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बिहार में अब भी 23हजार स्वतंत्रता सेनानी!

पटना | एजेंसी: देश को आजादी मिले 68 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन बिहार में अभी भी 23 हजार स्वतंत्रता सेनानी या उनके आश्रित सरकार से पेंशन पा रहे हैं. सूचना का अधिकार के तहत यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है.

यह खुलासा करने वाले आरटीआई कार्यकर्ता मनोहर मिश्रा ने कहा, “वर्ष 2012-13 के आंकड़ों के मुताबिक, बिहार में अभी भी 23 हजार स्वतंत्रता सेनानी हैं, जो देश में सर्वाधिक है.”

आश्चर्य वाली बात तो यह है कि बीते पांच वर्षो में इन आंकड़ों में कोई बदलाव नहीं देखा गया.

वर्ष 2012 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ऐसे पेंशनभोगियों की संख्या के सत्यापन की मांग की थी. इसके बाद बिहार सरकार ने सभी 38 जिलों के जिलाधिकारियों को पेंशन भुगतान आदेश संख्या का खजानावार विवरण भेजने का आदेश दिया था.

राज्य सरकार के एक अधिकारी ने कहा, “आंकड़ों में कोई परिवर्तन नहीं देखा गया. इससे पेंशन पाने वाले लोगों के आंकड़ों में गड़बड़ी का पता चलता है.”

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों को 15 हजार रुपये मासिक पेंशन दिए जाते हैं. इसके अलावा, राज्य सरकार भी इन्हें सुविधाएं प्रदान करती हैं.

मिश्रा ने गृह मंत्रालय से प्रत्येक स्वतंत्रता सेनानी के स्वतंत्रता आंदोलन में भूमिका संबंधित दस्तावेजों की मांग की थी.

इस पर राज्य के गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों का सत्यापन अभी पूरा नहीं हुआ है.

राज्य गृह मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने यह भी पाया है कि आश्रितों की संख्या वास्तविक स्वतंत्रता सेनानियों की संख्या को भी पार कर गई है.

आधिकारिक एजेंसियों द्वारा वर्ष 2000 में कराई गई जांच में बिहार में कई फर्जी स्वतंत्रता सेनानियों का मामला सामने आया था.

उल्लेखनीय है कि स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान और पेंशन देने के उद्देश्य से 1970 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा ‘स्वतंत्रता सेनानी सम्मान योजना’ की शुरुआत की गई थी.

केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2012-13 में विभिन्न योजनाओं के तहत स्वतंत्रता सेनानियों और उनके आश्रितों के पेंशन पर 772.85 करोड़ रुपये खर्च किए.

गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, वर्तमान में 171,520 स्वतंत्रता सेनानी या उनके आश्रितों को पेंशन दिया जाता है.

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