भाजपा ‘वोट फॉर मोदी’ के भरोसे
नई दिल्ली | संवाददाता:2014 का समर भाजपा’वोट फॉर मोदी’के भरोसे जीतने की योजना पर कार्य कर रही है. मंगलवार को दिल्ली में भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक हुई जिसमें भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी आमंत्रित किया गया था. संसदीय समिति के बाद चुनाव अभियान समिति की बैठक ने भी’वोट फॉर मोदी’को अपना मुख्य चुनावी नारा घोषित किया है. गौरतलब रहे कि दो दिन पहले नरेन्द्र मोदी ने मुंबई रैली में वोट फॉर इंडिया का नारा दिया था जिसे अब परिष्कृत कर’वोट फॉर मोदी’नारे में तब्दील कर जिया गया है.
पॉच विधानसभा चुनावों में तीन राज्यों में कांग्रेस को धूल चटाने के बाद, भाजपा इसी ज़स्बे को लोकसभआ चुनाव तक कायम रखना चाहती है. जिसके लिये’वोट फॉर मोदी’का नारा दिया गया है.दिन भर चली मीटिंग की अध्यक्षता पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने की. भाजपा की संसदीय बोर्ड की बैठक में’एक वोट एक नोट’की रणनीति पर भी गंभीरता से विचार किया गया है.भाजपा की रणनीति है कि दस करोड़ घरों से वोट तथा नोट का सहयोग मांगा जायेगा. जिससे करीब बीस करोड़ लोगों तक भाजपा की पहुंच कायम होगी.गौरतलब है कि पिछले लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस को बारह करोड़ मत मिले थे तथा भाजपा को आठ करोड़ मत मिले थे. जिससे भाजपा 116 के आकड़े पर रुक गयी थी.
इस बार भाजपा की रणनीति है कि अपने बलबूते पर 200 लोकसभा क्षेत्रों में विजय मिलें. इसके अलावा सहयोगियों की संख्या बढ़ाने पर भी विचार किया गया है. भाजपा ने यह तय किया है कि दक्षिण के राज्यों में नरेन्द्र मोदी के लोकप्रियता को भुनाया जाये.मंगलवार की बैठक में एक प्रस्ताव भी लिया गया है जिसका लब्बोलुआब यह है कि विकास के बिना कोई चारा नहीं है. विकास ने ही भाजपा को छत्तीसगढ़ तथा मध्यप्रदेश में विजय दिलाई है.
बैठक के बाद भाजपा के महासचिव अनंत कुमार ने बताया है कि भाजपा देशभर में 400 रैलियां तथा सभाएं करने जा रही है. इसके अलावा 28 फऱवरी तक बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं की बैठक होगी. कुल मिलाकर भाजपा लोकसभा चुनाव के पहले अपने संगठन को फिर चुस्त-दुरस्त कर लेना चाहती है. इसी के साथ चार राज्यों में मिली विजय की पताका को लोकसभा तुनाव तक फहराकर लोगों के बीच कांग्रेस विरोधी लहर को जिंदा रखा जायें.भाजपा ने यह तय किया है कि लोकसभा का चुनाव’वोट फॉर मोदी’के भरोसे लड़ा जाये.