मोदी ने किसानों से आंखें चुराई- जोगी
रायपुर | संवाददाता: अजीत जोगी ने कहा पीएम मोदी ने शेर से आंखें मिलाई लेकिन किसानों से आंखें चुराई. छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी के मंगलवार के रायपुर दौरे पर चुटकियां लेते हुये कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने जंगल सफारी में शेर से आंखें मिलाई परन्तु राज्य के किसानों से आंखें चुराई.
अजीत जोगी ने कहा कि राज्यभर के किसान उम्मीद लगाये बैठे थे कि मोदी आयेंगे, तो उनके लिये धान के सर्मथन मूल्य और बोनस जैसी उनकी तकलीफों पर कुछ कहेंगे, लेकिन मोदी तो प्रसिद्ध इसीलिये हैं कि वे किसी की सुनते नहीं. बस बोलते हैं, बोलते भी ऐसा हैं कि आत्ममुग्धि की पराकाष्ठा पर हों. मैं, मेरी, हमारी सरकार के अलावा कुछ नहीं. वे आये और धान के कटोरे के किसानों के हाथ में एक बार फिर कटोरा थमा गये.
अजीत जोगी ने आरोप लगाये कि प्रधानमंत्री मोदी का इस तरह आना और जंगल घूमकर कैमरे से शेर की तस्वीर लेने से जाहिर है कि वे बस तफरीह करने के लिए यहां आये थे.
रमन सरकार की आलोचना करते हुये छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के सुप्रीमो अजीत जोगी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी को तो राज्य सरकार ने इसलिये बुलाया था, ताकि रमन सरकार की प्रदेश में गिरती छवि को ब्रांड मोदी का हल्का सा सहारा मिल जाये और रमन नाम की सरकार की गाड़ी फिर थोड़ी रफ्तार पकड़ ले.
उन्होंने सवाल किया कि जब छत्तीसगढ़ सरकार इन्फ्रास्ट्रर और तथाकथित विकास के लिए खुद के खजाने से अरबों रुपये खर्च कर सकती है, तो फिर किसानों को सर्मथन मूल्य और बोनस का वादा पूरा करने के लिए केंद्र सरकार का मुंह क्यों ताकती है.
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा के 2013 के चुनाव के पहले छत्तीसगढ़ भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में वादा किया था कि किसानों को प्रति क्विंटल धान पर 300 रुपये बोनस तथा 2100 रुपयों का बोनस दिया जायेगा. मुख्यमंत्री बनने के बाद रमन सिंह ने इस सिलसिले में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र भी लिखा था.
उसके बाद, 2014 के लोकसभा चुनाव में केन्द्र में भाजपा की सरकार बनी है. उसके बाद से छत्तीसगढ़ में विपक्ष आरोप लगा रहा है कि अब तो केन्द्र तथा राज्य में भाजपा की सरकार है इसलिये किसानों को किये गये वादों के अनुसार बोनस तथा समर्थन देने में क्या परेशानी है.
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढञ कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के दिन ‘वादा निभाओं’ दिवस मनाया तथा जेल भरो आंदोलन के तहत गिरफ्तारियां दी.