कोरबाछत्तीसगढ़

बाल्को: खून देकर श्रमिकों का प्रदर्शन

कोरबा | अब्दुल असलम: छत्तीसगढ़ के कोरबा के बाल्कों के श्रमिकों ने सोमवार को अपना खून प्रबंधन को समर्पित कर विरेध प्रदर्शन किया. गौरतलब है कि कोरबा के बाल्को संयंत्र में 15सूत्रीय मांगो को लेकर श्रमिको ने बाल्को प्रबंधन के खिलाफ एक बार फिर मोर्चा खोल दिया हैं. समान काम समान वेतन की मांग, फैक्ट्री एक्ट, बोनस सहित 15 मांगो को लेकर सोमवार को संयंत्र के भीतर कंप्रेसिव भवन के सामने एक घंटा जमकर नारेबाजी की और साथ ही श्रमिकों ने खून का बैग भी कंप्रेसिव भवन रखकर बाल्को प्रबंधन के खिलाफ नारे-बाजी की.

श्रमिकों की माने तो बाल्को प्रबंधन रोज उनका खून चूस रहा हैं इसलिये थोडा-थोडा खून देने की बजाये हम एक साथ खून देगें. गौरतलब हैं कि बाल्कों में 350 करोड रुपये का ईपीएफ घोटाला सामने आया था. जिसकी शिकायत सहायक श्रमायुक्त से श्रमिक नेताओं ने की थी. जिसकी जांच तत्कालीन सहायक श्रमायुक्त एसपी वर्मा कर रहे थे. उनकी जांच में बाल्को प्रबंधन द्वारा कर्मचारियो के ईपीएफ की राशि उनके खाते मे जमा नहीं होना पाया गया. इसके बाद तत्कालीन सहायक श्रमायुक्त एसपी वर्मा ने बाल्कों के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ बाल्कोनगर थाना मे लिखित रुप से की गई थी.

हैरत की बात है कि इस मामले में तत्कालीन सहायक श्रमायुक्त की शिकायत के बाद उनका तबादला रायपुर कर दिया था. उनके स्थान पर जांजगीर जिले के सहायक श्रमायुक्त विकास सरोदे को कोरबा जिला का भी प्रभार दिया गया हैं. उल्लेखनीय है कि अब तक न तो बाल्को प्रबंधन ने सहायक श्रमायुक्त के आदेशों का पालन किया और न ही इस मामले मे बाल्कों के जिम्मेदार अधिकारियो के खिलाफ कोई कारवाई की गई.

इधर बाल्को के अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे है. वहीं, श्रमिक संगठनों ने अपने दो दिवसीय आंदोलन के तहत रोज एक घंटे प्रदर्शन कर अपना खून बाल्कों प्रबंधन को देने का फैसला किया है. श्रमिकों के इस विरोध प्रदर्शन के बाद भी उनकी मांगे पूरी नहीं कि गई. श्रमिकों ने चेतावनी दी है कि संयंत्र को बंद करा दिया जायेगा जिसके बाद प्रसासमॉन ने वहां पर पुलिस बल तैनात कर दिया है.

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