छत्तीसगढ़बिलासपुर

गर्ल्स कालेज यूनिवर्सिटी बनने के करीब

बिलासपुर | संवादादता:छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में स्थित बिलासा गर्ल्स डिग्री कालेज अब महिला विश्वविद्यालय बनने के काफी करीब है. जानकारी के मुताबिक, गर्ल्स कालेज का अभी बी डबल प्लस रैंक है. यदि नैक के निरीक्षण के बाद ए रैंक मिल जाता है तो गर्ल्स कालेज का महिला यूनिवर्सिटी बनने का रास्ता लगभग साफ हो जाएगा. इसको लेकर कॉलेज अपने स्तर पर पूरी तरह से तैयारी में लगा है.

सूबे के इस गर्ल्स कॉलेज के 10 साल पूरे होने पर उसे डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा मिल सकता है. आने वाले समय में यूजीसी 284 नई यूनिवर्सिटी व 350 आटोनॉमस कॉलेज भारत में खोलने जा रही है. इसके साथ ही राज्य में भी एक महिला यूनिवर्सिटी बननी है.

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की कई योजनाओं में से एक ऑटोनॉमस कालेजों को यूनिवर्सिटी का रूप दिया जाना है. इसके लिए प्रक्रिया फिलहाल शुरुआती स्तर पर है, लेकिन इस दिशा में काम शुरू हो चुका है. अन्य मापदंडों के साथ ऐसे कालेजों को नैक से ए ग्रेड मिलना है.

बिलासपुर के दोनों आटोनॉमस कालेज साइंस कालेज और बिलासा गर्ल डिग्री कालेजों को फिलहाल नैक से बी डबल प्लस ग्रेड मिला है. ये दोनों कालेज स्टाफ की नियुक्ति, शोध की स्थिति, चल रहे कोर्स,आधारभूत संरचना और संसाधनों की दृष्टि से अच्छी स्थिति में है.

नैक मूल्यांकन तैयारी समिति की संयोजक डॉ. शुभदा रहालकर ने कहा कि नैक का अर्थ स्वयं मूल्यांकन है, जो प्रत्येक कॉलेज को कराना चाहिए. हमारे कॉलेज में भी नैक मूल्यांकन निरीक्षण होने वाला है. यह मूल्यांकन कॉलेज की सुविधाओं और संसाधनों पर आधारित है.

प्रो. मुक्ता दुबे ने कहा कि नैक मूल्यांकन से जहां कॉलेज के साथ छात्राओं को भी लाभ होगा. नए कोर्स खुलने की संभावनाएं हैं जो रोजगार मूलक भी होंगे. छात्राएं भी गतिविधियों में बढ़-चढ़ कर भाग लेंगी.

बहरहाल, मामला अब पूरी तरह नैक के मूल्यांकन पर ही निर्भर हैं. सब कुछ सही रहा तो बिलासा गर्ल्स डिग्री कालेज का महिला यूनिवर्सिटी बनने का रास्ता साफ हो जाएगा.

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