छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में 20% खाद्य पदार्थ मिलावटी

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में बिकने वाले 20 फीसदी खाद्य पदार्थ मिलावटी एवं मिसब्रांडेड पाये गये हैं. फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड ऑथारिटी ऑफ इंडिया द्वारा साल 2014-15 में छत्तीसगढ़ से 133 खाद्य पदार्थो के नमूने लिये गये जिनमें से 27 मिलावटी तथा मिसब्रांडेड पाये गये. उल्लेखनीय है कि खाद्य सामग्रियों पर गलत लेबल लगाने, मिलावट करने या असुरक्षित पदार्थ बेचने पर छह महीने से लेकर आजीवन कारावास का प्रावधान है. इसके साथ ही 10 लाख रुपये तक जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

गौरतलब है कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 को लागू करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों पर डाली गई है. राजधानी रायपुर के कालीबाड़ी में राज्य का खाद्य पदार्थो की जांच करने वाला लैब स्थित है.

सरकारी अनुमान के अनुसार छत्तीसगढ़ में खाद्य पदार्थो का व्यापर करने वाली 2 लाख 30 हजार हैं. 4507 खाद्य व्यापार इकाइयों को लाइसेंस प्राप्त है तथा 4722 खाद्य व्यापार इकाइयों पंजीकृत हैं.

फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड ऑथारिटी ऑफ इंडिया के लैब में जांच के बाद छत्तीसगढ़ में 14 मामलों में सिविल केस तथा 41 मामले में आपराधिक केस दर्ज किये गये. इनमें से मात्र 16 पर ही जुर्माना लगाया गया है किसी को भी दंडित नहीं किया गया है.

जबकि इसी दरम्यान असम में 4, गोवा में 4, गुजरात में 30, हरियाणा में 6, हिमाचल प्रदेश में 25, जम्मू-कश्मीर में 133, महाराष्ट्र में 75, मेघालय में 2, पंजाब में 82, राजस्थान में 116, तमिलनाडु में 203 तथा उत्तरप्रदेश में 186 मामलों में दंडित किया गया है.

इस तरह से देशभऱ में साल 2014-15 में मिलावट तथा मिसब्रांडिंग के दोषी पाये गये मामलों में 1280 मामलों में दंड दिया गया है.

इसके पिछले साल 2013-14 में छत्तीसगढ़ में कुल खाद्य पदार्थो के 294 नमूने लिये गये जिनमें से सभी की जांच की गई थी. जिसमें से 112 मिलावटी, असुरक्षित, घटिया तथा मिसब्रांडेड निकले. इऩमें से 56 खाद्य पदार्थ के विक्रेताओं के खिलाफ़ मामले दर्ज किये गये जिसमें से केवल 7 को जुर्माना हुआ. छत्तीसगढ़ को जुर्माने के रूप में 3 लाख 49 हजार रुपये मिले.

मिलावटी खाद्य सामग्री खाने से कैंसर, अनिद्रा तथा अन्य प्रकार के स्नायु संबंधी रोग पैदा होते हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक कम मामलों में दोष साबित न हो पाना एक प्रमुख कारण है, जिसकी वजह से देश भर में मिलावट की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है.

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