महाराष्ट्र में तनाव बरकरार
मुंबई | डेस्क: एक जनवरी को पुणे के भीमा कोरेगांव में दलित समाज के शौर्य दिवस पर भड़की हिंसा के विरोध में दलित संगठनों ने बुधवार को महाराष्ट्र बंद रखा. मंगलवार को महाराष्ट्र में कई जगह हिंसा हुई. मुंबई में जगह-जगह रास्ता रोका गया, ट्रेनें रोकने की कोशिश की गई. जिसकी वजह से बड़ी तादाद में लोग पूर्वी एक्सप्रेस हाइवे पर जाम में भी फंस गए. आगजनी और पत्थरबाज़ी की भी घटनाएं हुईं.
भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं सालगिरह पर 1 जनवरी को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दो गुटों में हुए टकराव में एक शख्स की मौत हो गई थी. इसके बाद से महाराष्ट्र में तनाव का वातावरण बना हुआ है. इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने वाले लोगों को भी चेतावनी दी है. इस बीच कई दूसरे संगठनों ने भी अफवाहों से सावधान रहने की अपील जारी की है.
सूत्रों के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने महाराष्ट्र के ठाणे रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रोक दी. कोरेगांव हिंसा को देखते हुए ठाणे में 4 जनवरी तक धारा 144 लगाने की घोषणा की गई. बुधवार को पूरे महाराष्ट्र में लोकल ट्रेन से लेकर स्कूल और हाइवे बंद रहे. महाराष्ट्र बंद होने से राज्य की 40 हजार बसें नहीं चलीं और पुणे हाईवे भी बंद रहा. हिंसा की इन घटनाओं को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चल रहा है.
— Jignesh Mevani (@jigneshmevani80) January 2, 2018
इस संबंध में बीआर अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर ने हिंसा रोकने में सरकार की विफलता के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए बुधवार को महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया था. 63 साल के प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि 250 से अधिक दलित संगठनों का इस बंद को समर्थन दिया है.
प्रकाश अंबेडकर ने सोमवार की हिंसा को उकसाने के लिए स्थानीय तीन नेताओं पर आरोप लगाया है. इस हिंसा में एक आदमी की मृत्यु हो गई थी. उन्होंने पत्रकारों से कहा कि इसके लिए तीन व्यक्तियों को दोषी ठहरा रहा हूं.