भूपेश सरकार में छत्तीसगढ़ का कर्ज था 91,520 करोड़
रायपुर | संवादादाता: छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार में राज्य का कर्ज 91,520 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका था. यह छत्तीसगढ़ के कुल बजट का 75.32 फ़ीसदी था.
छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद वित्त मंत्री रामचंद्र सिंहदेव के कार्यकाल को छोड़ दिया जाए तो राज्य में कर्ज लेना सामान्य है. लेकिन पिछली सरकार में कर्जे की रकम लगातार बढ़ती चली गई.
भूपेश बघेल को भी कई हज़ार करोड़ रुपये का कर्ज़ विरासत में मिला. लेकिन उसके बाद उन्होंने लगातार कर्ज लिया.
वित्त विभाग के आंकड़े बताते हैं कि दिसंबर 2018 में सरकार बनते ही जनवरी 2019 में भूपेश बघेल की सरकार ने 3500 करोड़ रुपये का पहला कर्ज लिया.
अगले महीने यानी फरवरी 2019 में राज्य सरकार ने फिर 3000 करोड़ का कर्ज लिया.
मार्च के महीने में भूपेश सरकार ने 6 किश्तों में 3900 करोड़ रुपये का कर्ज लिया.
आंकड़ों के अनुसार दिसंबर 2018 में आई सरकार ने वित्त वर्ष समाप्त तक यानी मार्च 2019 तक 10,400 करोड़ रुपये का कर्ज ले लिया था.
अगले चार महीने यानी अप्रैल से जुलाई 2019 तक सरकार ने कर्ज नहीं लिया.
लेकिन अगस्त में 1000 करोड़, सितंबर में 1000 करोड़, दिसंबर में 2000 करोड़, जनवरी 2020 में 2000 करोड़ और मार्च में 5680 करोड़ रुपये का कर्ज लिया.
यानी 2019-20 में भूपेश बघेल की सरकार ने 11,680 करोड़ रुपये का कर्ज लिया.
अगस्त 2020 में सरकार ने फिर 1300 करोड़, सितंबर में 700 करोड़, अक्टूबर में 2000 करोड़, नवंबर में 2000 करोड़, दिसंबर में 2000 करोड़, जनवरी 2021 में 2000 करोड़, फरवरी में 1000 करोड़ और मार्च 2021 में 2000 करोड़ करोड़ का कर्ज लिया.
वित्त वर्ष 2020-21 में भूपेश बघेल की सरकार ने 13,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया.
जुलाई 2021 में राज्य ने फिर 1000 करोड़ का कर्ज लिया. इसी तरह अगस्त में 1000 करोड़, सितंबर में 1000 करोड़ और अक्टूबर में 1000 करोड़ का कर्ज सरकार ने लिया.
यानी वित्त वर्ष 2021-22 में कर्ज की रकम 4000 करोड़ रुपये रही.
2022-23 में भूपेश बघेल की सरकार को केवल मार्च 2023 में 2000 करोड़ रुपये का कर्ज मिला. शेष महीनों में कोई कर्ज सरकार ने नहीं लिया.
2023 में सरकार ने केवल जून के महीने में ही तीन किश्तों में 3000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था.
इसके बाद सितंबर 2023 में 2000 करोड़, अक्टूबर में 1000 करोड़ और नवंबर में सरकार ने 2000 करोड़ यानी वित्त वर्ष 2023-24 में भूपेश सरकार ने 8000 करोड़ का कर्ज लिया.