युद्धविराम का विरोध, संकट में पीएम नेतन्याहू की कुर्सी
नई दिल्ली | डेस्क: इसराइल और हमास के बीच युद्धविराम के बाद प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू मुश्किल में आ गए हैं. युद्धविराम से नाराज़ ज्यूइश पावर पार्टी ने सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा की है.
इस घोषणा के बाद बिन्यामिन नेतन्याहू की सरकार संकट में आ सकती है क्योंकि ज्यूइश पावर पार्टी बड़े समर्थकों में से एक है.
इसराइल के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री इतेमार बेन ग्वीर के साथ-साथ यित्ज़ाक वासेरलॉफ़ और इमीहाई इलियाहू ने रविवार की सुबह अपना इस्तीफ़ा दे दिया.
इतेमार बेन ग्वीर पहले भी युद्धविराम के समझौते का विरोध करते रहे हैं. वो ग़ज़ा में हमास के ख़िलाफ़ इसराइल की सैन्य कार्रवाई का समर्थन करते हैं.
पीएम नेतन्याहू को दिए अपने इस्तीफ़े में इतेमार बेन ग्वीर ने लिखा कि वो सरकार गिराने का काम नहीं करेगे लेकिन वो युद्धविराम के समझौते से नाराज़ हैं.
उन्होंने इस समझौते को “आतंकवाद की पूर्व जीत” कहा.
इधर इसराइल और हमास के बीच ग़ज़ा में युद्धविराम समझौते और बंधकों की रिहाई पर सहमति बनने के बाद रविवार को हमास ने उन तीन महिला बंधकों के नाम जारी किए हैं जिन्हें सबसे पहले छोड़ा जाना है.
टेलीग्राम पर किए एक पोस्ट में हमास ने तीन महिला बंधकों के नाम जारी किए हैं, जिनके बारे में उन्होंने कहा है कि इसराइल के साथ युद्धविराम के तहत इन तीनों को सबसे पहले रिहा किया जाएगा.
रिहा किए जाने वालों में 24 साल की रोमी गोनेन, 28 साल की एमिली डमारी और 31 साल की डोरोन स्टीनब्रेचर शामिल है.
दूसरी ओर इसराइल ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर उन 33 बंधकों के नामों की एक लिस्ट जारी की है जिन्हें हमास युद्धविराम के पहले चरण के दौरान आज़ाद करेगा.
इसराइल ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर एक तस्वीर पोस्ट की है, जिसमें इन 33 बंधकों के नाम और तस्वीरें हैं.
इस लिस्ट के मुताबिक़, इन बंधकों में महिलाएं, कम उम्र के बच्चे और बुज़ुर्ग शामिल हैं.
15 महीने पहले, सात अक्तूबर 2023 को इसराइल पर हुए हमले के दौरान हमास के लड़ाके इन लोगों को अपने साथ बंधक बनाकर ले गए थे.