सर्वाधिक मदद के बाद भी छत्तीसगढ़ बीपीएल
नई दिल्ली | संवाददाता: देश में सर्वाधिक आर्थिक मदद पाने वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ भी शामिल है लेकिन राज्य में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली जनसंख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है. रिजर्व बैंक के जो ताजा आंकड़े सामने आये हैं, उसके अनुसार केन्द्र द्वारा छत्तीसगढ़ को प्रति व्यक्ति 1,540 रुपये का अनुदान प्रतिवर्ष मिलता है. झारखंड तथा उड़ीसा को क्रमशः 1,556 एवं 1,688 रुपये का अनुदान मिलता है. इन तीनों राज्यो को प्रति व्यक्ति औसत अनुदान सबसे अधिक दिया जाता है.
देश के दूसरे राज्यों को जो अनुदान दिया जाता है, वह इन तीनों राज्यों की तुलना में बेहद कम है. आंकड़े बताते हैं कि उत्तर प्रदेश को मात्र 775 रुपये, केरल को 882 रुपये, गुजरात को 968 रुपये और यहां तक की छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश को 1,171 रुपये अनुदान के रूप में मिलता है.
लेकिन छत्तीसगढ़ में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली आबादी का प्रतिशत बढ़ता ही जा रहा है. आज की तारीख में छत्तीसगढ़ की 40.1 प्रतिशत जनसंख्या रेखा के नीचे वास करती है. यह तब है, जब छत्तीसगढ़ वन संपदा तथा प्राकृतिक संशाधनो से भरा पड़ा है. छत्तीसगढ़ में अड़तीस हजार दो सौ मिलियन टन कोयला है, दो हजार तीन सौ मिलियन टन लौह अयस्क है, तीन हजार पांच सौ मिलियन टन चूना पत्थर है, छः सौ मिलियन टन डोलोमाइट है तथा छियानबे मिलियन टन बाक्साइट है. इसके अलावा छत्तीसगढ़ में हीरा, कोरण्डम, एलेक्जेंड्राइट एवं सोना पाया जाता है.
छत्तीसगढ़ सरकार का दावा है कि सरकारी राजस्व का केवल 32 प्रतिशत प्रशासन पर खर्च किया जाता है, शेष 68 प्रतिशत विकास पर खर्च किया जाता है. इतना होने के बाद भी राज्य में गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों का आंकड़ा देश के औसत आंकड़े से खनिज, प्राकृतिक संशाधनो की प्रचुरता तथा विकास पर 68 प्रतिशत सरकारी खर्च के बावजूद छत्तीसगढ़ की 40.9 प्रतिशत जनता का गरीबी की रेखा के नीचे होना अचंभित करने वाला है. इसके उलट देश में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली आबादी 27.5 प्रतिशत है. वहीं उत्तर प्रदेश में 32.8, केरल में 15, गुजरात में 16.8 तथा मध्यप्रदेश में 38.3 है.