छत्तीसगढ़: अडानी पॉवर प्लांट अटका
रायपुर | समाचार डेस्क: गांव वालों के विरोध के चलते अडानी का सरगुजा पॉवर प्लांट अटक गया है. उल्लेखनीय है कि 10 गांवों के लोगों का प्रतिनिधिमंडल सरगुजा कलेक्टर से मिलकर सरगुजा में लगने वाले अडानी पॉवर प्लांट की जनसुनवाई स्थगित करने की मांग की थी. जनसुनवाई 30 दिसंबर को होनी थी जिसे कलेक्टर ने स्थगित कर दिया है.
सरगुजा कलेक्टर ऋतु सेन ने कहा, ‘विभिन्न कारणों से सरगुजा बिजली संयंत्र को लेकर होने वाली जनसुनवाई स्थगित हो गई है. केवल ग्रामीणों की उसे रद्द करने की मांग के आधार पर यह निर्णय नहीं किया गया है.’
कलेक्टर ने अगली जनसुनवाई के लिये कोई तारीख़ नहीं घोषित की है.
अडानी समूह के प्रवक्ता ने इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.
अडानी की सरगुजा पॉवर उदयपुर ब्लॉक में बनने वाली है. जिसमें 150 मेगावाट क्षमता के चार इकाइयां रहेंगी. इसकी कुल क्षमता 600 मेगावाट की होगी.
आरोप है कि राजस्थान राज्य विद्युत निगम लिमिटेड को 21 दिसंबर 2011 को 10 मिलियन टन प्रतिवर्ष हेतु पर्यावरण स्वीकृति जारी की गई है, जिसमें 2.24 मिलियन टन प्रति वर्ष रिजेक्ट कोयला के प्रयोग हेतु 135 मेगावाट का प्रस्तावित विद्युत संयंत्र की स्वीकृति निहित है.
परंतु सितंबर 2014 में प्रस्तुत यह पर्यावरण प्रभाव आंकलन रिपोर्ट में 540/600 मेगावाट के आधार पर बनाई गई गई है, जिसमें क्षमता वृद्धि का कोई कारण या स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है.
यहां तक कि 4 मार्च 2013 को केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा परसा इस्ट केते बासेन परियोजना को बैरल वाशिंग टेक्नालॉजी आधारित 2 मिलियन टन प्रतिवर्ष क्षमता वाले इंटेरिम वाशरी हेतु पर्यावरणीय स्वीकृति जारी हुई थी, जिसमें प्रस्तावित ताप विद्युत संयंत्र की क्षमका वृद्धि का कोई उल्लेख नहीं है.
इस पावर प्लांट की पर्यावरण स्वीकृति की विशेष शर्त 21 दिसंबर 2011 को यह साफ किया गया है कि पावर प्लांट के लिये ग्रामीणों से परामर्श कर के स्थल का चयन करके टर्म्स ऑफ रेफरेंस के लिये कंपनी आवेदन पेश करेगी. लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें इस बारे में कुछ भी नहीं पता.