सीडी कांड की जांच के लिये नया नोटिफिकेशन
रायपुर | संवाददाता: राजेश मूणत सीडी कांड में सीबीआई जांच अब जल्दी शुरु हो सकती है. डीओपीटी ने 7 दिसंबर को संशोधित नोटिफिकेशन जारी किया है. माना जा रहा है कि पहले जारी नोटिफिकेशन में कुछ तकनीकी खामियां थीं. इस वजह से सीबीआई एफआईआर दर्ज कर पा रही थी न ही किसी तरह की जांच शुरू की गई थी.
गौरतलब है कि अक्टूबर में भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रकाश बजाज ने रायपुर के पंडरी थाने में एक रिपोर्ट दर्ज करायी थी कि उनके आका की कथित सीडी सार्वजनिक कर के बदनाम करने संबंधी फोन उन्हें आया है. उनकी रिपोर्ट के बाद पुलिस ने तुरंत-फुरंत में कार्रवाई की और रायपुर में एफआईआर दर्ज होने के 11 घंटे के भीतर रायपुर की टीम ने दिल्ली और उसके बाद गाजियाबाद पहुंच कर तड़के 3 बजे देश के वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा को गिरफ्तार कर लिया.
उन्हें छत्तीसगढ़ पुलिस सड़क मार्ग से गाजियाबाद से लेकर रायपुर पहुंची और 29 अक्टूबर रविवार को रायपुर की अदालत में पेश किया गया, जहां पुलिस ने उन्हें तीन दिन के पुलिस रिमांड पर लिया था. इसके बाद उन्हें अदालत में पेश किया गया था, जहां उन्हें 13 नवंबर तक के लिये न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.
अदालत ने पुलिस को उनकी सुरक्षा और स्लिप डिस्क के इलाज को लेकर भी अदालत ने निर्देश दिये थे. 13 नवंबर के बाद अदालत ने उन्हें फिर से 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में रखा है. इस बीच उनके वकीलों ने उनकी जमानत की याचिका हाईकोर्ट में दायर की है, जिस पर अभी कोई फैसला नहीं आया है. इस मामले में लोअर कोर्ट में 11 दिसंबर को सुनवाई हुई है, जिसका फैसला सुरक्षित रखा गया है.
पुलिस का आरोप है कि छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री राजेश मूणत को बदनाम करने के लिये कथित सेक्स सीडी बनाई गई थी. हालांकि अभी तक पुलिस पूरे मामले में विनोद वर्मा के कनेक्शन को स्थापित नहीं कर पाई है लेकिन उसने अदालत में दावा किया है कि उसके पास विनोद वर्मा के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं, जिसे वह अगली तारीख पर कोर्ट में पेश करेगी.
छत्तीसगढ़ के मंत्री राजेश मूणत पहले ही इस सीडी को खारिज कर चुके हैं. उनका कहना है कि अश्लील क्लिप में छेड़छाड़ करके उन्हें बदनाम किया गया. इस संबंध में उन्होंने विनोद वर्मा के अलावा छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और विधायक भूपेश बघेल के खिलाफ एक मामला भी दायर किया है.