एमडीओ पर बैकफुट पर आई छत्तीसगढ़ सरकार
रायपुर | संवाददाता : छत्तीसगढ़ सरकार कोल खदानों के एमडीओ के मुद्दे पर बैकफुट पर आ गई है. अडानी को आवंटित कोल ब्लॉक के मामले में एमडीओ यानी माइन डेवलपर कम ऑपरेटर को लेकर राज्य सरकार द्वारा हाईकोर्ट में दायर याचिका वापस ले ली गई है.
देश भर में एमडीओ यानी माइन डेवलपर कम ऑपरेटर के बतौर निजी कंपनियों को कोयला खदान दिये गये हैं. छत्तीसगढ़ में भी पिछली सरकार ने यह काम किया था. लेकिन राज्य सरकार ने यह जानकारी सार्वजनिक करने से इंकार कर दिया कि निजी कंपनी को दिये गये एमडीओ में क्या-क्या शर्तें लागू हैं.
इन दस्तावेज़ों की मांग को लेकर जब छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन ने आरटीआई लगाया तो भी कोई लाभ नहीं हुआ. मामला राज्य सूचना आयोग में पहुंचा.
राज्य सूचना आयोग ने छत्तीसगढ़ सरकार को आदेश दिया कि वह एमडीओ की शर्तों को उपलब्ध कराये.
भूपेश बघेल एमडीओ का विरोध करते रहे हैं. उन्होंने विपक्ष में रहते हुये एमडीओ को बड़ा भ्रष्टाचार बताया था.
राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात की #PSU को #CG में खदानें मिलीं, MDO अडानी की कंपनियों को और अब ये राज्य बाज़ार से भी महंगे दामों पर अडानी से कोयला ख़रीद रही हैं. अडानी तो पिछले दरवाज़े से कोयला ख़दानें देने के लिए मोदी सरकार ने MDO का रास्ता निकाला है.
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) March 27, 2018
जिस तरह से अडानी को छत्तीसगढ़ की कोयला खदानें दी गई हैं, जल्द ही अडानी #SECL से बड़े कोयला कारोबारी हो जाएंगे. #CoalScam2.0
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) March 27, 2018
#UPA सरकार थी तो @drramansingh को बड़ी चिंता थी कि केंद्र की ओर से #CG के साथ भेदभाव हो रहा है. खदानें अडानी को देने के बाद उनकी भेदभाव की शिकायतें ख़त्म हो गईं.
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) March 27, 2018
लेकिन सत्ता में आने के बाद भूपेश बघेल की सरकार ने राज्य सूचना आयोग के निर्देश के बाद भी एमडीओ के दस्तावेज़ उपलब्ध कराने से इंकार कर दिया. नई सरकार, रमन सिंह सरकार के कार्यकाल में अडानी के साथ हुये एमडीओ को छुपाने में इस हद तक जुट गई कि उसने राज्य सूचना आयोग के फ़ैसले के ख़िलाफ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी.
राज्य सरकार ने यह फ़ैसला ऐसे समय में किया था, जब संसद में कांग्रेस पार्टी के ही नेता और मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार को घेरा था. जिसके बाद केंद्र सरकार ने संसद में जवाब दिया कि एमडीओ के दस्तावेज़ सार्वजनिक किये जा सकते हैं. लेकिन केंद्र की मोदी सरकार के उलट छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड हाईकोर्ट में पहुंच गई.
राज्य सरकार के हाईकोर्ट जाने के इस फ़ैसले की देश भर में आलोचना हुई थी.
देश के जाने-माने पत्रकार परांजय गुहा ठाकुरता ने जब एक लाइव कार्यक्रम में इस मसले को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सवाल पूछा तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस संबंध में कोई जानकारी होने से ही इंकार कर दिया.
अब राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अपनी याचिका को वापस लेने का अनुरोध किया था. जिसे जस्टिस पी सैम कोशी की अदालत ने अपनी मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही राज्य सरकार की याचिका रद्द कर दी गई है.