मुठभेड़ की जांच SIT, जेलब्रेक की NIA
भोपाल | समाचार डेस्क: भोपाल जेलब्रेक की जांच NIA तथा मुठभेड़ की SIT करेगी. इस तरह से भोपाल सेन्ट्रल जेल से सिमी के आठ विचाराधीन कैदियों के भागने की जांच एक राष्ट्रीय जांच के हवाले किया जा रहा है. वहीं, जेल से भागे विचाराधीन कैदियों के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की जांच राज्य के पुलिस अधिकारी करेंगे.
मध्यप्रदेश के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने साफ कर दिया है कि सिमी के आठ विचाराधीन कैदियों से मुठभेड़ की जांच एनआईए नही करेगी. भूपेन्द्र सिंह ने कहा है कि एनआईए केवल सिमी सदस्यों के जेल से फ़रार होने की जांच करेगी.
मंगलवार को मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने एसआईटी के गठन की घोषणा की है. एसआईटी की तीन सदस्यीय टीम का नेतृत्व सीआईडी के एसपी अनुराग शर्मा करेंगे और वो पूरे मामले की रिपोर्ट पुलिस हेडक्वाटर को सौपेंगे.
उल्लेखनीय है कि एनएआईए याने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण केन्द्र सरकार का आतंकवाद निरोधक कानून प्रवर्तन एजेंसी है. एसआईटी का गठन राज्य स्तर पर जांच के लिये किया जाता है. मध्यप्रदेश में एसआईटी ने व्यापमं केस की जांच की है.
गौरतलब है कि स्टुडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया याने सिमी एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है. सिमी के जो आठ विचाराधीन कैदी पुलिस मुठभेड़ में मारे गये हैं उन पर हत्या, राजद्रोह, जेल तोड़ने तथा बैंक लूटने के आरोप थे.
उधर, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने 31 अक्टूबर को भोपाल सेन्ट्रल जेल से भागे सिमी के आठ विचाराधीन कैदियों के पुलिस मुठभेड़ पर स्वतः संज्ञान लेते हुये मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव, जीडीपी पुलिस, डीजी जेल, आईजीपी जेल और मध्यप्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर छः हफ्तों में विस्तृत जानकारी देने का आदेश दिया है.
भोपाल सेंट्रल जेल से भागे सिमी के आठ विचाराधीन कैदियों के मुठभेड़ से पहले और मुठभेड़ के बाद की कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आ गईं हैं जो सवाल खड़े कर रही हैं.
मुठबेड़ से सिर्फ 15 मिनट पहले की तस्वीरों में ईंटखेड़ी की पहाड़ी पर खड़े पहले पांच और फिर छह वही आतंकवादी नजर आये जो भोपाल सेंट्रल जेल से भागे थे.
पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर इन सभी को चारों तरफ से घेर लिया. पहाड़ी पर दूर खड़े सारे आतंकवादी बेहद इत्मीनान से खाली हाथ खड़े थे. उनके पास कोई हथियार नहीं थे. फिर 15 मिनट बाद आठों को ढेर कर दिया गया.