बिहार में ‘नो’ शौचालय तो वेतन भी नहीं
भागलपुर | समाचार डेस्क: बिहार के भागलपुर में जिनके यहां शौचालय नहीं है उन सरकारी सेवकों को उनका वेतन/ मानदेय नहीं मिलेगा. ‘स्वच्छ भारत’ मिशन की शुरुआत के बाद हुए पहले सर्वे के नतीजे बिहार के लिए भले निराशाजनक रहे हों, लेकिन बिहार के भागलपुर में स्वच्छता अभियान के लिए जिला प्रशासन ने अनोखा प्रयोग करते हुए निर्देश जारी किया है कि जिन सरकारी कर्मचारियों के घर में शौचालय नहीं होंगे, उन्हें वेतन नहीं मिलेगा.
निर्देश में कहा गया है कि सरकारी वेतन और मानदेय पर काम करने वाले उन सभी सरकारी सेवकों को अब अनिवार्य रूप से अपने घरों में शौचालय बनवाने होंगे, जो फील्ड ड्यूटी करते हैं. जिन अधिकारियों और कर्मचारियों के घरों में शौचालय नहीं होंगे, उन्हें 31 मार्च के बाद से वेतन व मानदेय नहीं दिया जाएगा.
भागलपुर के जिलाधिकारी आदेश तितरमारे ने बुधवार को कहा, “आंगनबाड़ी सेविकाएं, सहायिकाएं, ममता कार्यकर्ता, विकास मित्र, टोला सेवक, होमगार्ड जैसे व्यक्ति शासन-प्रशासन के प्रतिनिधि होते हैं, इसलिए उन्हें सबसे पहले सरकार की मंशा पूरी करनी होगी. अगर सरकारी प्रतिनिधियों के घरों में ही शौचालय नहीं होंगे, तो वे दूसरों को कैसे प्रेरित करेंगे. प्रखंड स्तर के पदाधिकारी घर-घर सर्वे कर एक सप्ताह में इस बाबत रिपोर्ट देंगे.”
उन्होंने कहा कि इस मामले में कुछ दिन पहले एक सर्वे कराया गया था, जिसमें पाया गया था कि गांव-गांव जाकर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने वाली आंगनबाड़ी सेविकाएं, सहायिकाएं व ममता कार्यकर्ताओं के घरों में ही शौचालय नहीं हैं.
उनका मानना है कि अधिकारी व कर्मचारी ग्रामीणों के आदर्श हैं, जब ये लोग आदर्श स्थापित करेंगे तभी ग्रामीण इनका अनुकरण करेंगे.
जिलाधिकारी ने बताया कि सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को पंचायतों का रोज सुबह निरीक्षण करने का आदेश है, जिससे यह पता लग सकेगा कि उन पंचायतों में खुले में शौच हो रहा है या नहीं.
भागलपुर के उप विकास आयुक्त अमित कुमार ने बताया कि प्रखंड विकास पदाधिकरियों को पत्र भेजकर स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि फरवरी तक रोजाना सुबह 5.00 से 6.00 बजे तक पंचायतों में जाएं और सभी को घर में बने शौचालय का उपयोग करने के लिए प्रेरित करें. इसकी प्रतिदिन की रिपोर्ट जिला मुख्यालय भेजी जाएगी.
उन्होंने कहा कि जिन लोगों को सरकार की तरफ से किसी प्रकार का मानदेय मिलता है, उसे भी इस श्रेणी में रखा गया है और उन्हें भी अपने घर में शौचालय बनवाने का निर्देश है.
जिलाधिकारी के इस निर्देश की स्थानीय लोग भी सराहना कर रहे हैं.