बघेल ने फिर साधा संघ पर निशाना
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष भूपेश बधेल ने फिर से आरएसएस के नाम खुला पत्र लिखा है. बघेल ने इस पत्र में आरएसएस पर गंभीर आरोप लगाये हैं.
अपने पत्र में भूपेश बघेल ने कहा है कि संघ भारत को समझने का लाख दावा करे लेकिन वह दरअसल इस देश को हिटलर और मुसोलिनी के चश्मे से देखता है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि भाजपा के लिए चुनावी ज़मीन तैयार करने वाला संघ अगर सरकार के शराब बेचने और भाजपा नेता की गौशाला में गौ हत्या पर चुप रहता है तो इससे समझ में आता है कि उसके आदर्श थोथे और दिखावटी हैं.
अपने पत्र में भूपेश बघेल ने कहा है, “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राहुल गांधी जी की बात नागवार गुज़री है. उन्होंने कहा था कि आरएसएस मुस्लिम ब्रदरहुड की तरह का संगठन है. लेकिन आरएसएस की ओर से आई प्रतिक्रिया बचकानी है. संघ का कहना है कि जो भारत को नहीं समझता वह संघ को नहीं समझ सकता. ऐसा कहना तथ्यों से परे, अतिशयोक्तिपूर्ण और दंभ से भरा हुआ है.”
उन्होंने कहा है कि संघ का कहना है कि जो भारत को नहीं समझते वो संघ को नहीं समझ सकते लेकिन संघ को जो थोड़ा बहुत जानते हैं वो यह भी जानते हैं कि यह वही संघ है जिसकी इस देश की आज़ादी की लड़ाई में कोई भूमिका नहीं थी. उल्टे वो आज़ादी की लड़ाई में भाग लेने वालों को हतोत्साहित कर रहे थे. वे अंग्रेज़ों से माफ़ी मांग रहे थे. वे मुसोलिनी जैसे तानाशाह को अपना आदर्श मान रहे थे और हिटलर की तारीफ़ कर रहे थे. संघ के लोग ही तिरंगे के भी ख़िलाफ़ थे और हाल के वर्षों तक अपने मुख्यालय में तिरंगा तक नहीं फ़हराते थे. संघ के प्रणेताओं में से एक ने ही धर्म के आधार पर ‘दो राष्ट्र’ का सिंद्धांत दिया जिसके आधार पर भारत का विभाजन हुआ.
उन्होंने कहा है, “यह कोई कैसे भूल सकता है कि संघ पर इसी देश में एक बार नहीं, तीन तीन बार प्रतिबंध लग चुका है. पहली बार तो सरदार वल्लभ भाई पटेल ने यह प्रतिबंध लगाया था जिन्हें अब भाजपा अपना आदर्श बताने में जुटी है.”
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि आरएसएस कई मामलों में दुनिया के कई संगठनों से भी घातक है, क्योंकि संघ अपनी पहचान छिपाए रखकर राजनीति करना चाहता है. वह अपने आपको सांस्कृतिक संगठन कहता है लेकिन वह देश की राजनीति को संचालित करना चाहता है. इस समय केंद्र और कई राज्यों में शासन कर रही भाजपा में तो संघ की मर्ज़ी के बिना पत्ता तक नहीं हिलता. सच कहें तो भाजपा में आज एक भी नेता नहीं है जो संघ की कही बातों को अनदेखा कर सके. न रमन सिंह, न शिवराज सिंह, न वसुंधरा राजे और न नरेंद्र मोदी और अमित शाह.
संघ की राजनीति पर भूपेश बघेल ने कहा है कि जिन तीन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं वहां संघ क्या क्या कर रहा है वह मीडिया में लगातार प्रकाशित और प्रसारित हो रहा है. कैसे संघ के प्रचारक और दूसरे नेता हर विधानसभा का दौरा कर रहे हैं, कैसे प्रत्याशियों की पहचान कर रहे हैं और कैसे दूसरी पार्टी के नेताओं को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. संघ की ओर से इसका खंडन कभी नहीं आता. दरअसल संघ भाजपा के लिए राजनीतिक ज़मीन तैयार करने वाली एजेंसी है. लेकिन विडंबना है कि वह अवसर देखकर राजनीति से अपने आपको अलग दिखाती है.
