बीपीएल मतदाता, करोड़पति उम्मीदवार
रायपुर | समाचार डेस्क: छत्तीसगढ़ के 40.1 फीसदी लोग गरीबी की रेखा के नीचे वास करते हैं परन्तु विधानसभा के उम्मीदवार करोड़पति हैं. न केवल वे करोड़पति हैं वरन् उनकी संपत्ति में भी 2008 के विधानसभा चुनाव की तुलना में कई गुना वृद्धि हुई है. 2008 की तुलना में सबसे ज्यादा संपत्ति में इजाफा भाजपा के विधायकों का हुआ है. भाजपा के धर्मजयगढ़ से विधायक ओमप्रकाश राठिया की संपत्ति में 1622 फीसदी की पिछले पॉच वर्षो में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसी प्रकार भाजपा के ही बैकुंठपुर के विधायक भईयालाल रजवाड़े की संपत्ति में 793 फीसदी तथा खाद्यमंत्री पुन्नलाल मोहले की संपत्ति में 761 फीसदी का इजाफा हुआ है.
आकड़े बताते हैं कि छत्तीसगढ़ एक बीपीएल प्रदेश है, यहां की बहुसंख्य आबादी 2 रुपये प्रति किलो की दर से मिलने वाले सरकारी चावल पर गुजारा करती है. इसके बावजूद विधायकों की संपत्ति में बेतहाशा बढ़ोतरी इस बात को सही साबित करती है कि ‘ अमीर प्रदेश के गरीब लोग’. कांग्रेस के कसडोल से विधायक राजकमल सिंघानिया की संपत्ति 2008 के चुनाव के वक्त 10.17 करोड़ रुपये थी जो अब 33.31 करोड़ की हो गई है. अर्थात उनके संपत्ति में 23.14 करोड़ की बढ़ोतरी हुई है. इसी प्रकार से कांग्रेस के ही राजिम से विधायक अमितेश शुक्ला की संपत्ति भी 17.11 करोड़ बढ़ी है. अमितेश शुक्ला की 2008 में संपत्ति थी 4.15 करोड़ रुपये जो अब 21.26 करोड़ रुपये की हो गई है.
छत्तीसगढ़ विधानसभा के दूसरे चरण के चुनाव के 55 विधायकों के द्वारा जमा किये गये शपथ पत्र के आधार पर छत्तीसगढ़ इलेक्शन वाच तथा एसोशियेसन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म्स ने यह पाया है. कांग्रेस के 29 उम्मीदवारों की संपत्ति 2008 में औसतन 1 करोड़ रुपये थी जो अब 2013 में 4 करोड़ रुपये की हो गई है. इसी प्रकार भाजपा के 25 उम्मीदवारों की संपत्ति औसतन 90 लाख रुपये की थी जो अब 2 करोड़ रुपये की हो गई है. देखा जाये तो कांग्रेस के उम्मीदवारों की संपत्ति में 156 फीसदी तथा भाजपा के उम्मीदवारों की संपत्ति में 153 फीसदी की वृद्धि हुई है.
55 विधायकों के द्वारा निर्वाचन आयोग को दी गई शपथ पत्र के अनुसार 2008 में इनकी औसतन संपत्ति थी 1.31 करोड़ रुपयो जो अब बढ़कर औसतन 3.35 करोड़ रुपये की हो गई है. इस दूसरे चरण के चुनाव में 129 उम्मीदवार दुबारा लड़ रहें हैं. 2008 में इनकी औसतन संपत्ति थी 77.30 लाख जो अब हो गई है औसतन 2.16 करोड़ रुपये. इस प्रकार उम्मीदवारों की संपत्ति में औसतन 1.39 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है. देखा जाये तो यह बढ़ोतरी 180 फीसदी की हुई है. लेकिन लाख टके का सवाल यह है कि मतदाताओं की संपत्ति में कितनी 2 गुना बढ़ोतरी भी हो पाई है ?