लोकसभा चुनावों में भाजपा की ऐतिहासिक जीत
नई दिल्ली | एजेंसी: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल की है.
भाजपा ने इस लोकसभा चुनाव में जहां एक तरफ जीत का इतिहास बनाया है, वहीं कांग्रेस के साथ हार का इतिहास जुड़ गया है. क्योंकि आजादी के बाद देश में हुए अबतक के आम चुनावों में कांग्रेस का इतना खराब प्रदर्शन कभी नहीं रहा था.
मोदी के लिए देश का 14वां प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है. पिछले 30 सालों में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब कोई पार्टी अपने दम पर संसद में बहुमत हासिल कर रही है.
राजनीतिक पंडितों के अनुमानों को धता बताते हुए भाजपा ने चुनावों में जो जीत हासिल की, उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उसे अपने पुराने एवं नए गठबंधन सहयोगियों के समर्थन की भी जरूरत नहीं रहेगी.
वर्ष 2004 से सत्ता पर काबिज देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को अब तक की सबसे शर्मनाक हार मिली है. कांग्रेस लोकसभा चुनाव में दो अंकों तक सिमट कर रह गई है और यह उसका अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन है. कांग्रेस ने 2009 में 206 सीटें जीती थी.
कांग्रेस को अगर लोकसभा की कुल सीटों में से 10 फीसदी सीटें नहीं मिल पाती हैं, तो उसे नेता प्रतिपक्ष के कैबिनेट रैंक से भी हाथ धोना पड़ सकता है.
कांग्रेस सात राज्यों में एक भी सीट जीतने में सफल नहीं रही, वहीं किसी भी एक राज्य में उसे 10 सीटें नहीं मिलती दिख रहीं.
हार से क्षुब्ध कांग्रेस ने अपनी पराजय स्वीकार कर ली है. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को जीत की बधाई दे दी है. जयराम रमेश ने कहा, “हमारा प्रदर्शन खराब से भी खराब रहा.”
रायबरेली से जीत दर्ज कराने वाली सोनिया गांधी ने कहा, “जनता का फैसला हमारे खिलाफ है.” सोनिया एवं राहुल गांधी ने हार स्वीकार करते हुए भाजपा को बधाई दी, लेकिन मोदी का नाम नहीं लिया.
शाम साढ़े छह बजे तक भाजपा 140 सीटें जीत चुकी थी और 143 पर वह आगे थी. इस तरह भाजपा 283 सीटें जीतने के करीब है, जबकि सरकार बनाने के लिए आवश्यक बहुमत के लिए 272 सीटों की ही जरूरत होती है. ऐसी संभावना है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 21 मई को नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिला सकते हैं.
तमिलनाडु में कुल 39 सीटों में से मुख्यमंत्री जयललिता के नेतृत्व में एआईएडीएमके 37 सीटें जीतने के करीब है. इस तरह वह लोकसभा में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है. एआईएडीएमके ने लंबे समय से अपने प्रतिद्वंद्वी डीएमके का सूपड़ा साफ कर दिया है.
पश्चिम बंगाल में 42 सीटों में से तृणमूल कांग्रेस, वाम दलों का सफाया करते हुए 34 सीटें जीतने के करीब है.
ओडिशा में सत्ताधारी बीजू जनता दल (बीजद) 21 में से 20 सीटें जीतने के करीब है.
भाजपा की पुरानी सहयोगी शिवसेना महाराष्ट्र में 48 में से 18 सीटें जीतने के करीब है और इस तरह भाजपा-शिवसेना गठबंधन 40 सीटें जीतने के मुहाने पर है.
भाजपा के कद्दावर नेताओं ने आसान जीत दर्ज की. नरेंद्र मोदी ने वड़ोदरा और वाराणसी से जीत दर्ज की है. इसी तरह लालकृष्ण आडवाणी (गांधीनगर), राजनाथ सिंह (लखनऊ), मुरली मनोहर जोशी (कानपुर), नितिन गडकरी (नागपुर) और सुषमा स्वराज (विदिशा) ने जीत दर्ज कराई है.
भाजपा के एकमात्र बड़े नेता और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे अरुण जेटली को हार का सामना करना पड़ा है. पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस उम्मीदवार अमरिंदर सिंह ने अमृतसर से जेटली को पराजित किया है.
कांग्रेस के कई कद्दावर नेताओं को हार का मुंह देखना पड़ा है. इनमें केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे, अंबिका सोनी, कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद, अजय माकन और पवन कुमार बंसल शामिल हैं.
वाम दलों को भी बड़ा झटका लगा है. वाराणसी से जीत का दावा करने वाले आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल भी मोदी से करीब तीन लाख वोटों से हार गए हैं