तोते सीबीआई की पिंजरे में रहने की चाह
नई दिल्ली: सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय से गुहार लगाई है कि उसे कोयला घोटाले की रिपोर्ट केंद्र सरकार के साथ साझा करने की अनुमति दी जाए. इस याचिका में सीबीआई ने यह मांग की है कि उच्चतम न्यायालय 8 मई को दिए अपने उस आदेश में बदलाव करे, जिसमें सीबाआई को मामले की छानबीन से जुड़ी कोई भी जानकारी किसी से साझा न करने का आदेश दिया गया था.
अपनी मांग के पीछे सीबीआई ने सरकार के साथ संबद्धता बनाए रखने की मजबूरी बताई और कहा कि छानबीन के दौरान कई किस्म की मंजूरी लेने के लिए जांच से जुड़ी जानकारी सरकार या संबंधित अधिकारियों से बांटनी पड़ती है.
सीबीआई ने यह भी कहा कि उसे कई बार मामले के बारे में लीगल ऑफिसर से सलाह लेनी होती है और उन्हें अदालत में मुकदमे की पैरवी के लिए जरूरी जानकारी देनी होती है जिसके लिए भी यह रोक हटनी चाहिए.
इसके अलावा सीबीआई मामले की जाँच कर रही 33 सदस्यीय जांच टीम में बदलाव नहीं करने के लिए अपने उपर लगाए गए प्रतिबंधों को भी हटाने की मांग की है. सीबीआई की यह अर्जी ऐसे समय में आई है जब सरकार स्वयं उसे अपने नियंत्रण से मुक्त करने का प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट में पेश कर रही है.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले सीबीआई जाँच में सरकारी दखलअंदाजी से नाराज़ उच्चतम न्यायालय ने आठ मई को सीबीआई को `तोता’ करार देते हुए कहा था कि वो सिर्फ अपने मालिक का सिखाया ही बोलता है. लेकिन अब सीबीआई की इस अर्जी से ऐसा बिल्कुल नहीं लग रहा कि पिंजरे का आदी हो चुका ये तोता अपने पिंजरे से बाहर आना चाहता है.