मोदी के वाराणसी में भाजपा हारी
लखनऊ | समाचार डेस्क: प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में पंचायत चुनाव में भाजपा को करारी शिक्कत मिली है. इसी तरह से प्रधानमंत्री मोदी के गोद लिये गांव जयापुर में भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है. इसी तरह से सोनभद्र, गाजीपुर, आजमगढ़, मिर्जापुर तथा चंदौली में भी भाजपा पिछड़ गई है. गौरतलब है कि इसी उत्तर प्रदेश में 2014 के आम चुनाव में भाजपा ने अधिकांश संसदीय सीटें जीत ली थी. जाहिर है कि उत्तर प्रदेश में हुए पंचायत चुनाव में पहली बार उतरी भाजपा को तगड़ा झटका लगा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और उनके गोद लिए हुए गांव जयापुर समेत पूर्वाचल के सभी जिलों में सपा समर्थित और निर्दलियों ने धाक जमाई है. कई स्थानों पर बहुजन समाज पार्टी समर्थित प्रत्याशियों ने भी सीटें झटकी हैं. वाराणसी में 48 जिला पंचायत सीटों में से भाजपा और सपा 7-7, अपना दल 5, अपना दल (कृष्णा पटेल गुट) 2, बसपा को 3 और कांग्रेस समर्थित को दो सीटें मिली हैं. 22 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने कब्जा जमाया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस जयापुर को गोंद लिया था, वहां भी भाजपा को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी है तो सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने जिस तमौली में भी बसपा ने अपनी पैठ बनाई है.
जयापुर में भाजपा समर्थित जिला पंचायत सदस्य रिंकू सिंह चुनाव हार गए हैं. यहां से बसपा के गुडडू तिवारी ने जीत दर्ज की है. मुलायम के गोद लिए गांव तमौली में बसपा की प्रत्याशी शिमला देवी 13 हजार मतों से चुनाव जीती हैं.
सोनभद्र में भी बनारस जैसी स्थिति रही. 33 में से 22 परिणामों में आठ सीटों पर निर्दलीय जीते. भाजपा दो और कांग्रेस एक सीट पर सिमट गई. सपा पांच और बसपा समर्थितों को छह सीटें मिलीं. बलिया में 59 सीटों में से करीब 15 पर सपा ने जीत दर्ज की है. भाजपा को 6 और बसपा को 6 सीटें मिली हैं. चार सीटों पर सपा और अन्य पर निर्दलीय जीते हैं.
गाजीपुर में 67 सीटों में से सपा को 30, भाजपा को 11 और बसपा को 8 सीटें मिली हैं. मऊ में 34 सीटों में निर्दलीय प्रत्झ्याशियों ने 15 सीटें हासिल की हैं. सपा ने 11, बसपा ने सात और भाजपा ने केवल एक सीट पर कब्जा किया. भदोही में सपा का दबदबा रहा. यहां 27 में से 20 सीटों पर सपा ने कब्जा जमाया. भाजपा, बसपा और माकपा को महज एक-एक सीटे मिली.
आजमगढ़ में 48 सीटों में 16 सीटें सपा और इतनी ही निर्दलियों को मिली हैं. यहां ओबैसी की पार्टी से समर्थित एक प्रत्याशी ने भी जीत हासिल की है. बसपा के समर्थन वाले 12 प्रत्याशियों और भाजपा समर्थित केवल चार प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है.
मिर्जापुर में 44 में से 41 के परिणाम घोषित हो चुके हैं. भाजपा के दो, सपा के चार, बसपा के तीन तथा अन्य सीटें निर्दलियों के कब्जे में गई है. जौनपुर में कुल 83 सीटों में से 40 पर सपा ने कब्जा जमाया है. यहां भाजपा को सिर्फ 7 सीटें मिली हैं. बसपा समर्थित 21 प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है.
चंदौली में 35 में से सपा को मात्र 8 सीटें ही मिली हैं, 13 निर्दलीय जीते हैं. भाजपा को 5 और बसपा समर्थित प्रत्याशियों को 7 सीटें हासिल हुई. भदोही की 27 में से 25 के परिणाम आ गए हैं. 20 सीटों पर समाजवादी पार्टी से जुड़े प्रत्याशी जीते हैं. यहां भाजपा और बसपा को एक-एक सीट मिली है. उत्तर प्रदेश के जिला पंचायतों के चुनाव में भाजपा के पिछड़ जाने से राजनीतिक हल्कों में सवाल किया जा रहा है कि क्या, मोदी का करिश्मा उत्तर प्रदेश में कम हो गया है. हालांकि, तुरंत इस नतीजे पर पहुंचना जल्दबाजी होगी. फिर भी प्रधानमंत्री मोदी के विरोधियों को उनके खिलाफ बोलने के लिये मौका मिल गया है.