‘भारत में रिश्वतखोरी चिंताजनक’
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: प्रवासी भारतीय दिवस के उपलक्ष्य में 12वां प्रवासी भारतीय सम्मेलन मंगलवार को यहां के विज्ञान भवन में शुरू हो गया. इंग्लैंड से आए प्रवासी भारतीय उदेश्वर कुमार सिंह ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी समस्या है भ्रष्टाचार जो प्रवासियों के लिए भी चिंता का सबब बना हुआ है.
उदेश्वर ‘बिहारीकनेक्ट डॉट कॉम’ नाम की वेबसाइट चलाते हैं, जो पूरे विश्व में फैले बिहार के निवासियों को आपस में जोड़ने का कार्य करती है. इनमें 19वीं शताब्दी के दौरान बंधुआ मजदूर के तौर पर ले जाए गए त्रिनिदाद एवं टोबैगो में रहने वाले बिहारवासी भी शामिल हैं.
प्रतिवर्ष होने वाले प्रवासी भारतीयों के इस सबसे बड़े सम्मेलन में इंग्लैंड से आए प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा उदेश्वर ने बताया कि वह इस वर्ष बिहार के सीवान जिले से वह लोकसभा चुनाव लड़ेंगे.
उदेश्वर ने बताया, “मैं सीवान से लोकसभा चुनाव लड़ूंगा.” उदेश्वर 15 वर्ष पहले इंग्लैंड चले गए थे, लेकिन उन्होंने अपना भारतीय पासपोर्ट जमा नहीं किया है.
उदेश्वर ने बताया कि वह इंग्लैंड में भारतीय समुदाय के बीच सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में कार्य करते हैं तथा दुबई और ओमान में रहने वाले बिहारी मजदूरों की सहायता के लिए वहां भी अपना केंद्र संचालित करते हैं.
उदेश्वर की वेबसाइट बिहारीकनेक्ट का नारा है- ‘हमें बिहारी होने पर गर्व है’. बिहारीकनेक्ट वास्तव में एक गैर मुनाफा वाला संगठन है, जिसे भारत, इंग्लैंड और मॉरीशस में रह रहे स्वयंसेवी चला रहे हैं.
उदेश्वर ने बताया कि वह इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रबल समर्थक रहे हैं, लेकिन अब वह गुजरात के मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की तरफ हो गए हैं.
उदेश्वर ने कहा, “नीतीश कुमार ने अपने वादे पूरे नहीं किए.” उदेश्वर भोजपुरी फिल्म एवं टेलीविजन कल्याण संघ के उपाध्यक्ष भी हैं.
उदेश्वर ने आगे कहा, “भारत की सबसे बड़ी समस्या भ्रष्टाचार है.” उदेश्वर ने यह भी कहा कि यह एक ऐसा मुद्दा है जिसको लेकर प्रवासी भी काफी चिंतित हैं.
देश की राष्ट्रीय राजधानी में नवगठित एवं भ्रष्टाचार का विरोध करने वाली आम आदमी पार्टी पर उदेश्वर ने कहा, “इस पार्टी के बारे में अपनी राय बनाने से पहले मैं अभी इसके कामकाज को देखना चाहूंगा.”
दिल्ली में सात से नौ जनवरी तक चलने वाले 12वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन का उद्देश्य अप्रवासी भारतीयों के बीच संपर्क बढ़ाना और वाणिज्यिक संबंधों को सुदृढ़ करना है.
पूरी दुनिया में अप्रवासी भारतीयों की संख्या लगभग 2.5 करोड़ है.