राष्ट्र

भाजपा में मोदी-शाह युग की शुरुआत

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: भाजपा ने पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारण निकायों में अटल-आडवाणी-जोशी को कोई जगह नहीं दी. इसे भाजपा में अटल-आडवाणी युग की जगह मोदी-शाह युग के शुरुआत को तौर पर देखा जा रहा है. जाहिर सी बात है कि जिस मोदी-शाह की जोड़ी ने भाजपा को अपने पार्टी के इतिहास में पहली बार पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने का मौका दिया है, उसे इतना सम्मान तो मिलना ही चाहिये.

गौरतलब है कि भाजपा ने मंगलवार को अपने केंद्रीय संसदीय बोर्ड, केंद्रीय चुनाव समिति का पुनर्गठन किया. दोनों समितियों का अध्यक्ष पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को बनाया गया है, लेकिन सदस्य के रूप में ही सही इन नेताओं को नहीं लिया गया है. पार्टी ने बड़े नेताओं को संतोष देने के लिए मार्गदर्शक मंडल नाम से एक समिति का गठन करते हुए इन नेताओं को उसमें जगह दी है.

पार्टी कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक 12 सदस्यीय बोर्ड के अध्यक्ष पार्टी अध्यक्ष अमित शाह होंगे. बोर्ड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को इसका सदस्य बनाया गया है.

अन्य सदस्यों में वेंकैया नायडू, नितिन गडकरी, अनंत कुमार, थावर चंद गहलोत, शिवराज सिंह चौहान, जगत प्रकाश नड्डा और रामलाल शामिल हैं.

भाजपा अपनी केंद्रीय चुनाव समिति का भी पुनर्गठन किया है और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को इसका भी प्रमुख बनाया गया है.

समिति में शामिल किए गए अन्य सदस्यों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, वेंकैया नायडू और नितिन गडकरी हैं.

पार्टी की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन भी समिति के सदस्य होंगे.

बड़े बुजुर्ग नेताओं को संतुष्ट रखने के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने ‘मार्गदर्शक’ समिति के गठन की घोषणा की है जिसमें पार्टी के नेता अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी को शामिल किया गया है.

पार्टी की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, “पार्टी गतिविधियों को दिशानिर्देश देने के लिए शाह ने मार्गदर्शक समिति का गठन किया है.”

वरिष्ठ पार्टी नेता मु़रली मनोहर जोशी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह समिति के अन्य तीन सदस्यों में शामिल हैं.

पार्टी के मार्गदर्शक मंडल पर चुटकी लेते हुए कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने इसे वरिष्ठ नेताओं का ‘ओल्ड एज होम’ करार दिया.

भाजपा प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने हालांकि कहा कि मार्गदर्शक समिति स्थायी समिति नहीं है. उन्होंने कहा, “यह एक अस्थायी समिति है.”

सूत्रों ने कहा कि भाजपा के संविधान में इस तरह के समूह का गठन करने का कोई प्रावधान नहीं है और संसदीय बोर्ड पार्टी में नीति निर्धारण की शीर्ष निकाय बना रहेगा.

सूत्रों ने कहा कि फैसले की सूचना से जोशी को स्वयं मोदी ने अवगत कराया, जबकि आडवाणी को संसदीय कार्यमंत्री एम. वेंकैया नायडू ने जानकारी दी.

उधर भोपाल में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री चौहान ने जोर देकर कहा कि आडवाणी पूरी पार्टी का मार्गदर्शन करते रहेंगे.

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