छत्तीसगढ़ में जोगी सबसे लोकप्रिय
रायपुर । संवाददाता: छत्तीसगढ़ में अजीत जोगी को जनता सबसे अधिक चाहती है. राज्य के सभी 90 विधायकों में अजीत जोगी अकेले ऐसे विधायक हैं, जिनको पिछले चुनाव में सबसे अधिक वोट मिले थे. जाहिर है, राज्य के दूसरे विधायकों के सामने भले चुनाव जीतने का संकट हो, जोगी इससे बचे रहेंगे, ऐसा मानना गलत नहीं होगा.
2008 के विधानसभा चुनाव में अजीत जोगी 34.87 प्रतिशत तथा 42092 मतो के अंतर से विजयी घोषित हुए थे. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वि भाजपा के ध्यानसिंह पोर्ते को हराया था. अजीत जोगी इकलौते विधायक हैं जिन्होंने तीस प्रतिशत से ज्यादा मतों से अपने विरोधी को पछाड़ा था. किसी अन्य विधायक ने इतने अंतर से अपने विरोधी को मात नही दी थी. यहां तक कि स्वयं राज्य मुख्यमंत्री रमनसिंह भी इतने ज्यादा अंतर से नही जीत सके थे.
2008 के विधानसभा में 10 प्रतिशत अधिक मतों से जीतने वाले 30 विधायक थे. जिसमें से 19 विधायक भाजपा के थे तथा बाकी के 11 विधायक कांग्रेस के थे.
20 प्रतिशत से ज्यादा मतो के अंतर से जीतने वाले केवल 6 विधायक हैं, जिनमें से 5 भाजपा के तथा 1 कांग्रेस के हैं. 20 प्रतिशत से ज्यादा के मतों से जीतने वालो में भाजपा के राजनांदगांव के विधायक तथा मुख्यमंत्री रमनसिंह 24.90 प्रतिशत से, रायपुर शहर दक्षिण के विधायक तथा पी डब्लू मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने 21.99 प्रतिशत, सामरी से सिद्दनाथ पैकरा ने 24.09 प्रतिशत, नारायणपुर से केदारनाथ कश्यप ने 24.47 प्रतिशत और बीजापुर से महेश गागड़ा 24.12 प्रतिशत से जीते थे. 20 प्रतिशत से ज्यादा के मतो के अंतर से जीतने वालों में कांग्रेस के रामदयाल उइके हैं, जिन्होंने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के हीरासिंह मरकाम को तानाखार से हराया था.
पीडब्लूडी मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस के योगेश तिवारी को, भाजपा के सिद्धनाथ पैकरा ने कांग्रेस कांग्रेस के चिंतामणि मदराज, लोक स्वास्थ्य यात्रिंकी मंत्री केदार कश्यप ने कांग्रेस के रजनूराम नेताम, भाजपा के महेश गागड़ा ने कांग्रेस के राजेन्द्र पामभोई को हराया था. राजनांदगांव से मुख्यमंत्री रमनसिंह ने कांग्रेस के उदय मुदलियार को पराजित किया था. पिछले विधानसभा चुनाव में 20 प्रतिशत से ज्यादा मतो से जीतने वाले उपरोक्त सभी विधायक सबसे दमदार साबित हुए थे.
हालांकि 2013 के विधानसभा चुनाव में क्या होगा यह तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन इन परिणामों को आधार बना कर अनुमान लगाना मुश्किल नहीं है.
वैसे तो पिछले विधानसभा चुनाव में 10 प्रतिशत से अधिक मतो के अंतर से जीतने वालों को भी सशक्त माना जा रहा है. इनमें भाजपा के भटगांव से रविशंकर त्रिपाठी (अब स्व.), अहिवारा से डोमनलाल, मनेन्द्रगढ़ से दीपक कुमार पटेल, प्रेमनगर से रेणुका सिंह, जशपुर से जगेश्वर राम भगत, चन्द्रपुर से युद्धवीर जूदेव, रायपुर शहर से राजेश मूणत, बिंद्रानवागढ़ से धर्मूधर पुजारी, भानुप्रतापपुर से ब्रम्हानंद, कांकेर से सुमित्रा मारकोले, नारायणपुर से केदार कश्यप, जगदलपुर से संतोष बाफना, चित्रकूट से बैधूराम कश्यप, दंतेवाड़ा से भीमा मंडावी तथा खैरागढ़ से कोमल जंघेल हैं.
इसी प्रकार कांग्रेस के खुज्जी से भोलाराम साहू, लैलूगां से हृदयराम राठिया, कसडोल से राजकुमार सिंघानिया, सराईपाली से हरिद्वार भारद्वाज, प्रेमनगर से देवेन्द्र बहादुर सिंह, खल्लारी से परेश बागबहरा, सिहावा से अंबिका मरकाम तथा धमतरी से गुरुमुख सिंह होरा शामिल हैं.
ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा तथा कांग्रेस के मतो में 10 प्रतिशत से ज्यादा का अंतर शायद ही आये, इसलिये इन 30 विधायकों की जीत पक्की है. लेकिन सबसे बड़ा मुद्दा यह भी होगा कि सामने कौन-सा उम्मीदवार होगा. उम्मीद की जानी चाहिये कि इस महीने के अंत तक ऐसे चेहरों की शिनाख्त हो जायेगी.