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शहीद मतदानकर्मियों को 20 लाख मुआवज़ा

रायपुर | एजेंसी: छत्तीसगढ़ के दरभा में हुए नक्सल हमले में मारे गए 108 संजीवनी एंबुलेंस के ड्राइवर व टेक्नीशियन को चुनाव ड्यूटी में मान लिया गया है. इसके चलते एंबुलेंस के दोनों शहीद कर्मचारियों के परिजनों को भी निर्वाचन आयोग की ओर से चुनाव ड्यूटी के दौरान मारे जाने पर नियमानुसार मिलने वाली 20-20 लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जाएगी.

बीजापुर जिले में नक्सली हमले में शहीद मतदान कर्मचारियों के परिजनों को भी आयोग मुआवजा के रूप में इतनी ही राशि देगा. साथ ही राज्य शासन व केंद्र सरकार से नक्सली हमले में मारे जाने पर मिलने वाली सहायता राशि भी अलग से दी जाएगी.

विदित हो कि शनिवार को दरभा के पास नक्सलियों ने संजीवनी एंबुलेंस और बीजापुर में मतदानकर्मियों को लेकर आ रही बस को उड़ा दिया था. इन दोनों घटनाओं में 15 लोग मारे गए थे. संजीवनी 108 से जुड़ी घटना में एंबुलेंस में सवार सीआरपीएफ के आधा दर्जन जवानों सहित ड्राइवर वासु सेठिया और टेक्निीशियन श्रवण नेताम भी मारे गए थे.

रविवार को घटना का जायजा लेने बस्तर प्रवास पर पहुंचे राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सुनील कुजूर, मुख्य सचिव विवेक ढांड़, गृह सचिव एन.के. असवाल, डीजीपी एन.के. उपाध्याय, आईजी ए.डी. गौतम और कमिश्नर आर.पी. जैन जैसे वरिष्ठ अधिकारियों की यहां सर्किट हाउस में बैठक हुई, जिसमें रिटर्निग ऑफिसर अंकित आनंद ने संजीवनी के शहीद कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी में बताते हुए चुनाव ड्यूटी के दौरान मारे जाने पर संबंधित कर्मचारी के परिजनों को मिलने वाली संपूर्ण सहायता देने का प्रस्ताव रखा था, जिसे स्वीकार कर लिया गया.

बैठक के बाद मीडिया से चर्चा में मुख्य सचिव विवेक ढांढ़ ने इस बात की घोषणा करते हुए बताया कि बैठक में प्रस्ताव आया था जिसे स्वीकार कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि दोनों शहीद कर्मचारियों के परिजनों को बीस-बीस लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने के अलावा राज्य शासन आश्रित को नौकरी देंगी.

उन्होंने बताया कि चुनाव के दौरान हिंसक वारदातों में घायलों को अस्पताल पहुंचाने आयोग की सहमति से प्रशासन ने संजीवनी एक्सप्रेस को आरक्षित किया था.-

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