रायपुर लाए गए 14 माओवादियों के शव, 22 डॉक्टर करेंगे पोस्टमॉर्टम
रायपुर|संवाददाताः छत्तीसगढ़-ओड़िशा बॉर्डर पर गरियाबंद जिले में सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में मारे गए 14 माओवादियों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए रायपुर लाया गया है.
बुधवार को सुबह करीब 5 बजे माओवादियों के शवों को रायपुर मेकाहारा लाया गया. सभी शवों को मेकाहारा के मर्च्युरी में रखा गया है. जिसमें 6 महिला और 8 पुरुष हैं. यहां 22 डॉक्टरों की टीम शवों का पोस्टमॉर्टम करेंगे.
बताया गया कि कुल्हाड़ी घाट के भालू डिग्गी के जंगल में अभी भी मुठभेड़ जारी है. दोनों ओर से रुक-रुककर फायरिंग हो रही है.
वहीं पुलिस का दावा है कि इस मुठभेड़ में 27 नक्सली मारे गए थे. जिसमें से 14 शव को बरामद कर लिया गया है. सुरक्षाबल बाकी के शवों की तलाश में लगे हुए हैं.
रात भर हुई मुठभेड़
पुलिस के मुताबिक मंगलवार रात में सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच कई बार मुठभेड़ हुई.
पूरी रात गरियाबंद डीआरजी, सीआरपीएफ और कोबरा बटालियन के जवान कुल्हाड़ी घाट इलाके के भालू डिग्गी के जंगल में मौजूद रहे.
बुधवार सुबह से ही इलाके में जवानों का सर्च ऑपरेशन जारी है.
बता दें कि कुल्हाड़ीघाट के भालुडिग्गी की पहाड़ियों पर माओवादियों की उपस्थिति की सूचना पर छत्तीसगढ़ और ओडिशा की ओर से संयुक्त ऑपरेशन शुरू किया गया था.
इस ऑपरेशन में 10 टीमें एक साथ निकली थीं. जिसमें 3 टीम ओडिशा से, 2 टीम छत्तीसगढ़ पुलिस की और 5 टीमें सीआरपीएफ की शामिल थीं.
आईईडी सहित आधुनिक हथियार बरामद
रविवार रात को ही सुरक्षा बलों की टीम भालुडिग्गी पहुंच गए थे.
इसके बाद सोमवार को दिनभर जवानों और माओवादियों के बीच रुक-रुककर मुठभेड़ हुई.
सोमवार को जवानों ने दो माओवादियों को मार गिराया था. यह मुठभेड़ मंगलवार को भी जारी रही.
मंगलवार देर शाम तक जवानों ने 12 और माओवादियों को ढेर कर दिया.
जवानों ने सर्च ऑपरेशन के दौरान तीन आईईडी सहित कई आधुनिक तरीके की हथियार भी बरामद किए हैं.
एक करोड़ का इनामी मारा गया
इस मुठभेड़ में ओडिशा स्टेट के चीफ चयराम रेड्डी उर्फ चलपति को जवानों ने मार गिराया है. जलपति पर एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित था.
बताया गया कि वह आंध्र प्रदेश के चित्तूर के माटेमपल्ली का रहने वाला था. इसकी उम्र करीब 60 साल थी.
वह सेंट्रल कमेटी मेंबर यानी सीसीएम कैडर का था. चलपति, पिछले 30 सालों से भी अधिक समय से संगठन में सक्रिय था.
चलपति को माओवादी संगठन में सैद्धांतिक मामलों का विशेषज्ञ माना जाता था.
हालांकि अपने से कम उम्र की अरुणा नामक माओवादी से विवाह के कारण संगठन ने उसे संगठन में हाशिए पर डाल दिया था, लेकिन बाद में उसे संगठन में बड़ी जिम्मेवारी दी गई.
चलपति बस्तर के अबूझमाड़ इलाके में भी सक्रिय रहा है. कुछ दिन पहले ही वह अपना ठीकाना बदलते हुए गरियाबंद-ओडिशा बॉर्डर पर चला गया था.
पुलिस का दावा है कि इस मुठभेड़ में सीसीएम मनोज और गुड्डू समेत कई कमांडर मारे गए हैं.
2 जवान घायल
लगभग 50 घंटे से जारी इस मुठभेड़ में 2 जवान भी घायल हुए हैं.
एक जवान 20 जनवरी को ही घायल हो गया था. उसे एयरलिफ्ट कर रायपुर लाया गया था.
स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप सीओजी के जवान के पैर में गोली लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया है.
इसके बाद 21 जनवरी को मुठभेड़ में एसओजी नुआपाडा का आरक्षक घायल हो गया. इसे भी बेहतर उपचार के लिए रायपुर भेजा गया है.
बताया गया कि दोनों घायल जवानों की हालत सामान्य है. इस संयुक्त ऑपरेशन में 1000 से अधिक जवान शामिल हैं.
जिसमें से ओडिशा के नुआपड़ा एसओजी के करीब 75 जवान शामिल थे.