मध्यप्रदेश में बारिश से 11 मौतें
भोपाल | समाचार डेस्क: मध्यप्रदेश में पिछले तीन दिनों से लगातार वर्षा और बाढ़ से 11 मौतें हो गई है. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अनुसार आठ मौतें हुई हैं उनमें से भोपाल में 2 तथा टीकमगढ़, रीवा, झाबुआ, रायसेन और पन्ना में 1-1 मौतें हुई हैं. भोपाल-जबलपुर तथा भोपाल-बैतूल मार्ग पहले से ही बंद है. उसके बाद शनिवार को भोपाल-इंदौर मार्ग भी बाधित हो गया है. वहीं, मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में भारी बारिश अपना कहर ढ़ा रही है. राजधानी भोपाल के कई इलाके जलमग्न हो गये हैं जहां से उन्हें नाव के सहारे निकाला जा रहा है. वहीं जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. यहां बीते 24 घंटों के दौरान 175.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है. वहीं पचमढ़ी में इसी दौरान 219 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई.
राज्य में बीते चार दिनों से बारिश का दौर जारी है, सतना, सागर, होशंगाबाद, जबलपुर के बाद अब भोपाल में भी बारिश ने बाढ़ के हालात बना दिए हैं. भोपाल में शुक्रवार की रात से शुरू होकर शनिवार की सुबह तक हुई जोरदार बारिश ने कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बना दिए.
राजधानी में 24 घंटों में हुई बारिश से स्वदेश नगर, पंत नगर, लक्ष्मीपुरी, अशोका गार्डन, द्वारकानगर, जाटखेड़ी, अंत्योदय नगर, बाग दिलकुशा आदि इलाकों में कई-कई फुट पानी भर गया था. भोपाल के ग्यारह मील इलाके के छान गांव में एक परिवार के छह सदस्य बाढ़ में फंस गए थे, जिन्हें राहत व बचाव दल ने नाव से सुरक्षित निकाला.
राजधानी में बारिश पूर्व किए गए इंतजामों ने बीते 24 घंटों में हुई बारिश ने पोल खोलकर रख दी है. शुक्रवार की रात को सोए लोगों के लिए शनिवार की सुबह जब आंख खुली तो उन्हें हर तरफ पानी ही नजर आया. शहरी बस्तियों में चाहे कोई भी इलाका रहा हो, हर जगह नलियां और नाले उफान पर थे और सड़कों पर पानी भरा हुआ था.
दोपहर तक सड़कें डूबी रहीं, कई बस्तियों में शनिवार की रात तक पानी भरा हुआ था.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारी बारिश से राजधानी भोपाल में उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए जलमग्न और प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया.
चौहान सबसे पहले स्टेशन के पास पात्रा नाले पर पहुंचे. उन्होंने प्रभावित लोगों से बातचीत की और कहा कि सभी जरूरी मदद दी जाएगी.
मुख्यमंत्री इसके बाद कोच फैक्ट्री रोड, चांदबड़, खुशीपुरा, अशोका गार्डन होते हुए आशिमा माल के पास मुगलिया बस्ती पहुंचे. लोगों ने बताया कि रात में अचानक तेज बारिश से काफी परेशानी हुई.
मुख्यमंत्री ने बाग मुगालिया क्षेत्र में प्रभावित घरों का दौरा किया और स्थानीय लोगों से बातचीत की. प्रभावित लोगों की मांग पर उन्होंने कहा कि फिलहाल लोगों को खाने के पैकेट दिए जाएंगे. अस्थायी रूप से शरणस्थल बनाने की व्यवस्था की जाएगी. संपत्ति के नुकसान का सर्वे करवाया जाएगा और प्रभावितों को राहत उपलब्ध करवाई जाएगी.
उन्होंने कहा कि अत्यधिक वर्षा से भोपाल की बस्तियों में पानी भर गया है. कुछ क्षेत्रों में नाव से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया. प्रशासन पूरी तरह से राहत और बचाव कार्य में जुटा है.
सहकारिता राज्यमंत्री विश्वास सारंग, भोपाल के सांसद आलोक संजर, कलेक्टर भोपाल निशांत बरवड़े, नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज एवं प्रशासनिक अमला मुख्यमंत्री के साथ था.
राजधानी के बाढ़ के हालात को जानने भाजपा के विधायक व मंत्री विश्वास सारंग, विधायक रामेश्वर शर्मा, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव कई इलाकों का दौरा किया, साथ ही प्रभावित परिवारों की मदद की. वहीं प्रशासन का अमला बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में लगा रहा.
मौसम विभाग की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया है कि राजधानी में बीते 24 घंटों में 175.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, इसके अलावा पचमढ़ी में 219 मिलीमीटर बारिश हुई है.
राज्य के अन्य हिस्सों- होशंगाबाद, सतना और जबलपुर में भी भारी बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है.