मांझी ने दी सफाई, आईएमए ने कहा, खेद जताएं
पटना | एजेंसी: बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने ‘हाथ काट लेंगे’ वाले अपने बयान पर शनिवार को सफाई दी. उन्होंने कहा कि उनके बयान में हाथ काटना महज एक मुहावरा था. उनका आशय था किगरीबों के साथ खिलवाड़ करने वाले चिकित्सा अधिकारियों के अधिकार छीन लिए जाएंगे. इस बीच इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की बिहार शाखा ने मुख्यमंत्री से खेद प्रकट करने की मांग की है. मांझी ने पटना में अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा, “जो लोग मेरे बयान पर हंगामा मचा रहे हैं, उन्हें हिंदी के मुहावरे का ज्ञान होना चाहिए.”
उन्होंने कहा कि ‘हाथ काटने’ का अर्थ उनका अधिकार समाप्त कर देने से है, न कि सच में हाथ काट देने से है. बयान को सही ढंग से समझने की बात है.
मांझी ने कहा, “हाथ काट देने या कद छोटा कर देने का मतलब अधिकार कम कर देने से है. राज्य में 90 प्रतिशत चिकित्सक तो ठीक काम करते हैं, जिनके प्रति मेरे मन में सम्मान है, मगर 10 प्रतिशत चिकित्सक अपने कार्य के प्रति लापरवाह हैं.”
इधर, आईएमए की बिहार शाखा ने एक बैठक कर इस बयान पर मुख्यमंत्री से 24 घंटे के अंदर खेद व्यक्त करने की मांग की है. बैठक में मुख्यमंत्री के बयान की निंदा की गई. आईएमए की बिहार शाखा के उपाध्यक्ष डॉ़ सहजानंद ने बताया कि बैठक में इस बयान के लिए मुख्यमंत्री से 24 घंटे के अंदर खेद व्यक्त करने की मांग की गई. उन्होंने बताया कि रविवार को आईएमए की एक और बैठक होगी, जिसमें अगली रणनीति पर विचार किया जाएगा.
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री के खेद न प्रकट करने पर बिहार के चिकित्सक हड़ताल पर भी जा सकते हैं या अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं.
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को बिहार के मोतिहारी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था, “अगर कोई गरीब बीमार होता है तो उसे लोग तंग करते हैं. पहले उसे ओझा तंग करते हैं और जब वह अस्पताल पहुंचता है तो वहां भी उसे परेशान किया जाता है. अगर चिकित्सा में गरीबों के साथ खिलवाड़ हुआ तो लापरवाह लोगों के हाथ काट दिए जाएंगे. इसके लिए मांझी पर जितना भी सितम होगा वह सह लेगा.”
उन्होंने चेतावनी देते हुए यह भी कहा था, “ऐसे लोग घर बैठा दिए जाएंगे. पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पिछले दिनों गड़बड़ी हुई तो कितने लोग घर बैठ गए, यह सभी लोग जानते हैं.”
मुख्यमंत्री ने कहा था कि वह खुद गरीब परिवार से आते हैं और गरीबों के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे.