छत्तीसगढ़ में जबरिया रक्तदान!
रायपुर | समाचार डेस्क: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में परीक्षा में पास करवाने के लिये जबरिया रक्तदान की खबर है. समाचार पत्र के हवाले से खबर है कि छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में नवरात्रि के समय कॉलेज के छात्र-छात्रओं को प्रायोगिक परीक्षा में फेल कर देने की कथित धमकी देकर जबरन रक्तदान कराया गया है. बताया जा रहा है कि रक्तदान के समय दो लड़कियां मूर्छित हो गई थी जिसे देखकर 2-3 लड़े भाग खड़े हुए. कॉलेज के प्रिंसपल पर आरोप है कि उन्होंने मेन गेट पर ताला जड़वा दिया था. खबरों के अनुसार करीब 70 लड़े तथा 35 लड़कियों से जबरिया रक्त दान करवाया गया है.
प्रिंसपल पर आरोप है कि उन्होंने रक्तदान किये हुए रक्त को अंबिकापुर के एक निजी ब्लड बैंक को बेच दिया था. इस बारे में बलरामपुर के कलेक्टर अलेक्स पॉल मेनन को लिखित में शिकायत की गई है तथा प्रशासन इसकी जांच कर रहा है. वहीं, आरोपी प्रिंसपल 10 नवंबर तक की लंबी छुट्टी पर है. आरोपों के अनुसार राजपुर के सरकारी कॉलेज के प्रिंसपल बीके गर्ग ने अपने सरगुजा के ही सूरजपुर में पोस्डिंग के समय ही रक्तदान करवाया था.
कलेक्टर अलेक्स पॉल मेनन द्वारा नियुक्त जांज अधिकारी भूपेंन्द्र अग्रवाल ने एक अंग्रेजी दैनिक को बताया कि हम इस बात की जांच कर रहें हैं कि कैसे बिना अनुमति के एक निजी ब्लड बैंक के साथ मिलकर रक्तदान के शिविर का आयोजन किया गया. उन्होंने बताया कि रक्तदान शिविर के लिये कलेक्टर, एसडीएम और जिला स्वास्थ्य अधिकारी की मंजूरी आवश्यक है. इसी के साथ निजी ब्लड बैंक से स्पष्टीकरण मांगा गया है.
उल्लेखनीय है कि इस जबरिया रक्तदान शिविर का आयोजन 25 सितंबर के दिन किया गया था जब कई छात्र-छात्राएं नवरात्रि के कारण उपवास पर थे.
गौरतलब है कि रक्तदान को महादान माना जाता है जिससे किसी की जान बचाई जा सकती है परन्तु एक सभ्य समाज में छात्र-छात्राओं को परीक्षा में फेल कर देने की धमकी देकर रक्तदान करवाना कहां तक कानूनी तथा नैतिक है.