राजद-जदयू नेताओं में रार
पटना | एजेंसी: बिहार में जदयू तथा राजद के नेताओं में पटरी नहीं बैठ रही है. उनके परस्पर विरोधी बयान सामने आ रहें हैं. लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद बिहार में राष्ट्रीय जनता दल और सतारूढ़ जनता दल, युनाइटेड भले ही नजदीक आ गए हों और कांग्रेस का साथ गठबंधन बन गया हो, लेकिन हाल के दिनों में जदयू और राजद के कुछ नेताओं के बयानों से इस गठबंधन की ‘गांठ’ कमजोर होती दिख रही है.
जदयू के नेता तो अब राजद के नेताओं पर खुलेआम गठबंधन को कमजोर करने का आरोप लगा रहे हैं.
राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह शुरुआत से ही जदयू सरकार पर निशाना साधते रहे हैं. पटना के गांधी मैदान में मची भगदड़ का मामला रहा हो या फिर बिहार में दवा घोटाले का मामला रघुवंश सरकार तथा पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साधते रहे हैं. इसी क्रम में रघुवंश ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह के इस्तीफे की मांग की है.
इधर, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह से जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने पहले रघुवंश को पहचानने से इंकार कर दिया और जब उन्हें राजद नेता के विषय में बताया गया तब उन्होंने कहा था “अरे वो तो पगला गए हैं.”
स्वास्थ्य मंत्री के इस बयान के बाद दोनों दलों के नेताओं के बीच जुबानी जंग और तेज हो गई है. इस बयान के बाद रघुवंश बिफर पड़े और कहा कि या तो स्वास्थ्य मंत्री माफी मांगें या तो उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए. उन्होंने सरकार को चेतावनी भी दी है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो बिहार सरकार में ‘हुदहुद’ आ जाएगा.
रघुवंश ने कहा, “स्वास्थ्य मंत्री अपनी मानसिक जांच कराएं. मंत्री को भूलने की बीमारी हो गई है. ऐसे आदमी से बिहार का स्वास्थ्य विभाग कैसे चल सकता है?”
वह यही नहीं रुके और उन्होंने जदयू के नेतृत्व पर भी हमला करते हुए कहा कि पार्टी नेतृत्व की वजह से ही रामधनी सिंह जैसे लोग बेलगाम हो गए हैं.
इधर, रघुवंश को लेकर अभी तक बचाव की मुद्रा में जदयू के नेता भी अब हमलावर हो गए हैं. जदयू के प्रवक्ता संजय सिंह ने गुरुवार को कहा कि गठबंधन नीति, सिद्घांत और विश्वास से चलता है. रघुवंश जैसे नेता इस गठबंधन की गांठ कमजोर करने में लगे हैं. उन्होंने कहा कि लालू जी को ऐसे नेताओं पर लगाम लगाना चाहिए.
उन्होंने कहा, “रघुवंश सिंह जैसे वरिष्ठ नेता को ऐसे बचकाना बयानों से बचना चाहिए. वह मुख्यमंत्री के अधिकार को समझें, वह खुद को मुख्यमंत्री नहीं समझें. मंत्रिमंडल में किसी को रखने का अधिकार मुख्यमंत्री का है. वह यह कैसे कह सकते हैं कि मंत्रिमंडल में किसे रखें और किसे बर्खास्त करें.”
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह इस मामले को लेकर कहते है, “ऐसे बयानों से जनता के बीच गलत संदेश जाता है. इसे नेतृत्व को रोकना चाहिए. यह राजद नेतृत्व का काम है कि ऐसे बयानों से नेताओं को रोका जाए.”
उन्होंने हालांकि, कहा कि यह मामला जल्द सुलझ जाएगा और इसका गठबंधन पर कोई असर नहीं होगा.