बृजमोहन अग्रवाल ने इस्तीफ़ा दिया
रायपुर | संवाददाता: आठ बार के विधायक और विष्णुदेव साय सरकार के मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सोमवार को विधायक पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को अपना इस्तीफ़ा सौंपा.
पिछले कुछ समय से उनके इस्तीफे को लेकर अटकलों का दौर जारी था.
हालांकि उन्होंने अभी मंत्रीमंडल से इस्तीफ़ा नहीं दिया है.
इससे पहले उन्होंने कहा था कि वे नियमानुसार अगले 6 महीने तक मंत्री के पद पर काम कर सकते हैं.
बृजमोहन अग्रवाल का कहना था कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जिस दिन चाहेंगे, वे इस्तीफ़ा दे देंगे.
65 वर्षीय बृजमोहन अग्रवाल, ताज़ा लोकसभा चुनाव में रायपुर से सांसद चुने गये हैं.
वे देश के उन दस सांसदों में शुमार हैं, जिन्होंने सर्वाधिक मतों के अंतर से चुनाव जीता था.
पिछले साल विधानसभा चुनाव में राज्य में सर्वाधिक मतों के अंतर से वे रायपुर से जीते थे.
रायपुर दक्षिण से बृजमोहन अग्रवाल ने 1,09,263 मत हासिल किए और कांग्रेस के महंत रामसुंदर दास को 67,919 मतों के अंतर से हराया था. महंत को 41,544 मत मिले थे.
उन्हें विष्णुदेव साय सरकार में स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, संसदीय कार्य, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री बनाया गया था.
इसी तरह ताज़ा लोकसभा चुनाव में उन्हें भाजपा ने रायपुर से अपना प्रत्याशी बनाया था.
उन्होंने कांग्रेस के विकास उपाध्याय को 5 लाख 75 हजार वोट से हराया था.
बृजमोहन अग्रवाल को कुल 10 लाख 50 हजार 351 वोट मिले, जबकि विकास उपाध्याय को 4 लाख 75 हजार 66 वोट मिले थे.
कांग्रेस में आने का ऑफर
बृजमोहन अग्रवाल को छत्तीसगढ़ की राजनीति से हटा कर लोकसभा का चुनाव लड़ाने और जीतने के बाद उन्हें मंत्री पद नहीं दिए जाने को लेकर माना जा रहा है कि बृजमोहन अग्रवाल इससे नाराज़ हैं.
हालांकि बृजमोहन अग्रवाल ने इस बारे में बार-बार यही कहा कि मंत्री बनाने या न बनाने का फ़ैसला केंद्र सरकार का है.
इधर सोमवार को विधानसभा से इस्तीफ़े के बाद पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने बृजमोहन अग्रवाल को कांग्रेस पार्टी में शामिल होने का प्रस्ताव दिया है.
कांग्रेस नेता शिव डहरिया ने कहा कि बृजमोहन चाहे तो कांग्रेस में आ जाएं, वो जो चाहेंगे वो मिलेगा.
शिव डहरिया ने कहा कि भाजपा में सिर फुटौवल की स्थिति बनी हुई है. उनकी उपेक्षा की गई है. अगर बृजमोहन अग्रवाल मिलेंगे तो उनसे जरूर चर्चा करेंगे.