उन्होंने कहा है कि जब रमन सिंह के नेतृत्व में चल रही भाजपा सरकार ख़ुद शराब बेचने की घोषणा करती है तो संघ को भारतीय संस्कृति की याद नहीं आती. वे सरकार को शराब बेचने से नहीं रोकते क्योंकि उससे कमीशन आने वाला है और संघ को पैसा प्रिय है. जब छत्तीसगढ़ में राशन बांटने वाली एजेंसी नागरिक आपूर्ति निगम में घोटाला होता है तो संघ चुप रह जाता है. नान की डायरी में दर्ज हो कि पैसा नागपुर जाता रहा. कम ही लोग नहीं जानते होंगे कि नागपुर संघ का मुख्यालय है.
छत्तीसगढ़ में गौशालाओं में हुई गायों की मौतों पर उन्होंने कहा है कि संघ गौ रक्षा का चैंपियन बना हुआ है. लेकिन जब छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार के अनुदान से चलने वाली भाजपा नेता की गौशाला में ढाई सौ गायें भूख प्यास से मर जाती हैं तो संघ को कोई तकलीफ़ नहीं होती. जब यह ख़बर आती है कि धमधा में इस भाजपा नेता ने तो भूसे के भीतर ज़िदा गायें भी दफ़ना दी थी, तब भी संघ मूक दर्शक बना रहता है. वह इस ख़बर पर भी प्रतिक्रिया नहीं देता कि यह भाजपा नेता गौ मांस और चमड़े का व्यापार कर रहा था, गाय की हड्डियां तक बेच रहा था. इससे पहले कांकेर में ऐसा ही हुआ लेकिन संघ चुप रहा. पूरे छत्तीसगढ़ में गायें या तो भूख़ से मर रही हैं या पॉलिथिन खाकर, ट्रेन से कटकर मर रही हैं या ट्रकों के नीचे आकर, लेकिन मजाल है कि संघ ने एक बार भी रमन सिंह से कहा हो कि गायों की देखभाल की व्यवस्था करें.
भूपेश बघेल ने कहा है, “भाजपा के मुख्यमंत्री रमन सिंह को कहना पड़ता है कि एक साल के लिए कमीशनखोरी बंद कर दो. क्या संघ की सहमति के बिना पिछले 15 वर्षों से कमीशनखोरी होती रही? सच तो यह है कि संघ के आदर्श और विचार थोथे और दिखावटी हैं.”
राष्ट्रीय स्तर पर संघ की नीतियों के बारे में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि संघ की कश्मीर के बारे में राय सबको पता है. सबको यह भी पता है कि पीडीपी की कश्मीर के बारे में क्या सोच रही है. लेकिन जब भाजपा पीडीपी के साथ कश्मीर में सरकार बनाती है तो संघ चुप रहता है. बिहार में भाजपा की साझा सरकार के अनुदान से चलने वाले नारी निकेतन में बलात्कार और दुराचार होता है तो संघ के नेता चुप रहते हैं.
भूपेश बघेल ने कहा है, “भारत को समझने का संघ का दावा दरअसल एक ख़ास तरह के चश्मे से भारत को देखने का दावा है. जो अख़लाक़ को मारने वाले के सम्मान पर चुप रहता है, जो लिंचिंग करने वाले का स्वागत करने पर चुप रहता है, जो ग्राहम स्टेंस के मारे जाने पर चुप रहा वह संगठन भारत को समझने का दावा किस मुंह से कर सकता है?”
उन्होंने कहा है कि संघ के सपनों का भारत दरअसल हिटलर के सपने का विस्तार है. जो ऐसा सपना देखते हैं दरअसल वो भारत को समझते ही नहीं है. उन्हें मुसोलिनी की फ़ासिस्ट पार्टी का मॉडल मुबारक. कांग्रेस महात्मा गांधी के भारत को अपना विरासत समझती है. गांधी की हत्या करने वाले लोग गांधी की विरासत को नहीं समझ सकते.