भाजपा पर नक्कालों का कब्ज़ा: जसवंत
जोधपुर | एजेंसी: बाड़मेर से टिकट न मिलने से नाराज़ जसवंत सिंह ने कहा है कि भाजपा पर बाहरी लोगों का कब्जा हो गया है, हालांकि उन्होंने किसी भी नेता का नाम नहीं लिया. माना जा रहा है कि भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से एक जसवंत जल्द ही पार्टी से इस्तीफा दे सकते हैं और बाड़मेर से निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं.
जसवंत ने जोधपुर में संवाददाताओं से कहा, “भाजपा पर अतिक्रमण हो चुका है. यह पार्टी की प्रकृति और चरित्र पर हावी हो रहा है. यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि पार्टी पर उन बाहरी लोगों ने कब्जा कर लिया है जिनके दिल में पार्टी और उसकी विचारधारा के प्रति कभी सम्मान नहीं था.”
उन्होंने कहा, “भाजपा दो धड़ों में विभाजित हो चुकी है. एक असली भाजपा और दूसरी नकली भाजपा. लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि नकली धड़े ने अब पार्टी पर कब्जा कर लिया है.”
पूर्व रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री कुछ दिनों में बाड़मेर का दौरा कर समर्थकों से राय मशविरा करेंगे और उसके बाद नामजदगी का पर्चा भरेंगे. उन्होंने कहा, “सबकुछ मेरे बाड़मेर पहुंचने और वहां अपने समर्थकों से बातचीत करने के बाद तय होगा.”
जसवंत इस बार बाड़मेर से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने कर्नल सोनाराम को टिकट दे दिया, जो हाल ही में कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए हैं.
भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि जसवंत सिंह के कद को एक टिकट से नहीं आंका जा सकता. उन्होंने कहा, “जसवंत सिंह पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं. हम उनका आदर करते हैं. उनका कद एक टिकट से नहीं आंका जा सकता.” उन्होंने कहा, “हम पार्टी में उनकी क्षमता का इस्तेमाल इस या उस रूप में करेंगे.”
यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई करेगी, राजनाथ ने कहा कि यह सवाल ‘काल्पनिक’ है.
जसवंत को टिकट न दिए जाने पर पार्टी के कुछ नेताओं ने कड़ा विरोध जताया, जिसके बाद उनके बेटे मानवेंद्र सिंह के घर शुक्रवार रात बैठक आयोजित की गई.
अगर जसवंत ने चुनाव लड़ने का मन बनाया, तो वह सोनाराम के वोट को प्रभावित कर सकते हैं, क्योंकि बाड़मेर में 1.5 लाख राजपूत मतदाता हैं.
राजनीतिक विश्लेषक विजय शर्मा कहते हैं, “उनका अन्य जाति के मतदाताओं पर भी प्रभाव है, इसलिए जसवंत भाजपा उम्मीदवार के लिए मुश्किलें खड़ी कर देंगे.”