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जी-20 में ब्रिक्स देशों का दबाव

सेंट पीटर्सबर्ग | एजेंसी: चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ब्रिक्स देशो के सदस्यों के अनौपचारिक बैठक में आपसी सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया है. रूस में चल रहे जी-20 देशों की बैठक के पूर्व ब्रिक्स देशों की बैठक में उन्होने यह बात कही. ज्ञात्वय रहे कि ब्रिक्स देशों में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं.

शी जिनपिंग ने कहा कि ब्रिक्स देशों को विकसित अर्थव्यवस्थाओं की गलत मौद्रिक नीतियों के अप्रत्यक्ष प्रभाव से मिल कर निपटना चाहिए. उन्होंने विकसित देशों से प्रभावी ढांचागत सुधार को बरकरार रखने और मंदी के दौर में जारी किए गए प्रोत्साहन पैकेज को वापस लेने की प्रक्रिया, कदम और समय पर गंभीरता से विचार करने की अपील की.

उन्होंने कहा कि चीन को उभरते बाजार वाली अर्थव्यवस्थाओं में भरोसा है. जिनपिंग ने कहा कि ब्रिक्स सदस्यों को वैश्विक अर्थव्यवस्था के खुलेपन को बढ़ावा देने और व्यापार संरक्षणवाद का विरोध करने, बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की सुरक्षा और दोहा दौर की व्यापारिक बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए हाथ मिलाना चाहिए.

उन्होंने जी-20 सहित विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से व्यापक आर्थिक नीतियों में तालमेल के लिए कदम बढ़ाने और मजबूत, स्थायी और संतुलित वैश्विक आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए साथ काम करने की अपील की.

गौर तलब है कि ब्रिक्स देश आपस में मिलकर दुनिया का सबसे तेजी से उदीयमान होता बाजार है जिसकी विकसित देशों की तलाश रहती है. जी-20 के सम्मेलन के पहले ब्रिक्स देशों की यह बैठक एक दबाव के रूप में देखा जा रहा है. ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका जी-20 में शामिल होने के पश्चात भी अपना एक अलग पहचान बनाये रखना चाहते हैं.

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