तकनीक

आया स्टील से भी मजबूत शीशा

लंदन | एजेंसी: क्या आप ऐसे शीशे की कल्पना कर सकते हैं, जो स्टील की तरह मजबूत हो और मजबूत, टिकाऊ, सहज और जटिल संरचना वाले बरतन बनाने में उपयोग किया जा सके.

येल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने बल्क मेटालिक ग्लास (बीएमजी) नामक शीशा ईजाद किया है, जो स्टील से भी ज्यादा मजबूत है.

बीएमजी बनाने के लिए परंपरागत विधि से एकल धातु मिश्रधातु (एलॉय) की पहचान करने में पूरे एक दिन का समय लगता है.

नई विधि से शोधकर्ता हर रोज लगभग 3,000 एलॉय की पहचान कर पाएंगे और पदार्थ के गलनांक एवं फैलने की क्षमता का भी साथ ही साथ पता लगा पाएंगे.

येल यूनिवर्सिटी में मेकेनिकल इंजीनियरिंग और मटेरियल साइंस के प्रोफेसर जेन स्क्रोअर्स ने कहा, “एक ही कांटे से घंटों मछली फंसाने के बजाय हम अब एक ही बार में बड़ा जाल डालेंगे. इससे बीएमजी की कम समय में बड़े पैमाने पर पहचान और उसके उपयोग संबंधी प्रयोगों में मदद मिलेगी.”

बीएमजी का प्रयोग अब तक घड़ियां बनाने, गोल्फ क्लब और दूसरी खेल संबंधी सामग्री बनाने में किया जाता रहा है. अब इसका उपयोग बायोमेडिकल तकनीक जैसे इंप्लांट एवं स्टेंस, मोबाईल फोन एवं दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपभोग की वस्तुएं बनाने में किया जाएगा.

यह शोध पत्रिका नेचर मटेरियल्स में प्रकाशित हुई है.

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