भाजपा ने हरियाणा में रचा इतिहास
चंडीगढ़ | समाचार डेस्क: रविवार का दिन भाजपा के लिये एतिहासिक रहा इस दिन पार्टी ने हरियाणा में इतिहास रच दिया. स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार भाजपा अपने दम पर हरियाणा में सरकार बनाने जा रही है. गौरतलब है कि इससे पहले भाजपा ने हरियाणा में कभी भी 16 से ज्यादा विधानसभा की सीटों नहीं जीती थी. हरियाणा में 2009 में हुए विधानसभा चुनाव में मात्र चार सीटें जीतने वाली भाजपा द्वारा इस चुनाव में बहुमत लाना एक बड़ी उपलब्धि है. भाजपा 90 सीटों वाले विधानसभा में कुल 47 सीटें जीतने में कामयाब रही. पार्टी प्रदेश में पहली बार सरकार बनाएगी. पार्टी को 33.2 फीसदी मत मिला. राज्य में मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा संसदीय पार्टी समिति की नई दिल्ली में रविवार शाम बैठक हुई.
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पद के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता मनोहर लाल खट्टर, प्रदेश भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राम बिलास शर्मा तथा भाजपा के प्रवक्ता अभिमन्यु के नामों की चर्चा हुई. मुख्यमंत्री पद की दौड़ में केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज, राव इंद्रजीत सिंह एवं कृष्ण पाल गुर्जर जैसे नेताओं के नामों की भी चर्चा है. साथ ही कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए बीरेंद्र सिंह भी इस दौड़ में शामिल हैं.
पार्टी के वरिष्ठ सूत्रों ने कहा कि नई सरकार का शपथ ग्रहण दिवाली के पहले इसी सप्ताह होगा.
निवर्तमान मुख्यमंत्री कांग्रेस के भूपिंदर सिंह हुड्डा ने राज्य में अपनी हार स्वीकार कर ली है. हुड्डा ने अपना इस्तीफा राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी को सौंप दिया है, जो नई सरकार के गठन का रास्ता साफ करेंगे.
भाजपा के हरियाणा प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, “हरियाणा की जनता बदलाव चाहती थी. हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने काफी मेहनत की है. हमारी सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को जाता है.”
भाजपा में कई नेताओं के मुख्यमंत्री पद की होड़ में होने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में विजयवर्गीय ने कहा, “पार्टी मिलकर अगले मुख्यमंत्री पर विचार करेगी. उम्मीदवार वह शख्स होगा, जो हरियाणा के सभी वर्गो को स्वीकार्य होगा.”
कांग्रेस की हार स्वीकारते हुए हुड्डा ने कहा, “यह जनादेश है. मैं इसे स्वीकार करता हूं और नई सरकार को शुभकामनाएं देता हूं.”
उन्होंने कहा, “मैं उम्मीद करता हूं कि नई सरकार हरियाणा के विकास की रफ्तार धीमी नहीं होने देगी.”
कांग्रेस प्रदेश में केवल 15 सीटें ही जीत पाई, जबकि 2009 में हुए विधानसभा चुनाव में इसने 40 सीटें जीती थी.
19 सीटों के साथ इनेलो को राज्य में दूसरे नंबर से संतोष करना पड़ेगा, जबकि 2009 में हुए विधानसभा चुनाव में इसने 31 सीटें जीती थी.
पार्टी की हार के बाद इनेलो नेता अभय चौटाला ने मीडिया से कहा, “हम इस बात की समीक्षा करेंगे कि गलती कहां हुई है. हम नए सरकार को शुभकामना देते हैं, क्योंकि जनता ने भाजपा को जनादेश दिया है. हरियाणा के विकास के लिए हम सरकार को समर्थन देंगे.”
भाजपा की शुरुआत रविवार को जीत के साथ हुई, इसके वरिष्ठ नेता अनिल विज को अंबाला कैंट से 15,462 वोटों से जीत हासिल हुई.
गुड़गांव विधानसभा सीट से भाजपा के उमेश अग्रवाल ने सर्वाधिक 84 हजार मतों से जीत दर्ज की.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने कहा, “भाजपा के लिए यह ऐतिहासिक जीत है. हम लोगों को स्थिर, भ्रष्टाचार मुक्त और विकासोन्मुख सरकार देंगे. हमारी विजय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों का परिणाम है.”
राज्य में इस साल रिकार्ड 76.54 फीसदी मतदान हुआ था. हरियाणा की जीत ने भाजपा को यह कहने का मौका दे दिया कि मोदी लहर अभी कमजोर नहीं पड़ी है. उल्लेखनीय है कि हरियाणा में चुनाव प्रचार के समय प्रधानमंत्री मोदी ने जनता से अपील की थी कि हरियाणा में भी विकास करने के लिये भाजपा को जिताया जाये जैसा कि पड़ोस के दिल्ली में हो रहा है.