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मलेशिया से लौटे छत्तीसगढ़ के बंधक

रायपुर | संवाददाता: मलेशिया में बंधक छत्तीसगढ़ के 22 मजदूर रायपुर में मुख्यमंत्री से मिले. उन्हें शाम के पांच बजे मुख्यमंत्री रमन सिंह से मिलवाया गया. मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश के युवाओं को ऐसे दलालों के चक्कर में नहीं आने की सलाह दी है, जो उन्हें अच्छी नौकरी और अधिक आमदनी का लालच देकर अवैधानिक रूप से विदेश भेजने की कोशिश करते हैं. उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं को दलालों के बहकावे में आकर विदेश नहीं जाना चाहिए. प्रदेश सरकार ऐसे दलालों के विरूद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई करेगी.

मलेशिया में बंधक बनने वाले मजदूरों में जांजगीर चाम्पा जिले के 17, बलौदाबाजार भाटापारा के 3 तथा महासमुंद जिले से 1 मजदूर हैं.

इन्हें मलेशिया की राजधानी कुआलालमपुर में सवा माह से बंधक बनाकर रखा गया था. उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के ये मजदूर वहां ज्यादा मजदूरी पाने के फेर में गये थे.

गौरतलब है कि इन्हें बंधक बना कर मलेशिया के शुभंग जलान, यूटराईट, यू-5/ए सेलंगोर कुआलालमपुर मलेशिया के यूरो प्लास्टिक कंपनी में रखा गया था.

इसकी शिकायत परिजनों ने 20 जुलाई को कलेक्टर और श्रम विभाग से की थी और उन्हें शीघ्र ही मुक्त कराने की मांग की गई थी. बंधकों के परिजनों ने शिकायत में बताया था कि हसौद थाना क्षेत्र के ग्राम परसदा निवासी विजय बर्मन पिता दुजेराम बर्मन द्वारा मलेशिया में नौकरी दिलाने का प्रलोभन देकर वहां का पासपोर्ट बनवाया गया और जिले के 17 व बलौदाबाजार भाटापारा जिले के तीन व महासमुंद जिले के एक मजदूरों को मलेशिया ले जाया गया.

वहां उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. तबीयत खराब होने के बाद भी उनका इलाज नहीं कराया जा रहा है और बलपूर्वक उनसे काम कराया जा रहा है. उन्हें भोजन भी भरपेट नहीं दिया जाता. उनका मोबाइल, पासपोर्ट आदि कागजात छिन लिया गया है.

छत्तीसगढ़ के श्रम मंत्री ने इस मुद्दे को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के समक्ष रखा था. उन्होंने छत्तीसगढ़ के मजदूरों को शीघ्र भारत वापस लाने की मांग की थी. इस दिशा में विदेश मंत्रालय ने पहल की और मजदूरों को भारत लाया गया. रविवार की रात वे विशाखापत्तनम हवाई अड्डा में उतरे. वहां से सोमवार को वे रायपुर पहुंचें.

डॉ. रमन सिंह ने इन युवा श्रमिकों को उनके गृह जिले में ही विभिन्न प्रकार के व्यवसायों में कौशल उन्नयन का प्रशिक्षण दिलाने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि इन युवाओं को तीन महीने का प्रशिक्षण देकर प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा. डॉ. सिंह ने कहा कि फिटर, प्लम्बर, राजमिस्त्री, इलेक्ट्रीशियन जैसे कार्यों में प्रशिक्षण प्राप्त करने पर इन श्रमिकों को अपने क्षेत्र में ही रोजगार के अच्छे अवसर मिल सकते हैं. प्रदेश में लाखों किसानों को सिंचाई पम्प कनेक्शन दिए गए हैं. उनकी मरम्मत के लिए भी तकनीकी रूप से प्रशिक्षित मैकेनिकों की जरूरत होती है. हमारे युवा राज्य सरकार की कौशल उन्नयन योजनाओं के तहत कई प्रकार के अल्प कालीन पाठ्यक्रमों में मनपसंद व्यवसायों का प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए हर जिले में कौशल उन्नयन प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना की है. युवाओं को इन केन्द्रों का लाभ उठाना चाहिए.

मुख्यमंत्री रमन सिंह से मिलने के बाद मजदूर अपने घर लौटेंगे. प्रशासन ने इन मजदूरों के घर लौटने की व्यवस्था कर रखी है.

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