंसी लैंडिंग करवाई गई थी. तब से विमान आज तक माना एयरपोर्ट पर ही खड़ा है. छग में ऐसा पहली बार हुआ, जब किसी अंतर्राष्ट्रीय विमान की इमरजेंसी लैंडिंग करवाई गई थी. इस विमान में चालक दल के सदस्यों सहित 173 यात्री सवार थे.

लैंडिग के लगभग तीन घंटे तक यात्रियों को विमान में बैठाकर रखा गया था. वहीं दिल्ली से अनुमति मिलने के बाद ही यात्रियों को बाहर निकाला गया. फिर 24 घंटे के बाद ढाका से यात्रियों को ले दूसरी विमान की व्यवस्था की गई थी. लेकिन छग में पहली बार हुए किसी अंतर्राष्ट्रीय विमान इमरजेंसी लैंडिंग को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था.

पुलिस के खुफिया विभाग द्वारा की गई जांच-पड़ताल के बाद ही यात्रियों को एयरपोर्ट पर रुकने दिया गया था. वहीं बांग्लादेशी एयरलांइस के दो इंजीनियर कोलकाता से विमान की खराबी दूर करने आए थे. पर उन्होंने साफ कर दिया था कि इंजन में सुधार कार्य नहीं किया जा सकता.

मस्कट जा रहे जिस विमान की इमरजेंसी लैंडिंग करवाई गई थी, उस विमान का एक हिस्सा राजधानी से 100 किलोमीटर दूर बेमेतरा के गंगापुर गांव में गिर गया था. बताया जाता है कि इसके गिरते ही झटके से विमान का इंजन बंद हो गया और इंजन के सहारे उड़ान भरना संभव नहीं था. लिहाजा, उसकी लैंडिंग अनिवार्य हो गई थी. जानकार बताते हैं कि विमान के लैंडिंग के निर्णय में थोड़ी सी देरी भी घातक हो जाती और विमान गिर भी सकता था.

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