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भूपेश बघेल ने कहा-अडानी के एमडीओ की जानकारी नहीं

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि अडानी के साथ हुये एमडीओ के संबंध में उन्हें जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि एमडीओ को सार्वजनिक नहीं करने का फ़ैसला सीएसपीडीसीएल का है और वह एक स्वशासी संस्था है. उन्होंने कहा कि वे इस संबंध में जानकारी लेंगे.

गौरतलब है कि एमडीओ यानी माइन डेवलपर कम ऑपरेटर के तौर पर छत्तीसगढ़ में अलग-अलग राज्य सरकारों को दिये गये कोल खदान, बड़ी कंपनियों के हवाले कर दिये गये हैं. इन खदानों का पूरा संचालन निजी कंपनियां ही कर रही हैं या करने वाली हैं.

देश के जाने-माने पत्रकार परांजय गुहा ठाकुरता को न्यूजक्लिक के लिये दिये गये साक्षात्कार में भूपेश बघेल ने कहा कि लॉकडाउन के कारण देश-दुनिया की स्थिति चिंताजनक है. लेकिन हाल ही में आरबीआई ने माना है कि कृषि क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की स्थिति बेहतर है. उन्होंने कहा कि समर्थन मूल्य में वनोपज की खरीदी स्वसहायता समूहों के माध्यम से किया जा रहा है, जिसके कारण आदिवासियों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है.

रोजगार के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे यहां 1.85 लाख शिक्षाकर्मी थे, जिन्हें हमने नियमित कर दिया है. हम शिक्षकों की भर्ती कर रहे हैं और पूर्णता की ओर है.

नक्सलियों के मुद्दे पर पूछे गये सवाल को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हमारी सरकार ने बस्तर के लोगों से बातचीत करने का वादा किया था, और बात किया भी. एक विश्वास जीतने का काम हमने किया है, जिससे नक्सली घटना में कमी आई है.

भूपेश बघेल ने दावा किया कि माओवादियों को लोगों ने सहयोग देना कम कर दिया है.

राज्य में अडानी के सवाल पर उन्होंने कहा कि अडानी हों या कोई और, नियम के विपरित किसी की सहायता नहीं की जायेगी. अडानी के एमडीओ वाले दंतेवाड़ा के आयरन ओर की माइंस को लेकर भूपेश बघेल ने कहा कि ग्रामीणों की मांग पर जांच के बाद हमने एनएमडीसी को नोटिस दे दिया है. अभी लॉकडाउन के कारण उन्होंने जवाब देने के लिये फिर से समय मांगा है. नेचुरल जस्टिस है कि जब लॉकडाउन है तो कोई कैसे जवाब देगा, इसलिये हमने उन्हें और समय दिया है.

मुख्यमंत्री ने कहा- “एनएमडीसी को जवाब देना होगा. यहां क़ानून का राज चलेगा, चाहे आदमी कितना बड़ा क्यों न हो.”

छत्तीसगढ़ पावर जेनरेशन कंपनी और अडानी के एमडीओ को लेकर भूपेश बघेल से पूछा गया कि विपक्ष में रहते हुये वह इसी एमडीओ को सार्वजनिक करने की मांग करते थे. लेकिन सत्ता में आने के बाद जब राज्य सूचना आयोग ने जानकारी सार्वजनिक करने का आदेश दिया तो उसके ख़िलाफ़ छत्तीसगढ़ पावर जेनरेशन कंपनी हाईकोर्ट पहुंच गई और एमडीओ को सार्वजनिक न करने का स्टे ले कर आ गई.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा-“एमडीओ की शर्त मुझे मालूम नहीं है. क्योंकि सीएसपीडीसीएल एक स्वशासी संस्था है. उसके चेयरमैन होते हैं, उसके अपने रुल्स रेगुलेशन होते हैं. उसके आधार पर वो गवर्न होते हैं. और उस आधार पर यदि वो गये होंगे तो मैं जानकारी ले लूंगा.”

हालांकि भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ को जो कोल ब्ल़ाक आवंटित हुआ था, वो न्यूनतम दर पर एमडीओ आवंटित हुआ था.

रायगढ़ के गारे-3 के एमडीओ को लेकर उन्होंने कहा कि मेरा व्यक्तिगत मानना है कि अगर जो नियम शर्तों में, जो एग्रीमेंट हुआ है, उसमें शर्त न हो तो उनकी जानकारी देनी चाहिये. मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएसपडीसीएल के साथ जो एग्रीमेंट हुआ है, उसकी जानकारी मुझे नहीं है.

गिधमुड़ी-पतुरिया कोल खदान को लेकर भी उन्होंने कहा कि यह राज्य सरकार के साथ नहीं छत्तीसगढ़ विद्युत बोर्ड के साथ हुआ है. मैं खुद इस बात का पक्षधर हूं कि ये सारी चीजें पारदर्शी होनी चाहिये. लेकिन ये प्रक्रिया है. उन्होंने कहा कि जो विधिसम्मत कार्रवाई होगी, उसमें पूरी पारदर्शिता होगी.

हसदेव अरण्य में भी एमडीओ और वनाधिकार क़ानून को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि वहां फॉरेस्ट राइट एक्ट लागू होगा या कोल बेयरिंग एक्ट लागू होगा, इसे देखना होगा. दोनों एक्ट एक दूसरे के विरोधाभासी हैं. इसको कौन परिभाषित करेगा, यह महत्वपूर्ण है.

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