राष्ट्र

दिल्ली में सरकार बनाने बेकरार भाजपा

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: भाजपा में दिल्ली में सरकार बनाने के लिये कवायद शुरु हो गई है. उसके लिये कांग्रेस तथा आप के बागी विधायकों का सदन में समर्थन लिया जा सकता है. इस बात की जानकारी एक अखबार ने दी है. हालांकि, इससे पहले भाजपा सूत्रों का कहना था कि वे जोड़-तोड़ की राजनीति से दूर रहेंगे.

गौरतलब है कि 70 सदस्यों वाली दिल्ली विधानसभा में भाजपा गठबंधन के पास 32, आप के पास 28, कांग्रेस के पास 8 तथा जदयू के पास 2 सीटें हैं. ऐसे में भाजपा गठबंधन को 36 का जादुई आकड़ा छूने में केवल 4 विधायकों की जरूरत है.

ऐसे में केन्द्र में भाजपा की सरकार होने के कारण सत्ता सुख भोगने के लिये लालायित विधायक उनके पाले में आ सकते हैं. ऐसे में भाजपा गठबंधन को दिल्ली में 4-5 विधायकों का समर्थन मिलना कोई टेढी खीर नहीं है.

इसी के साथ दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन होगा उसके लिये कयासों का बाजार गर्म है. हर्षवर्धन के केन्द्र सरकार में चले जाने से भाजपा को अब दिल्ली के लिये एक ऐसे मजबूत चेहरे की जरूरत हो जो सरकार चला सके तथा अगले चुनाव में जीत भी दिलवा सके.

दिल्ली के मुख्यमंत्री के लिये सबसे आगे विजय गोयल का नाम चल रहा है जो संघ की पसंद भी मानी जाती है. विजय गोयल इस समय राज्यसभा के सदस्य हैं तथा मोदी सरकार में मंत्री भी नहीं है. इससे उनका नाम सबसे अग्रणी है. इसी तरह से मीनाक्षी लेखी के नाम की भी चर्चा चल रही है परन्तु उन्हें मुख्यमंत्री के लिये जूनियर माना जा रहा है.

इसी तरह से जनकपुरी के विधायक प्रोफेसर जगदीश मुखी और दूसरे बदरपुर के विधायक रामबीर सिंह बिधूड़ी का नाम भी मुख्यमंत्री के लिये तय हो सकता है. फिलहाल 14 फरवरी 2014 से दिल्ली विधानसभा निलंबित है. ज्ञात हो कि अरविंद केजरीवाल की सरकार ने 49 दिन सत्ता में रहने के बाद जन लोकपाल के मुद्दे पर इस्तीफा दे दिया था.

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