बिहार में चूड़ा-दही भोज की सियासत?
पटना | एजेंसी: ठंड के कारण भले ही बिहार ठिठुरा हुआ है, मगर मकर संक्रांति के मौके पर चूड़ा-दही के भोज को लेकर यहां की राजनीति गर्म है. शायद बिहार ही ऐसा राज्य है, जहां भोज के नाम पर भी राजनीति होती है.
वैसे बिहार में राजनीतिक दलों द्वारा मकर संक्रांति के मौके पर भोज का आयोजन कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस वर्ष दही-चूड़ा भोज को बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है. संभावना है कि इस भोज के दौरान जनता दल परिवार के विलय की बात तय होगी.
मकर संक्रांति के मौके पर जनता दल युनाइटेड के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने दही-चूड़ा भोज आयोजित किया है. इस भोज में राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव और मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी शामिल होंगे.
न्यू पटना क्लब में आयोजित होने वाले इस भोज में 12 हजार लोगों के शामिल होने की संभावना है.
उल्लेखनीय है कि पुराने जनता दल परिवार के विलय के पूर्व भी इन दलों के नेता मिलते रहे हैं परंतु बिहार में इसी वर्ष विधानसभा चुनाव होने वाला है. इस कारण इस भोज का विशेष महत्व है.
इस भोज के विषय में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सिंह कहते हैं “इस भोज में जदयू, राजद, राष्ट्रीय लोकदल, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी तथा वामपंथी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है. इसमें सभी दल के नेताओं का भाग लेना तय है.”
विलय के संबंध में बात होने के विषय में पूछे जाने पर वह कहते हैं कि यह तो स्वभाविक है. इस भोज को लेकर तैयारी लगभग पूरी हो गई है. उन्होंने बताया कि चूड़ा बेतिया और भागलपुर से मंगाया गया है.
इधर, राजद ने भी मकर सक्रांति के मौके पर चूड़ा-दही के भोज का आयोजन किया है. राजद ने दो दिन भोज का आयोजन किया है. इस भोज में राजद के तमाम नेताओं और प्रबुद्ध नागरिकों को आमंत्रण भेजा गया है. राजद अध्यक्ष इस भोज को लेकर नई दिल्ली से पटना पहुंचने वाले हैं.
राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे के अनुसार, 10, सर्कुलर रोड स्थित पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर मकर संक्रांति के अवसर पर सामूहिक भोज का आयोजन किया गया है. 14 जनवरी को सभी वर्ग के लोगों के लिए, जबकि 15 जनवरी को अल्पसंख्यसक समाज के लोगों के लिए भोज का आयोजन किया गया है.
राजद सूत्रों के अनुसार, इस दिन राजद के वरिष्ठ नेता बिहार विधानसभा चुनाव और जदयू से विलय को लेकर कार्यकर्ताओं को परखने की कोशिश करेंगे तथा आगे की रणनीति पर विचार करेंगे.
बहरहल, मकर संक्रांति को लेकर पार्टियां भोज के आयोजन में जुट गई हैं, लेकिन आसन्न विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इसी भोज के दौरान पार्टियां आगे की रणनीति भी बनाने में जुटी हुई है. नेताओं का मानना है कि मकर संक्रांति के बाद शुभ दिन हो जाता है और उस दिन चूड़ा-गुड़ और तिलकुट से मुंह भी मीठा हो जाता है, जिससे आगे दिन शुभ ही होगा.