बजट कॉरपोरेट समर्थक: चिदंबरम
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: पूर्व वित्त मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने जेटली के बजट से गरीबों के लिये योजनाओं को कम करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि एक तरफ योजना आयोग को खत्म कर दिया गया है दूसरी तरफ यूपीए द्वारा गरीबों के लिये लागू की गई योजनाओं में कटौती की जा रही है. चिदंबरम ने कहा कि इस बजट से कॉर्पोरेट को सलाना 20 हजार करोड़ रुपयों की रीहत मिलने जा रही है वहीं, गरीबों के योजनाओँ पर बजट में कम प्रावधान रखे गये हैं. पी.चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि केंद्रीय बजट गरीबों के खिलाफ तथा कॉरपोरेट समर्थक है, साथ ही कमजोर वर्ग के लिए राशि आवंटन में भी बेदर्दी से कटौती की गई है. चिदंबरम ने राष्ट्रीय राजधानी में संवाददाताओं से कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने अर्थव्यवस्था को अच्छी स्थिति में छोड़ा था, लेकिन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने भाषण में इस बात को स्वीकार नहीं किया.
चिदंबरम ने कहा, “दुर्भाग्यवश सरकार ने तथ्यों को स्वीकार करने से इंकार कर दिया.”
उन्होंने कहा, “सरकार की गुणवत्ता इस बात पर निर्भर करती है कि वह योजनाओं की महत्ता पहचानने में कितनी सक्षम है.”
उन्होंने कहा कि जिस तरीके से सरकार ने योजना आयोग को खत्म कर दिया उसी तरह वह योजनाओं को भी खत्म कर सकती है.
चिदंबरम ने कहा कि बजट में कमजोर वर्ग के लोगों के लिए आवंटन में बेहद बेदर्दी से कटौती की गई है.
उन्होंने कहा कि कुछ कार्यक्रमों जैसे अनुसूचित जाति उप योजना, समेकित बाल विकास सेवाएं तथा राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रमों में मौजूदा वित्त वर्ष तुलना में आवंटन में कमी की गई है.
चिदंबरम ने कहा, “इन कार्यक्रमों में उन्होंने अन्यायपूर्ण ढंग से कटौती की हैं. आखिर सरकार का रुझान किस ओर है.”
उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार चाहती है कि गरीबों को विकास के जोर पकड़ने तक इंतजार करना चाहिए और तब उनतक राहत पहुंचेगी.
उन्होंने कहा, “यह देश के लोकाचार के खिलाफ है. आपका रुझान गरीबों की तरफ होना चाहिए. हमने ऐसा नहीं पाया.”
चिदंबरम ने कहा कि गरीबों को बजट से कोई राहत तो नहीं, मिली उलटे उन्हें ज्यादा कर भरना पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि बजट कॉरपोरेट के पक्ष में है और अगले साल की शुरुआत में कॉरपोरेट वर्ग को सालाना 20 हजार करोड़ रुपये की राहत मिलने की उम्मीद है.