मोदी ने किया राम मंदिर का भूमिपूजन
अयोध्या | डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर पूजन के भव्य आयोजन के लिए 29 साल बाद अयोध्या पहुंचे और पूरी विधि विधान से मंदिर का शिलान्यास किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोपहर 12:44 के लगभग राम मंदिर की आधारशिला रखी. इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने तालियां बजाकर और ‘हर-हर महादेव’ कहकर अपनी ख़ुशी ज़ाहिर की.
पीएम मोदी करीब 11.30 बजे अयोध्या पहुंचे और सबसे पहले हनुमानगढ़ी पहुंचकर हनुमान जी की पूजा-अर्चना की. फिर राम जन्मभूमि क्षेत्र पहुंचकर भगवान राम को दंडवत प्रणाम किया. उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी थे.
पारंपरिक धोती-कुर्ता पहने मोदी को हनुमानगढ़ी मंदिर के मुख्य पुजारी ने एक पटका भेंट किया. मंदिर में कुछ देर पूजा-अर्चना करने के बाद मोदी राम जन्मभूमि क्षेत्र के लिए रवाना हो गए, राम जन्मभूमि पहुंचकर प्रधानमंत्री ने भगवान राम को दंडवत प्रणाम किया और वहां पारिजात का पौधा लगाया.
इधर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भूमिपूजन के मौके पर ट्वीट किया, “राम प्रेम हैं. वो कभी घृणा में प्रकट नहीं हो सकते.”
राहुल गांधी ने लिखा, “मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम सर्वोत्तम मानवीय गुणों का स्वरूप हैं. वे हमारे मन की गहराइयों में बसी मानवता की मूल भावना हैं. राम प्रेम हैं. वे कभी घृणा में प्रकट नहीं हो सकते. राम करुणा हैं, वे कभी घृणा में प्रकट नहीं हो सकते. राम न्याय हैं, वे कभी अन्याय में प्रकट नहीं हो सकते.”
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम सर्वोत्तम मानवीय गुणों का स्वरूप हैं। वे हमारे मन की गहराइयों में बसी मानवता की मूल भावना हैं।
राम प्रेम हैं
वे कभी घृणा में प्रकट नहीं हो सकतेराम करुणा हैं
वे कभी क्रूरता में प्रकट नहीं हो सकतेराम न्याय हैं
वे कभी अन्याय में प्रकट नहीं हो सकते।— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 5, 2020
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से पहले हो रहे भूमि पूजन के लिए अयोध्या पहुंचे योगगुरू रामदेव ने बुधवार को घोषणा की कि वो अयोध्या में अपने योग संस्थान पतंजलि योगपीठ के तहत एक भव्य गुरुकुल की स्थापना करेंगे. बता दें कि मंदिर की जिम्मेदारी देख रहे राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट ने रामदेव को भी इस समारोह के लिए न्यौता भेजा था, जिसके बाद वो कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए थे.
रामदेव ने कहा, ‘भारत का सबसे बड़ा भाग्य है कि हम देश में राम राज्य स्थापित करने के लिए बन रहे इस मंदिर के कार्यक्रम के साक्षी बन रहे हैं. पतंजलि योगपीठ यहां पर एक भव्य ‘गुरुकुल’ बनाएगा. दुनियाभर से लोग यहां पर वेद और आयुर्वेद का अध्ययन करने आ सकेंगे.’